डायलॉग से ज्यादा आंखें मटकाकर इस एक्ट्रेस ने जीता दिल, हेमा मालिनी की 'चाची' बनकर हुईं मशहूर
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डायलॉग से ज्यादा आंखें मटकाकर इस एक्ट्रेस ने जीता दिल, हेमा मालिनी की 'चाची' बनकर हुईं मशहूर

Manorama सिनेमाजगत की इतनी बेहतरीन एक्ट्रेस हैं कि उनकी फिल्में देखकर लोगों के चेहरे पर आज भी हंसी आ जाती है. मनोरमा ने कई सारी फिल्मों में काम किया लेकिन 'सीता और' गीता फिल्म उनके करियर में मील का पत्थर साबित हुई.

 

मनोरमा

Hema Malini Chachi Manorama: सिनेमाजगत में कुछ सितारे ऐसे हैं जो भले ही आज हमारे बीच नहीं है लेकिन वो अपनी एक्टिंग के दम पर लोगों के दिलों में आज भी जिंदा है. ऐसी ही एक वेटरन एक्ट्रेस मनोरमा (Manorama) हैं. बड़ा सा चेहरा, मटकाती गोल-गोल आंखे और लंबी सी स्माइल लेकर...आंखों से सब कुछ कह देने की कला बहुत कम लोगों में होती है. ये कला मनोरमा में कूट-कूटकर भरी थी. यहां तक कि डायलॉग से ज्यादा लोग उन्हें उनके चेहरे के हाव भाव देखकर समझ जाते थे कि उनके मन में क्या चल रहा है. मनोरमा ने कई सारी फिल्मों में काम किया लेकिन हेमा मालिनी की चाची का रोल उन्हें इतना भाया कि लोग उन्हें उस रोल में सबसे ज्यादा पसंद करने लगे.

लाहौर में हुआ था मनोरमा का जन्म
मनोरमा का जन्म 16 अगस्त, 1926 को लाहौर में हुआ था. मनोरमा का असली नाम बहुत कम लोग जानते हैं. इनका असली नाम इरिन इसाक डेनियल था. इनकी मां आइरिश थी और पिता हिंदू क्रिश्चियन थे. मनोरमा ने साल 1941 में 'खजांची' फिल्म से बतौर चाइल्ड एक्टर अपने करियर की शुरुआत की. इसके बाद इरिन का नाम मनोरमा पड़ा. जब विभाजन हुआ तो वो लाहौर से मुंबई आ गई और पंजाबी फिल्म में काम किया. 

 

 
 
 
 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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मिली कैरेक्टर आर्टिस्ट के रोल में पहचान
इसके बाद मनोरमा को दिलीप कुमार की फिल्म 'घर की इज्जत' में बहन का रोल निभाने को मिला. इस तरह से मनोरमा फिल्मों में बतौर कैरेक्टर आर्टिस्ट अपनी पहचान बनाने लगीं. 

 

 

सीता और गीता बनीं टर्निंग प्वाइंट
इसके बाद साल 1972 में हेमा मालिनी की फिल्म 'सीता और गीता' में मनोरमा ने खराब चाची का रोल निभाया था. इस रोल में मनोरमा को लोगों ने इतना ज्यादा पसंद किया कि वो उनके करियर के लिए टर्निंग प्वाइंट साबित हुई. इस फिल्म में मनोरमा के चेहरे के एक्सप्रेशन ने लोगों को खूब हंसाया और वो नकारात्मक किरदार होते हुए भी लोगों के दिलों में बस गईं.

 

 

 2008 में हुई मौत
मनोरमा ने निर्माता राजन हकसर से शादी की लेकिन कुछ साल बाद राहें अलग हो गईं. कुछ वक्त बाद मनोरमा की तबीयत ठीक नहीं रहने लगी और 15 फरवरी 2008 को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया. मनोरमा की 'सीता गीता' (Seeta Aur Geeta) फिल्म अभी भी जब टीवी पर आती है तो उनके फैंस इस फिल्म को उतने ही चाव से देखते हैं. इस फिल्म के कुछ सीन्स तो ऐसे हैं जो चेहरे पर लंबी सी मुस्कान ला देते है.

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