Film Review: वरुण धवन (Varun Dhawan), श्रद्धा कपूर (Shraddha Kapoor) की स्ट्रीट डांसर 3 डी (Street Dancer 3D)की कहानी कमजोर है, लेकिन डांस दृश्य ऐसे हैं कि आप इग्नोर नहीं कर पाएंगे.
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नई दिल्ली : स्ट्रीट डांसर 3 डी (Street Dancer 3D) में इस बार डांस के जरिए रेमो डिसूजा फिर दर्शकों के लिए कुछ अलग लेकर आए हैं. वरुण धवन, (Varun Dhawan), श्रद्धा कपूर, (Shraddha Kapoor), नोरा फतेही (Nora fatehi) और प्रभु देवा (Prabhu Deva) समेत कई डांसर्स से सजी ये फिल्म डांस के मामले में बिल्कुल परफेक्ट है. फिल्म का विजुअलाइजेशन, इफेक्ट्स और म्यूजिक गज़ब का है. डांस बैटल का स्टेज और फिल्म में दिखाई गई सारी लोकेशन्स कमाल की हैं.क्लाईमैक्स सीन का डांस एक तरह से विजुअल ट्रीट है. फिल्म में कहानी के साथ-साथ एक मैसेज भी दिया है, जो भारतीय दर्शकों के साथ पाकिस्तान को भी काफी पंसद आने वाला है.
कहानी
फिल्म की कहानी लंदन से ही शुरू होती है, जहां रहते हैं स्ट्रीट डांसर्स, स्ट्रीट डांसर्स टीम को लीड करता है एनआरआई सहज (वरुण धवन) जो कि अपने भाई (पुनीत पाठक) के डांस के सपने को जारी रखता है. इंडिया से पैसा लेने के बाद सहज लंदन में अपने भाई के डांस ग्रुप को चलाकर उसका सपना पूरा करना चाहते हैं, स्ट्रीट डांसर्स की टक्कर में एक और ग्रुप रहता है और वो ग्रुप होता है रूल ब्रेकर्स का, जिसकी लीडर होती है इनायत यानी श्रद्धा कपूर. फिल्म में श्रद्धा कपूर पाकिस्तानी लड़की के रोल में हैं. सहज और इनायत एक-दूसरे को बिल्कुल पसंद नहीं करते हैं. सहज का डांस ग्रुप इंडिया का होता है तो वहीं इनायत का पाकिस्तान से. Street Dancer फिल्म में आगे चलकर एंट्री होती है मिया यानी नोरा फतेही की. मिया ब्रिटेन की सबसे दमदार डांस टीम द रॉयल्स का हिस्सा होती हैं, जिन्हें स्ट्रीट डांसर्स सहज यानी वरूण धवन से प्यार होता है.
स्टारकास्ट- वरुण धवन, श्रद्धा कपूर, प्रभुदेवा और नोरा फतेही
निर्देशन- रेमो डिसूजा
निर्माता- भूषण कुमार, कृष्ण कुमार और लिजैल डिसूजा
स्टार- 3
फिल्म में सहज और इनायत की डांस बैटल को लेकर नोक-झोंक होती रहती है, जो चलती है राम प्रसाद यानी प्रभुदेवा के रेस्टोरेंट में, जहां पर स्ट्रीट डांसर्स (भारतीय डांसर्स) और रूल ब्रेकर्स( पाकिस्तानी डांसर्स) अक्सर भारत पाकिस्तान का मैच देखने आते हैं. सहज (वरुण धवन) और इनायत (श्रद्धा कपूर) दोनों ही अपनी-अपनी टीम्स के लिए चीयर करते हैं मैच के दौरान भारत-पाकिस्तान फैंस के बीच मुंहजुबानी कई बार लड़ाई भी होती है. इसके बाद फिल्म में शुरू होती है डांस की सबसे बड़ी बैटल. सहज का भाई उसे बताता है कि उसका सपना है कि जीरो ग्राउंड डांस बैटल को वो जीते, इसीलिए सहज इस कॉम्पटीशन में हिस्सा भी ले लेता है. सहज (वरुण) अपनी टीम के तीन लोगों को छोड़कर गर्लफ्रेंड मिया (नोरा) के साथ ब्रिटेन की सबसे दमदार डांस टीम द रॉयल्स डांस ग्रुप को ज्वॉइन कर लेता है. उधर, इनायत भी इस कॉम्पटीशन में आ जाती हैं क्योंकि उसे रामप्रसाद (प्रभुदेवा) की एक सच्चाई के बारे में बताता है. इनायत एक बेहद अच्छे काम के लिए इस डांस कॉम्पटीशन से पैसे कमाकर लोगों की मदद करना चाहती हैं. बस फिर इसके बाद शुरू होती है जीरो ग्राउंड बैटल को जीतने की जंग. अब इस बीच क्या-क्या होता है और कौन ये कॉम्पटीशन जीतता है. ये आपको फिल्म देखकर की पता चलेगा.
