136 में 12 ज्यादा या 34? आसान जवाब में ही छिपा है राहुल गांधी की कांग्रेस का हाल
Advertisement
trendingNow11992145

136 में 12 ज्यादा या 34? आसान जवाब में ही छिपा है राहुल गांधी की कांग्रेस का हाल

कांग्रेस को कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश जैसी कामयाबी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में क्यों नहीं मिल पाई? तीनों राज्य में राहुल गांधी की मैथमेटिक्स पर कैसे भारी पड़ा मैदी मैजिक, जानिए पूरा हाल

136 में 12 ज्यादा या 34? आसान जवाब में ही छिपा है राहुल गांधी की कांग्रेस का हाल

मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना इन चार राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं. पांचवें राज्य मिजोरम विधानसभा चुनाव में डाले गए वोटों की गिनती 4 दिसंबर को होगी. चुनावी नतीजों के मुताबिक मध्य प्रदेश में भाजपा दो तिहाई बहुमत के साथ सत्ता में बरकरार रहेगी और छ्त्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस को हटाकर सत्ता में वापसी करने वाली है. वहीं तेलंगाना में दो बार से सत्ता में काबिज बीआरस प्रमुख केसीआर से कांग्रेस ने कुर्सी छिन ली है. कांग्रेस के तेलंगाना प्रभारी और सांसद मनिकम टैगोर ने कहा कि तेलंगाना विधाननसभा चुनाव में कांग्रेस के बेहतर प्रदर्शन के लिए राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने टोन सेट कर दिया था. इसके पहले कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत का क्रेडिट भी भारत जोड़ो यात्रा को दिया गया था.  उसके बाद यह सवाल लाजिमी हो जाता है कि क्या कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी की महत्वाकांक्षी यात्रा मध्य प्रदेश और राजस्थान में बेअसर हो गई? छत्तीसगढ़ को लेकर यह सवाल इसलिए नहीं हो सकता कि यह यात्रा वहां नहीं गई थी.

कन्याकुमारी से कश्मीर तक 136 दिनों की भारत जोड़ो यात्रा

दक्षिण में कन्याकुमारी से शुरू होकर उत्तर में जम्मू कश्मीर जाकर पूरी होने वाली राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने 136 दिनों में 12 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों से गुजरते हुए चार हजार से अधिक किलोमीटर की दूरी तय की थी. इस दौरान उन्होंने कई सभाओं को संबोधित किया और केंद्र सरकार पर जमकर हमले बोले. भारत जोड़ो यात्रा के आधिकारिक आंकड़े के मुताबिक राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश में 16 दिन और राजस्थान में 18 दिनों तक यात्रा की, जबकि तेलंगाना में उससे कम 12 दिन ही रहे. इनमें से मध्य प्रदेश में भाजपा और तेलंगाना में बीआरएस की सरकार थी. राजस्थान में राहुल गांधी की पार्टी कांग्रेस ही सरकार में थी. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार थी और राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा वहां नहीं गई. इन राज्यों में कांग्रेस सिर्फ तेलंगाना में अच्छा प्रदर्शन कर पाई. 

राहुल गांधी की मैथमेटिक्स पर भारी पड़ा मोदी मैजिक

हैरत की बात यह भी है कि राहुल गांधी ने कांग्रेस को फिर से धार देने के लिए देशव्यापी भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत की थी. तब कयास लगाए जा रहे थे कि राहुल की कोशिशों से कांग्रेस एक बार फिर से मजबूत हो जाएगी. इसलिए कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश के चुनावी नतीजे को इससे जोड़कर देखा और प्रचारित किया गया, लेकिन तीन दिसंबर को सामने आए चुनावी नतीजों ने यह साबित कर दिया कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा समेत कांग्रेस की सारी मैथमेटिक्स मोदी मैजिक के सामने दम तोड़ चुकी है. यहां तक कि कांग्रेस के दिग्गज नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने खुद की पार्टी पर तंज कसते हुए कह दिया कि कांग्रेस को सनातन का श्राप ले डूबा. हालांकि, अभी तक किसी ने सीधे राहुल गांधी का नाम नहीं लिया है पर कांग्रेस के अंदर हार की कसक उभर कर सामने आने लगी है.

भारत जोड़ो यात्रा 2.0 की तैयारी में जुटे राहुल गांधी

बहरहाल, राहुल गांधी और उनकी पार्टी कांग्रेस  ने कहा है कि वह भारत जोड़ो यात्रा के दूसरे चरण को देश में पश्चिम से पूर्व तक यानी गुजरात से अरुणाचल प्रदेश तक निकालने की योजना बनाई है. लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस गुजरात के पोरबंदर से अरुणाचल प्रदेश के परशुराम कुंड तक एक और मार्च निकालने की योजना बना रही है. सितंबर 2022 को कन्याकुमारी से यात्रा शुरू 30 जनवरी 2023 को कश्मीर में संपन्न भारत जोड़ो यात्रा के पहले चरण की तरह कांग्रेस पासीघाट से पोरबंदर तक यात्रा पर विचार कर रही है. हालांकि, भारत जोड़ो यात्रा 2.0 पहले की तरह पैदल नहीं होकर हाईब्रीड मोड में निकाली जाएगी. सूत्रों के मुताबिक इस साल दिसंबर में यात्रा की शुरुआत हो सकती है, जो अगले साल फरवरी में पूरी होगी. प्रस्तावित यात्रा में राहुल गांधी कई नए एक्सपेरिमेंट और अपडेट करने वाले हैं.

Trending news