Sanjeev Kumar: साथ में काम करते हुए एक्टरों का एक-दूसरे के साथ भावनात्मक लगाव हो जाता है. लेकिन हर बार यह अफेयर ही नहीं होता. एक-दूसरे के प्रति सम्मान भी होता है. यही वजह है कि संजीव कुमार को जब पता चला कि अगली फिल्म में जया बच्चन उनके साथ सेक्स वर्कर के रोल में होंगी, तो उन्होंने बड़ा कदम उठाया...
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Sanjeev Kumar Films: संजीव कुमार हिंदी फिल्मों के शानदार एक्टरों में से थे. गुलजार (Gulzar) के साथ उनकी दोस्ती प्रसिद्ध थी तो जया बच्चन (Jaya Bachchan) के साथ भी उनका सहज दोस्ताना लोग याद करते हैं. दोनों ने आधा दर्जन से ज्यादा फिल्मों में साथ काम किया. दोनों बहुत करीब थे और एक-दूसरे की इज्जत करते थे. यही वजह है कि जब गुलजार ने फिल्म मौसम (Film Mausam) प्लान की तो इसमें संजीव कुमार (Sanjeev Kumar) और जया बच्चन (जो उस समय जया भादुड़ी थीं) को इसमें कास्ट किया. फिल्म में हीरोइन का डबल रोल था. एक रोल में वह सेक्स वर्कर (Sex Worker) थी और दूसरे में हीरो की बेटी. जब फिल्म की शूटिंग शुरू होने वाली थी तो जया बच्चन को सेक्स वर्कर के रोल में देखकर संजीव कुमार असहज हो गए.
कारण था कुछ ऐसा
संजीव कुमार ने जया बच्चन से कहा कि अगर तुम यह फिल्म करोगी, तो मैं नहीं करूंगा. जया बच्चन गुलजार की भी अच्छी दोस्त थी. लेकिन उन्होंने संजीव कुमार की बात मानी और गुलजार से कहा वह इस फिल्म बाहर हो रही हैं. वह नहीं चाहती थीं कि ऐसा रोल करे, जिससे संजीव कुमार के दिल को ठेस पहुंचती है. बाद में गुलजार ने इस रोल में शर्मीला टैगोर (Sharmila Tagore) को लिया. शर्मीला ने दोनों भूमिकाएं बढिया ढंग से निभाई. संजीव कुमार के कहने पर फिल्म से हटने को लेकर बाद में जया बच्चन ने कहा कि हरिभाई (संजीव कुमार का असली नाम) मुझसे हर बात साझा करते थे और वह शानदार अभिनेता थे. उनके साथ काम करना हर बार एक चुनौती की तरह होता था. वह मुझे हमेशा अपने साथ एक सुरक्षा घेरे में रखते थे. मुझे जरा-सी तकलीफ हो, यह उन्हें बर्दाश्त नहीं था. यही वजह है कि वह जया बच्चन को सेक्स वर्कर के रोल में नहीं देख पा रहे थे. संजीव कुमार और जया ने कोशिश (1972), परिचय (1972), अनामिका (1973), नया दिन नई रात (1974), नौकर (1979), शोले (1975), सिलसिला (1981) में साथ-साथ काम किया था.
बदल गई हीरोइन
खैर, जब जया बच्चन ने यह फिल्म छोड़ी तो अपनी जगह अंजू महेंद्रू के नाम की सिफारिश की, लेकिन गुलजार ने मना कर दिया. अंजू महेंद्र ने इसके लिए गुलजार को कभी माफ नहीं किया. जया के बाद गुलजार मुख्य भूमिका के लिए जरीना वहाब को साइन करना चाहते थे. लेकिन जब शर्मिला टैगोर ने इस फिल्म के बारे में सुना, तो उन्होंने आगे बढ़कर गुलजार से कहा कि वह यह रोल करना चाहती हैं. गुलजार के लिए इससे बढ़िया क्या हो सकता था. शर्मीला स्टार थीं और स्टार के होने पर फिल्म बेचना आसान था. अतः उन्होंने शर्मीला को फिल्म में ले लिया. फिल्म को 1977 में चार फिल्म फेयर अवार्ड्स में नॉमिनेट किया गया. दो में इसे ट्रॉफी मिली. मौसम को उस साल बेस्ट फिल्म और बेस्ट डायरेक्टर का अवार्ड मिला.