Ajmer Pension News: पेंशन का पैसा मांगा तो अधिकारी बोले- तुम तो मर चुकी हो, बवाल हुआ तो...
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Ajmer Pension News: पेंशन का पैसा मांगा तो अधिकारी बोले- तुम तो मर चुकी हो, बवाल हुआ तो...

पीड़िता के बेटे चुन्नीलाल ने कहा, 'हमने अपना अकाउंट चेक नहीं किया क्योंकि हमें लगा कि पेंशन का पैसा आ ही रहा होगा, क्योंकि वो तो पिछले कई वर्षों से नियमित रूप से आ रहा है. मैं पंचायत समिति में गया तो पाया कि मेरी मां को मृत घोषित कर दिया गया था और पिछले साल फरवरी में ही पेंशन बंद कर दी गई थी.

Ajmer Pension News: पेंशन का पैसा मांगा तो अधिकारी बोले- तुम तो मर चुकी हो, बवाल हुआ तो...

अधिकारियों ने एक जिंदा महिला को कागज में मृत घोषित कर दिया और उसकी पेंशन को रोक दिया. अधिकारियों की लापरवाही का ये मामला राजस्थान के अजमेर का है. दरअसल, अपने परिवार के साथ अजमेर जिले के एक गांव में रहने वाली 85 साल की गट्टू देवी उस समय सदमे में आ गईं जब उन्हें पता चला कि उनकी विधवा पेंशन को सरकार ने मृत घोषित कर रोक दिया है. अजमेर के टोडगढ़ तहसील के बंजारी गांव की रहने वाली तीन बच्चों की दादी को आखिरी बार फरवरी 2022 में 1,500 रुपये की पेंशन मिली थी. इसके बाद से उनके खाते में पेंशन की रकम आनी बंद हो गई थी. 

उनके बेटे चुन्नीलाल ने कहा, 'हमने अपना अकाउंट चेक नहीं किया क्योंकि हमें लगा कि पेंशन का पैसा आ ही रहा होगा, क्योंकि वो तो पिछले कई वर्षों से नियमित रूप से आ रहा है. मैं पंचायत समिति में गया तो पाया कि मेरी मां को मृत घोषित कर दिया गया था और पिछले साल फरवरी में ही पेंशन बंद कर दी गई थी.

सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के अधिकारियों ने इस गड़बड़ी का पता लगाने के लिए जांच शुरू कर दी है और पता लगाने में जुटे हैं कि आखिर ये गलती कैसे हुई. इस बीच, विभाग ने गट्टू देवी की पहचान का सत्यापन किया है और कहा कि पेंशन के बाकी के पैसे को अगले महीने जारी कर दिया जाएगा. अधिकारियों के अनुसार, पंचायत समिति द्वारा सत्यापन के बिना ही गट्टू देवी को मृत घोषित कर दिया गया था.

बेटे ने कहा कि किसी को मृत घोषित करने के लिए पंचायत को मृत्यु प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है और इसके बिना सिस्टम को अपडेट करना असंभव है. हालांकि, मेरी मां का नाम मृत व्यक्तियों की सूची में भी नहीं था.

गट्टू देवी अपने बेटे के साथ बायोमेट्रिक पहचान के लिए ई-मित्र केंद्र भी गई थीं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ था. उन्होंने बताया, “हम तीन-चार बार सेंटर पर गए, लेकिन वृद्धावस्था के कारण उनके फिंगर प्रिंट नहीं लिए जा सके.' हालांकि, जब ये मामला अधिकारियों के संज्ञान में आया तब जाकर शांत हुआ.

 

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