संगीत
फिल्म का म्यूजिक वाकई में शानदार है. फिल्म के गाने पहले ही हिट हो चुके हैं. फिल्म का संगीत सचिन-जिगर, बादशाह, तनिष्क बागची और गुरु रंधावा ने तैयार किया है. फिल्म में कई गाने हैं और लगभग सभी गाने बेहतरीन हैं, हालांकि रिलीज कुछ कम ही गाने हुए हैं. और हां 'लगदी लाहौर दी' गाना इस फिल्म में क्यों लिया गया है ये भी आपको फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगा.
डायरेक्शन
फिल्म का डायरेक्शन रेमो डिसूजा ने किया है. डांस पर बेस्ड रेमो की ये तीसरी फिल्म है. इससे पहले वो 'एबीसीडी' और 'एबीसीडी 2' बना चुके हैं. 'एबीसीडी-2' के बाद वरुण-श्रद्धा के साथ उनकी ये दूसरी फिल्म है. फिल्म में रेमो का डायरेक्शन थोड़ा धीमा लगता है, लेकिन जहां डांस की बात फिल्म में हुई है वहां रेमो ने दिल जीता है.
एक्टिंग
फिल्म में वरुण ने अच्छा काम किया है, लेकिन हां कहीं ना कहीं डायलॉग्स में वो चूके हैं. कुछ ऐसा ही बाकी किरदारों के साथ भी हुआ है, लेकिन फिल्म में धर्मेश येलांडे ने दिल जीता है. धर्मेश के डायलॉग्स और उनकी कॉमिक टाइमिंग कमाल की लगती है. श्रद्धा कपूर ने भी बेहतरीन काम किया है. प्रभुदेवा भी लोगों के बीच जगह बनाने में कामयाब रहे हैं लेकिन इन सब पर अगर कोई भारी पड़ा है तो वो हैं नोरा फतेही. नोरा जब जब स्क्रीन पर आईं हैं तब तब कमाल हुआ है. अपने हॉट डांस मूव्स से नोरा के दिल में बस जाती हैं. यह कहना गलत नहीं होगा कि नोरा अपनी अदाकारी से वरुण-श्रद्धा पर भारी पड़ी हैं. नोरा को फिल्म में लगभग श्रद्धा के बराबर ही स्क्रीन स्पेस मिला है. एक्टिंग का तो पता नहीं लेकिन हां अपने डांस के जरिए नोरा ने जरूर सबकी बोलती बंद कर दी है.
कमजोर कड़ी
फिल्म की शुरुआत में आपको पता चलता है कि अगले पल ही कुछ दमदार होगा, लेकिन ऐसा नहीं होता है. फिल्म की सबसे बड़ी यूएसपी इसका डांस है, जब जब स्क्रीन पर डांस आया है तो कमाल हुआ है, लेकिन कहानी के मामले में आपको निराशा मिलती है. फिल्म को और अच्छे ढंग से पेश किया जा सकता था. फिल्म को देखने के बाद कहीं ना कहीं आपको 'एबीसीडी 1' और 2 की भी याद आ जाएगी फिल्म की राइटिंग और डायलॉग्स और बेहतरीन हो सकते थे। फिल्म में जरीना वहाब और अपारशक्ति खुराना जैसे स्टार्स को भी ज्यादा स्क्रीन स्पेस दिया जा सकता था. डांस के मामले में फिल्म की जितनी तारीफ की जाए कम है फिल्म अपनी कहानी और किरदारों के बीच तालमेल बिठाने में चूकती है, लेकिन फिल्म भारत-पाकिस्तान के लोगों को एक अच्छा मैसेज देती है.