100 Year Old Bridges: देश में 100 साल पुराने ब्रिज आज भी मौजूद, जानें देश में कितनी संख्या में हैं ब्रिटिश कालीन रेलवे पुल
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100 Year Old Bridges: देश में 100 साल पुराने ब्रिज आज भी मौजूद, जानें देश में कितनी संख्या में हैं ब्रिटिश कालीन रेलवे पुल

Railway News:  रेलवे साल में दो बार पुल का निरीक्षण करता है. पहला मानसून से पहले और दूसरा मानसून मौसम के बाद. जांच के बाद हर पुल को ओवर ओल रेटिंग नबंर के आधार पर बांटा जाता है

100 Year Old Bridges: देश में 100 साल पुराने ब्रिज आज भी मौजूद, जानें देश में कितनी संख्या में हैं ब्रिटिश कालीन रेलवे पुल

Morbi Bridge Accident: गुजरात में मोरबी शहर में मच्छु नदी पर ब्रिटिश काल के एक पुल के टूट जाने की घटना ने पूरे देश को झकझोर को रख दिया है. इस हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई. मोरबी का यह पुल 100 साल से ज्यादा पुराना था. भविष्य में ऐसे हादसों से बचने के लिए बहुत जरूरी है कि इस तरह के पुलों की जांच की जाए और देखा जाए कि यह पुल अब भी इस्तेमाल के लायक है या नहीं.

भारत में ऐसे रेलवे पुलों की बड़ी संख्या है जिन्हें बने हुए 100 साल से अधिक का वक्त गुजर गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 13 दिसंबर, 2019 को राज्यसभा में पेश किए गए केंद्र के आंकड़ों के अनुसार देश में 38,850 रेलवे पुल ऐसे हैं जो 100 साल से भी अधिक पुराने हो गए हैं. इन पुलों का समयमेंसमय पर रखरखाव और मरम्मत की जाती है. रेलवे इतने पुराने पुलों को लेकर सतर्कता बरतता है.

कहां-कहां कितने हैं 100 साल पुराने पुल
मीडिया रिपोट्स् के मुताबिक आंकड़ें बताते हैं कि उत्तर रेलवे में 8,767, उत्तर मध्य रेलवे में 2,281, उत्तर पूर्व रेलवे में 509, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे में 219, उत्तर पश्चिम रेलवे में 985, दक्षिणी रेलवे में 2,493, दक्षिण मध्य रेलवे में 3,040, दक्षिण पूर्व रेलवे में 1,797, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में 875, दक्षिण पश्चिम रेलवे में 189, पश्चिम रेलवे में 2,866, पश्चिम मध्य रेलवे में 1,892 ऐसे पुल हैं जिन्हें बने हुए 100 वर्ष से ज्यादा का समय हो गया है.

रेलवे में पुराने पुलों की जांच के लिए है एक तय प्रक्रिया
वर्ष 2019 में पूर्व रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि रेलवे पुलों के निरीक्षण के लिए एक व्यवस्थित प्रक्रिया का पालन किया जाता है. बता दें कि रेलवे साल में दो बार पुल का निरीक्षण करता है. पहला मानसून से पहले और दूसरा मानसून मौसम के बाद. जांच के बाद हर पुल को ओवर ओल रेटिंग नबंर के आधार पर बांटा जाता है. इन नंबरों के आधार पर ही पुल का पुनर्निर्माण किया जाता है.

दिल्ली का पुराना यमुना पुल
दिल्ली का पुराना यमुना का पुल, जिसे लोहे का पुल भी कहा जाता है.ऐसा ही एक पुराना पुल है.  इस पुल का निर्माण 1866 में हुआ था. पहले इस पुल को सिंगल लाइन ब्रिज बनाया गया था लेकिन 1934 में इसे डबल लाइन ब्रिज तक बढ़ा दिया गया था. यमुना नदी में जब जलस्तर बढ़ता है तो इस पुल को एतिहात के तौर पर बंद कर दिया जाता है.

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