विधु विनोद चोपड़ा ने कहा कि मैं शाहीन बाग जैसी घटनाओं के खिलाफ हूं. इस तरह की घटनाएं देश को तोड़ती हैं. शाहीन बाग में Zee news के साथ जो हुआ वह गलत हुआ.
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नई दिल्ली : जम्मू कश्मीर में 90 के दशक में कश्मीर से कश्मीरी पंडितों के पलायन पर आधारित विधु विनोद चोपड़ा (Vidhu Vinod Chopra) की फिल्म 'शिकारा' (Shikara) के रिलीज़ होने से पहले ही विवादों में घसीटा गया है. फिल्म के रिलीज के खिलाफ जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है. इसके कुछ दृश्यों को हटवाने की मांग की गई है.
इसी मामले को लेकर विधु ने जी न्यूज ने खास बातचीत में कहा कि मैं 26 से यह फिल्म बनाना चाहता था.पहले मेरा बैकग्राउंड जान लें, मैं खुद कश्मीर में पला बड़ा हूं. मैंने ये फिल्म अपनी मां के लिए बनाई है.
सीएए को लेकर हो रहे विरोध-प्रदर्शन पर उन्होंने कहा कि लोगों के साथ संवाद किया जाना चाहिए, तभी विवाद से छुटकारा पाया जा सकता है. मैं शाहीन बाग जैसी घटनाओं के खिलाफ हूं. इस तरह की घटनाएं देश को तोड़ती हैं. शाहीन बाग में Zee news के साथ जो हुआ वह गलत हुआ. जेएनयू छात्रों की टुकड़े-टुकड़े गैंग पर वह बोले- मैं उन्हें फ्री में फिल्म दिखाऊंगा ताकि वे इस फिल्म से कुछ सीख सकें.
फिल्म के बजट को लेकर वह बोले कि मेरे अकाउंटेंट मुझसे काफी दुखी हैं, जितने में मैंने ये फिल्म बनाई है, उतने बजट में 'मुन्ना भाई' और 'थ्री इडियट' जैसी फिल्में बन सकती हैं.
जम्मू-कश्मीर से 370 हटाए जाने पर वह बोले- मैं पीएम नरेंद्र मोदी से प्रभावित हूं, किसी भी विवाद में संवाद होना जरूरी है. ठीक उसी तरह अनुपम खेर और नसीरूद्दीन शाह दोनों को कॉफी टेबल पर बैठकर बातें करनी चाहिए.
विधु ने 'शिकारा' फिल्म के बारे में बताया कि इस फिल्म में हमने रियल फेक्ट डाले हैं, जैसे रिफ्यूजियों को खाने के लिए सेब की जगह टमाटर दिए जाते थे और जब टमाटर कम पड़ जाते थे तो लोगों को आधा-आधा टमाटर भी बांटा गया था. इस तरह के कई रियल सीन फिल्म फिल्म में देखकर आप भावुक हो जाएंगे.
ये फिल्म 7 फरवरी को रिलीज होनी है. एआर रहमान ने इस फिल्म का संगीत दिया है,लेकिन उन्होंने भी विधु से कोई पैसा नहीं लिया है.