Darlingji: फिल्म में हीरोइन की फीस थी 50 हजार रुपये, जबकि होने वाले पति को मिलते थे 10-12 रुपये महीने
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Darlingji: फिल्म में हीरोइन की फीस थी 50 हजार रुपये, जबकि होने वाले पति को मिलते थे 10-12 रुपये महीने

Mother India: हिंदी सिनेमा की सबसे महान फिल्मों में शुमार मदर इंडिया की मेकिंग के अनेक किस्से हैं. इस फिल्म के दौरान नर्गिस और सुनील दत्त मिले. लेकिन बात इतनी ही नहीं थी. मदर इंडिया कई तरह से दोनों के जीवन का टर्निंग पॉइंट साबित हुई.

 

Darlingji: फिल्म में हीरोइन की फीस थी 50 हजार रुपये, जबकि होने वाले पति को मिलते थे 10-12 रुपये महीने

Nargis And Sunil Dutt: जोड़ियां आसमान में बनती हैं. इसका समाज की ऊंच-नीच और अमीरी-गरीबी से कोई मतलब नहीं होता. कहने को यह बात फिल्मी लगती है, लेकिन कई बार सचमुच असल जिंदगी में ऐसा हो जाता है. अपने दौर की सबसे महंगी और सबसे लोकप्रिय अभिनेत्रियों में शामिल नर्गिस दत्त और उस फिल्म में उनके बेटे का रोल निभाने वाले स्ट्रगलिंग एक्टर सुनील दत्त की कहानी सिनेमाई उतार-चढ़ावों से जरा कम नहीं है. जब सुनील दत्त फिल्मों में जमने की कोशिश कर रहे थे, तब नर्गिस 1950-60 के दौर में हिंदी फिल्मों के सबसे बड़े शो मैन राज कपूर की प्रेमिका थीं. बड़े फिल्मकार उनके साथ फिल्में बनाने को कतार में खड़े रहते थे. निर्देशक महबूब खान ने जब मदर इंडिया (1957) बनाई तो फिल्म की हीरोइन थीं नर्गिस दत्त और सुनील दत्त बने थे उनके बेटे.

हैसियत में बड़ा फासला
यह फिल्म दोनों कलाकारों के जीवन का टर्निंग पॉइंट साबित हुई. शूटिंग के दौरान नर्गिस राजकपूर के साथ अपने रिश्तों के नाजुक मोड़ पर खड़ी थीं. सब जानते हैं कि मदर इंडिया में खलिहान में आग लगने के सीन के दौरान नर्गिस सचमुच जब चारों तरफ आग से घिर तो सुनील दत्त ने बहादुरी दिखाते हुए, अपनी जान की परवाह किए बगैर उन्हें बचाया था. उन्हें बचाने की कोशिशों में बुरी तरह घायल हुए सुनील दत्त की नर्गिस ने देखभाल की. दोनों में प्रेम हुआ और अंततः वे विवाह के बंधन में बंध गए. नर्गिस-सुनील दत्त के जीवन पर लिखी किताब डार्लिंगजी-द ट्रू स्टोरी ऑफ नर्गिस एंड सुनील दत्त में इसकी राइटर किश्वर देसाई ने लिखा है कि मदर इंडिया की शूटिंग के दौरान दोनों एक्टरों की सामाजिक हैसियत में बहुत फर्क था. मदर इंडिया के लिए नर्गिस की फीस तब जब 50 हजार रुपये थी, वहीं इस फिल्म में काम करने के लिए सुनील दत्त को महीने की तनख्वाह पर रखा गया था. उनकी तनख्वाह थी, महीने में 10 या 12 रुपये मात्र.

डर गए थे महबूब खान
सुनील दत्त के स्वस्थ होने बाद जब नर्गिस के साथ उनकी नजदीकियों की खबरें आने लगी थीं, तब निर्देशक महबूब खान अपनी फिल्म को लेकर चिंतित हो गए थे. उन्हें डर था कि अगर लोगों तक यह बातें पहुंच गई कि दोनों एक-दूसरे से प्रेम करते हैं, तो वे मदर इंडिया में पर्दे पर सुनील दत्त और नर्गिस को मां-बेटे के रूप में स्वीकार नहीं कर पाएंगे. ऐसे में फिल्म फ्लॉप हो जाएगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. नर्गिस और सुनील दत्त को उनकी भूमिकाओं में लोगों ने देखा और खूब पसंद किया. मदर इंडिया ने इतिहास रचा. यह मानने वाले लोग भी कम नहीं हैं कि मदर इंडिया भारत की सच्ची तस्वीर दिखाने वाली अब तक की सबसे महान हिंदी फिल्म है.

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