Bharat Nyay Yatra: भारत जोड़ो यात्रा के बाद 'मणिपुर टू मुंबई' मार्च से राहुल गांधी को क्या मिलेगा?
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Bharat Nyay Yatra: भारत जोड़ो यात्रा के बाद 'मणिपुर टू मुंबई' मार्च से राहुल गांधी को क्या मिलेगा?

Loksabha Elections 2024: भारत न्याय यात्रा में कांग्रेस मणिपुर, नागालैंड, असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र कुल 14 राज्यों को कवर करेगी. इसमें बस दो राज्य बिहार और झारखंड में गठबंधन सरकार में कांग्रेस शामिल है.

Bharat Nyay Yatra: भारत जोड़ो यात्रा के बाद 'मणिपुर टू मुंबई' मार्च से राहुल गांधी को क्या मिलेगा?

Manipur To Mumbai March: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा 2.0 शुरू कर रही है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में मणिपुर से मुंबई तक मार्च को भारत न्याय यात्रा का नाम दिया गया है. मकर संक्रांति के अवसर पर 14 जनवरी को इंफाल (मणिपुर) से शुरू होकर 20 मार्च को मुंबई (महाराष्ट्र) में खत्म होने वाली यह यात्रा देश के 14 राज्यों में 85 जिलों से होकर गुजरेगी. 

14 राज्यों के 85 जिले में 66 दिनों की लंबी यात्रा से कांग्रेस क्या हासिल करना चाहती है

मणिपुर, नागालैंड, असम, मेघालय, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र राज्यों में 66 दिनों में राहुल गांधी बस, कार, साइकिल, बाइक और पैदल करीब 6,200 किलोमीटर की यात्रा करेंगे. भारत जोड़ो यात्रा 2.0 यानी भारत न्याय यात्रा की शुरुआत के लिए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मणिपुर को क्यों चुना, यात्रा का समापन मुंबई में करने के पीछे क्या लॉजिक है और इस यात्रा से कांग्रेस को क्या मिलेगा? आइए, ऐसे कुछ और सवालों का जवाब जानने की कोशिश करते हैं.

भारत न्याय यात्रा से बढ़ेगा कांग्रेस कैडर का कॉन्फिडेंस, फिर से जिंदा होगा सांगठनिक ढांचा

हाल ही में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में तेलंगाना के अलावा बाकी राज्यों में करारी हार के बाद कांग्रेस भारत न्याय यात्रा के जरिए पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को फिर जिंदा करने और उसके कैडर के मनोबल को ऊपर उठाने के लिए एक अहम तरीके के रूप में सामने किया जा रहा है. लोकसभा चुनाव 2024 के लिए मंच तैयार करने के लिए एक रणनीतिक कदम के तौर पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी अगले साल भारत न्याय यात्रा शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं. कांग्रेस के सीनियर नेताओं के मुताबिक, भारत जोड़ो यात्रा की कामयाबी के आधार पर, जिसने गांधी की लोकप्रियता को काफी हद तक बढ़ाया, मणिपुर टू मुंबई मार्च का मकसद पूरे देश में राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक अन्याय के बारे में लोगों को जागरूक करना है.

सभी क्षेत्रों में न्याय तय करने के लिए अपना दायरा बढ़ाएगी कांग्रेस

देश के दक्षिण में कन्याकुमारी शुरू होकर उत्तर में कश्मीर तक 3,570 किलोमीटर तक चली 136 दिनों की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की लोकप्रियता में बढ़त देखी गई. कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश और तेलंगाना में कांग्रेस को इसका फायदा मिला और मेहनत चुनावी जीत में तब्दील हुई. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि भारत जोड़ो यात्रा आर्थिक असमानताओं, राजनीतिक केंद्रीकरण और सामाजिक ध्रुवीकरण पर केंद्रित थी. वहीं, देश के पूरब से पश्चिम की ओर होने वाली भारत न्याय यात्रा सभी क्षेत्रों में न्याय सुनिश्चित करने के लिए अपना दायरा बढ़ाएगी. सीधे तौर पर 90 लोकसभा सीटों से गुजरने और करीब 135 लोकसभा सीटों को जोड़ने वाली भारत न्याय यात्रा को इंफाल में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे हरी झंडी दिखाएंगे.

