Kastoori: सिनेमा सोच पर गहरा असर डालता है. इंसान को बदल देता है. ऐसा सिर्फ आम दर्शकों के साथ नहीं होता, बल्कि फिल्ममेकर खुद इसके प्रभाव से बच नहीं पाते. अपनी डार्क फिल्मों के लिए पहचाने जाने वाले अनुराग कश्यप को एक किशोरवय बच्चे की कहानी पर बनी फिल्म कस्तूरी ने गहरे छुआ है...
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Regional Films: बॉलीवुड में डार्क फिल्में (Dark Films) बनाने के लिए मशहूर निर्माता-निर्देशक अनुराग कश्यप के दिल को हाल में एक ऐसी फिल्म ने छुआ है, जिसे लेकर वह इन दिनों इमोशनल हैं. निर्देशक विनोद कांबली की फिल्म कस्तूरी को वह प्रेजेंट कर रहे हैं. फिल्म मराठी और हिंदी, दो भाषाओं में रिलीज हो रही है. आठ दिसंबर को यह थिएटरों में लगेगी. जी न्यूज के साथ बातचीत में अनुराग कश्यप ने कहा कि इस फिल्म ने मुझ पर गहरा प्रभाव डाला. यह फिल्म मैंने ऐसे समय देखी, जब मैं जिंदगी मे काफी नेगेटिव चीजों से गुजर रहा था. मैं हेल्थ को लेकर परेशान था. मैं ऐसी मानसिक स्थिति में था, जहां आप हर चीज को नकार रहे होते हैं. ऐसे ही वक्त में मैंने कस्तूरी देखी.
रू-ब-रू खुद से
अनुराग ने कहा कि फिल्म ने मुझे भावनात्मक स्तर पर इतना छुआ कि इसे देखकर मैंने अपने आप से बात की. फिल्म ऐसे बच्चे की कहानी है, जो समाज की नीची जाति से आता है. अपने पिता के साथ नालों की सफाई करता है. लावारिस लाशों के पोस्टमार्टम के वक्त अस्तपाल में डॉक्टरों के साथ होता है. इन लाशों को ढोता और ठिकाने लगता है. उसके साथ यह व्यवहार उसकी जाति की वजह से होता है. साथ पढ़ने वाले बच्चे उसे आस-पास देखकर, यह कहते हुए अपनी अपनी नाक बंद कर लेते हैं कि उससे बदबू आती है. लेकिन वह हार नहीं मानता और कस्तूरी की तलाश में निकलता है. उल्लेखनीय है कि कस्तूरी काले हिरण की नाभि में होती है, जिससे पूरा जंगल महकता है
नया नजरिया
अनुराग ने कहा कि यह फिल्म देखकर मुझे लगा कि जब इस बच्चे में अपने आस-पास के विपरीत हालात के बावजूद इतनी होप है. जब वह दुनिया को बहुत उम्मीद भरी निगाहों से देख सकता है, तब तो इसके मुकाबले मैं बहुत सारी सुख-सुविधाओं में हूं. मैं किन चीजों में उलझा हुआ हूंॽ अनुराग कहते हैं, ‘कस्तूरी ने मुझे नकारात्मक मानसिक स्थिति से निकाला. मैंने दुनिया को अलग नजरिये से देखना शुरू किया.’ अनुराग कश्यप अक्सर रीजनल फिल्मों को सपोर्ट करते रहे हैं. पहली बार वह किसी मराठी फिल्म को प्रेजेंट कर रहे हैं. प्रसिद्ध मराठी निर्देशक नागराज मंजुले भी अनुराग कश्यप के साथ कस्तूरी के प्रेजेंटर हैं.
Experience the journey of Gopi and Adim as they chase their dreams!
Based on a true story, We present to you the official trailer of the National Award winning film, Kastoori. Directed by Vinod Kamble, Kastoori releases in cinemas on Dec 8!#KastooriInCinemasDec8 pic.twitter.com/VumWCs76Yk
— Anurag Kashyap (@anuragkashyap72) November 28, 2023
जिंदगी के अनुभव
कस्तूरी महाराष्ट्र के गांवों की सच्ची घटनाओं पर आधारित है. इस फिल्म के निर्देशक विनोद कांबली समाज के इसी वर्ग से आते हैं. उन्होंने अपने जीवन के कई अनुभवों को फिल्म में पिरोया है. कस्तूरी में 14 साल का गोपी, पढ़ने में बहुत होशियार है मगर उसकी जाति के लिए तय कर दिए गए कामों के कारण, क्लास में पढ़ने वाले ज्यादातर बच्चे उसे से हिकारत की नजर से देखते हैं. मगर वह हार नहीं मानता और लगातार अपना जीवन बदलने की कोशिशें करता है. कस्तूरी मुंबई, सिडनी और न्यूयॉर्क समेत देश-विदेश के 13 फिल्म महोत्सवों में दिखाई जा चुकी है और इस शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है.