एफडी के पैसे तक नहीं दे पा रहा यह बैंक, चीन की लुटिया डूबने वाली है! मूडीज ने जिनपिंग का मूड किया खराब
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एफडी के पैसे तक नहीं दे पा रहा यह बैंक, चीन की लुटिया डूबने वाली है! मूडीज ने जिनपिंग का मूड किया खराब

दुनियाभर के देशों को कर्ज के जाल में फंसाने वाला चीन खुद गहरे आर्थिक संकट की ओर बढ़ रहा है। उसका शैडो बैंकिंग सेक्टर पतन की ओर है। एक और बड़ा बैंक निवेशकों के पैसे मैच्योर होने के बाद भी नहीं दे पा रहा है। इधर रेटिंग एजेंसी मूडीज ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग की टेंशन बढ़ा दी है। यह अर्थव्यवस्था के लिहाज से चीन के लिए शुभ संकेत नहीं हैं। 

एफडी के पैसे तक नहीं दे पा रहा यह बैंक, चीन की लुटिया डूबने वाली है! मूडीज ने जिनपिंग का मूड किया खराब

China News: एक तरफ भारत की इकोनॉमी 6 प्रतिशत से ज्यादा की रफ्तार से बढ़ रही है, तो पड़ोसी चीन की हालत ठीक नहीं लग रही. जी हां, दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था एक साथ कई आर्थिक समस्याओं से जूझ रही है. जीवनभर राज करने की जुगत में लगे राष्ट्रपति शी जिनपिंग के लिए देश के शैडो बैकिंग सेक्टर से बुरी खबर आई है. एक और 'शैडो बैंक' गंभीर आर्थिक संकट में घिर गया है. इसका नाम है वैंक्सियांग ट्रस्ट. यह चीन की एक प्रमुख इन्वेस्टमेंट और एसेट मैनेजमेंट कंपनी है. बताया जा रहा है कि इसकी हालत इतनी खराब है कि अपने निवेशकों को समय से भुगतान भी नहीं कर पा रही है. हां उनके FD मैच्योर हो गए हैं लेकिन पैसा फंसा है. हांगझाऊ से काम करने वाले इस फर्म ने कई अरब युआन के मैच्योर हो चुके प्रोडक्ट्स के भुगतान में देरी की है. गौर करने वाली बात यह है कि इसमें से कई रियल एस्टेस में निवेश किए गए थे. '21फर्स्ट सेंचुरी बिजनस हेराल्ड' ने निवेशकों के हवाले से यह खबर प्रकाशित की है. इस तरह की कंपनी चीन में आम लोगों, कंपनियों और दूसरे प्रतिष्ठानों के फंड का प्रबंधन करती है. इस बीच, रेटिंग एजेंसी मूडीज ने जिनपिंग का मूड और खराब कर दिया है.

चीन का यह भरोसेमंद फर्म उसके 3 ट्रिलियन शैडो बैंकिंग इंडस्ट्री का हिस्सा है, जो देश में वित्त का एक महत्वपूर्ण सोर्स है. आगे बढ़ने से पहले शैडो का मतलब भी समझ लीजिए. Shadow मतलब परछाई आप जानते होंगे उसी तरह जो वित्तीय गतिविधियां औपचारिक बैंकिंग सिस्टम से बाहर पूरी होती हैं उसे शैडो बैंकिंग कहा जाता है. यह ऑफ-बैलेंस शीट एक्टिविटी हो सकती है या फिर गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों के द्वारा पूरी की जाती है.

मूडीज ने चीन को किया आगाह

चीन के आर्थिक विकास की खस्ता हालत को देखते हुए मूडीज ने आगाह किया है कि वह चीन की रेटिंग घटा सकता है. फिलहाल उसने चीन के क्रेडिट रेटिंग पर अपना आउटलुक स्थिर यानी स्टेबल से कम करके निगेटिव कर दिया है. मूडीज ने मीडियम अवधि में लगातार कम आर्थिक वृद्धि और प्रॉपर्टी सेक्टर में चल रहे मौजूदा संकट को इसकी वजह बताया है. हालांकि यह भी जान लीजिए कि आउटलुक घटाने का सीधे तौर पर मतलब यह नहीं है कि रेटिंग एजेंसी ऐसा करेगी ही, हां इसकी संभावना जरूर थोड़ी बढ़ जाती है. 