भारत न्याय यात्रा के रूट वाले 14 राज्यों में लोकसभा की कुल 355 सीटें हैं. मौजूदा समय में कांग्रेस के पास इनमें से महज 14 सीटें हैं. इंडिया गठबंधन का हिस्सा बने दलों को भी जोड़ लें तो कुल 67 लोकसभा सीट का आंकड़ा होता है. ऐसे हाल में राहुल गांधी अपनी भारत न्याय यात्रा के जरिए कम से कम 200 सीटों पर निशाना साधने की कोशिश करेंगे. जिससे दक्षिण भारत के सहयोगियों के जरिए लोकसभा चुनाव में बहुमत के आंकड़े 272 के पार पहुंच सकें. 

भारतीय जनता पार्टी के राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का काउंटर

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर बने भव्य मंदिर में 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर केंद्र और उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की ओर से बनाए जा रहे चुनावी माहौल को भी कांग्रेस अपनी भारत न्याय यात्रा से काउंटर करना चाहती है. 14 जनवरी को यात्रा की शुरुआत प्रतीकात्मक रूप से राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के साथ जुड़ी हुई है. यह भाजपा के धार्मिक ध्रुवीकरण का जबाव देने की कांग्रेस की मंशा को दिखाती है. कांग्रेस के सीनियर नेताओं का मानना है कि न्याय यात्रा शुरू करने के निर्णय से कांग्रेस की राजनीतिक रणनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव आने वाला है. भारत जोड़ो यात्रा का यह रीब्रांडेड और एक्सटेंडेट एडिशन कांग्रेस की कामयाबी की कहानी को फिर सेजगाने, जनता के साथ फिर से सीधे जुड़ने और राहुल गांधी के राजनीतिक व्यक्तित्व को फिर से परिभाषित करने के तौर पर उभर सकता है.

राहुल गांधी के लिए देश-विदेश की माडिया में व्यापक कवरेज का इंतजाम

भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी को देश-विदेश की माडिया में व्यापक कवरेज भी मिला था. लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस इसको फिर से भुनाना चाहती है. वहीं, यात्रा के जरिए कांग्रेस को लेकर देश में किए जा रहे नकारात्मक प्रचारों को भी जवाब देने की तैयारी की जा रही है. राम मंदिर समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने और देश भर के गणमान्य लोगों को बुलाने के पहले कांग्रेस ने भी भारत न्याय यात्रा में प्रतिष्ठित लोगों समेत प्रोफेशनल्स को बुलाने की शुरुआत कर दी है. इस यात्रा के जरिए कांग्रेस लोकसभा चुनाव 2024 से पहले मीडिया के सामने नरेंद्र मोदी बनाम राहुल गांधी कॉम्पटिशन शो बनाना चाहती है. इससे विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन को भी पीएम पद के उम्मीदवार घोषित करने जैसे सवालों को जवाब भी मिल सकेगा. 

भारत न्याय यात्रा में ज्यादा एक्टिव दिखेंगी यूपी प्रभारी पद से मुक्त प्रियंका गांधी

भारत न्याय यात्रा को कांग्रेस भले ही राजनीतिक यात्रा कहने से परहेज कर रही है, लेकिन न्याय यात्रा नाम रखना ही जनता के बीच सियासी संदेश की तरह है. लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस की महत्वाकांक्षी न्यूनतम आय योजना को प्रियंका गांधी ने 'न्याय' नाम दिया था. इसके तहत देश के हर गरीब परिवार को साल में 72 हजार रुपये दिए जाने की घोषणा की गई थी. अब प्रियंका गांधी ने ही कांग्रेस की प्रस्तावित इस अहम यात्रा को न्याय यात्रा का नाम देने में अहम भूमिका निभाई है. कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी अकेले सेनापति थे. तब यात्रा के दौरान प्रियंका गांधी बेहद कम नजर आई थीं. इसके मुकाबले भारत न्याय यात्रा में प्रियंका गांधी ज्यादा एक्टिव दिखेंगी. हाल ही में उन्हें उत्तर प्रदेश के प्रभारी पद से मुक्त किया गया है. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों, इंडिया गठबंधन या कांग्रेस की किसी अहम बैठक के लिए अगर राहुल गांधी को अचानक यात्रा के बीच से जाना पड़ा तो उस दौरान प्रियंका गांधी नेतृत्व के लिए मौजूद रहेंगी.

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