Ek Din Ek Film: इस बॉलीवुड फिल्म ने याद किया था हिरोशिमा-नागासाकी को, दुनिया को दिया अमन का संदेश
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Ek Din Ek Film: इस बॉलीवुड फिल्म ने याद किया था हिरोशिमा-नागासाकी को, दुनिया को दिया अमन का संदेश

Rajendra Kumar Film: आज हिरोशिमा दिवस (Hiroshima Day) है. बॉलीवुड में बनी फिल्म अमन अपने तरह की संभवतः अकेली फिल्म में जिसमें हिरोशिमा-नागासाकी पर परमाणु बम गिराए जाने के बाद के हालात को दिखाया गया है. यह फिल्म आप देख सकते हैं. इसमें कुछ और भी खास है. वह क्या, जानिए...

 

Ek Din Ek Film: इस बॉलीवुड फिल्म ने याद किया था हिरोशिमा-नागासाकी को, दुनिया को दिया अमन का संदेश

Saira Banu Film: पिछले दिनों ओटीटी पर रिलीज फिल्म बवाल (Films Bawaal) में ऑश्विट्स की विभीषिका पर पर जैसा डायलॉग सामने आया, उसे इंटरनेशनल बवाल खड़ा हुआ. कई लोगों ने बॉलीवुड निर्माता-निर्देशक की नासमझी पर विरोध जताया. लेकिन द्वितीय विश्व युद्ध (Second World War) में जापान (Japan) के हिरोशिमा-नागासाकी पर बम गिराए जाने की भीषण घटना पर बॉलीवुड (Bollywood) ने एक दौर में ‘अमन’ नाम से फिल्म बनाई थी. 1967 में आई इस फिल्म में राजेंद्र कुमार (Rajendra Kumar) और सायरा बानू (Saira Banu) थे. मोहन कुमार निर्माता-निर्देशक थे. हालांकि फिल्म बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप रही, परंतु मोहन कुमार समेत कई लोगों का कहना था कि यह अपने समय से आगे की फिल्म थी. इसी दर्शक समझ नहीं पाए.

आगे बने दिग्गज
कई मायनों में अमन एक अनोखी फिल्म थी. अव्वल जो हिरोशिमा-नागासाकी पर कोई दूसरी फिल्म नहीं बनी. दूसरे इस फिल्म का जिक्र कुछ खास लोगों के लिए बार-बार आता है. अंतरराष्ट्रीय दार्शनिक बर्ट्रेंड रसेल ने फिल्म में कैमियो रोल किया था. जो विश्व सिनेमा में भी दुर्लभ है. उस वक्त रसेल 95 बरस के थे. उन्हें साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार भी मिल चुका था. रसेल ही नहीं बल्कि इस फिल्म में दो ऐसे लोगों की झलक मिलती है, जो आगे जाकर भारत में अपने-अपने क्षेत्र में दिग्गज बने. फिल्म में गायक जगजीत सिंह (Jagjit singh) एक छोटे से रोल में नजर आते हैं. वह फिल्म में हीरो राजेंद्र कुमार के दोस्त बने हैं. वहीं फिल्म के एक सीन में नसीरुद्दीन शाह (Naseeruddin Shah) की एक झलक मात्र मिलती है, जिसमें वह लगभग एक्स्ट्रा की तरह हैं. उनका नजर आना इतना हल्का है कि आपको वह सीन पॉज करना पड़ेगा.

रेडिएशन का संकट
खैर, फिल्म अमन जापानी युवती मैलोडा (सायरा बानू) की कहानी थी, जो जापानी है. मगर भारत में उसकी पढ़ाई-लिखाई हुई. इसलिए वह हिंदी जानती है. वहीं फिल्म का हीरो डॉ. गौतमदास (राजेंद्र कुमार) लंदन में पढ़कर डॉक्टर बना है. हिरोशिमा-नागासाकी पर बम गिराए जाने से पैदा हुए मानवीय संकट में मदद करने के लिए वह जापान जाता है. वहां गौतमदास और मैलोडा की मुलाकात होती है. फिल्म परमाणु बम के कारण हुई तबाही को दिखाती हुई जिंदा बचे रह गए लोगों पर रेडिएशन के संकट को सामने लाती है. फिल्म युद्ध के विरुध अमन-शांति का संदेश देती है. फिल्म मैलोडा और डॉक्टर गौतमदास की लव स्टोरी भी है. फिल्म भारत-जापान के राजनीतिक और सांस्कृतिक संबंधों पर भी बात करती है.

नाराज फिल्ममेकर
अमन एक अलग ढंग का सिनेमा है. आज के कंटेंट सिनेमा का दौर में यह कई कारणों से देखे जाने योग्य है. फिल्म दुनिया पर परमाणु खतरे की बात करती है. फिल्म को बहुत खूबसूरती से शूट किया गया है. हालांकि रिलीज के बाद फिल्म भारत में बुरी तरह फ्लॉप रही थी. दर्शक इस फिल्म से खुद को कनेक्ट नहीं कर सके. नाराज फिल्ममेकर मोहन कुमार ने कहा था कि इससे बेहतर होता कि मैं इस मुद्दे पर डॉक्युमेंट्री बना देता. आज यह फिल्म उपलब्ध है. ढाई घंटे की इस फिल्म को आप जी5 या यूट्यूब पर फ्री देख सकते हैं.

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