निगेटिव आउटलुक से यह स्पष्ट होता है कि अथॉरिटीज को कर्ज में डूबी स्थानीय सरकारों और सरकारी फर्मों के लिए वित्तीय सहायता की व्यवस्था करनी होगी. इससे चीन की वित्तीय और संस्थागत मजबूती के दरकने का जोखिम पैदा हो सकता है - मूडीज 

चीन का ग्राफ नीचे की ओर

हाल के दशकों में दुनिया में विकास की बातें होती हैं तो चीनी माल और चीन की अर्थव्यवस्था की चर्चा विशेष रूप से की जाती है. वास्तव में चीन की ग्रोथ के पीछे बढ़ती आबादी के साथ-साथ शहरीकरण के कारण हाउसिंग सेक्टर में आया बूम प्रमुख वजह बना. अब आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि अचानक ऐसा क्या हो गया कि चीन की तरक्की का ग्राफ नीचे भाग रहा है. दरअसल, सभी प्रमुख प्रॉपर्टी मार्केट की इकोनॉमी में हिस्सेदारी कम से कम 30 फीसदी की है. दो साल पहले जब सरकार ने डेवलपर्स के उधार लेने पर शिकंजा कसना शुरू किया तो यह सेक्टर चरमराने लगा. एक्सपर्ट्स की मानें तो प्रॉपर्ट में गिरावट का दौर लंबा खिंच सकता है जिससे कई साल के लिए चीन के विकास में अड़चन आ सकती है. 

'कोरोना की जन्मस्थली' के तौर पर दुनियाभर में बदनाम हो चुके चीन की परेशानी इतनी ही नहीं है. स्थानीय सरकार पर बढ़ता कर्ज भी बड़े संकट की ओर इशारा कर रहा है. जमीन की बिक्री से मिलने वाले राजस्व में बड़ी गिरावट के साथ-साथ महामारी के कारण लगा लॉकडाउन लंबे समय तक रहने से स्थानीय सरकार पर कर्ज और बढ़ गया है. 

चीन की अर्थव्यवस्था पर नजर रखने वाले एक्सपर्ट मान रहे हैं कि देश का रियल एस्टेट संकट एक बड़ी वित्तीय समस्या को जन्म दे सकता है. इसकी वजह यह है कि चीन के शैडो बैंकिंग इंडस्ट्री की बड़ी कंपनियां वित्तीय समस्याओं का सामना कर रही हैं. इसकी भी वजह प्रॉपर्टी इन्वेस्टमेंट का फेल होना है. 

एक और चिंता की बात

हां, बॉर्डर पर चीन की हरकतें देखने के बाद आपको अंदर की बात भी समझना जरूरी है. चीन की दीर्घकालिक आबादी घट रही है. हां देश की प्रजनन दर इस समय जापान की तुलना में भी कम है, जो लंबे समय से अपने उम्रदराज समाज के लिए जाना जाता है. इस साल की शुरुआत में, चीन ने जो डेटा जारी किया था उससे पता चलता है कि छह दशकों में पहली बार पिछले साल उसकी आबादी कम होने लगी. इसका असर क्या होगा, यह भी जान लीजिए. लेबर सप्लाई में गिरावट, हेल्थकेयर और सामाजिक खर्चे में बढ़ोतरी से व्यापक राजकोषीय घाटा और कर्ज का बोझ बढ़ सकता है. छोटा वर्कफोर्स घरेलू बचत को भी खत्म कर सकता है, जिससे ब्याज दरें ज्यादा और निवेश में कमी आ सकती है.

चीन के विकास का 'मूड'

मूडीज का अनुमान है कि चीन की सालाना आर्थिक विकास दर 2024 और 2025 में भी 4 प्रतिशत तक यानी सुस्त बनी रह सकती है. इतना ही नहीं, आगे 2026 से 2030 तक यह औसतन 3.8 प्रतिशत के आसपास रह सकती है. इस साल भी चीन करीब 5% के आसपास ग्रोथ की उम्मीद कर रहा है. चीन के वित्त मंत्रालय ने मूडीज की रेटिंग पर निराशा जाहिर की है. उसने अपनी सफाई में उम्मीद की नई किरण दिखाने की कोशिश की है लेकिन जिनपिंग के लिए अर्थव्यवस्था को संभालने का अलार्म तो बज ही गया है.

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