Dharmendra, Amitabh, Govinda ने अलग-अलग दशक में एक ही नाम की फिल्म में किया काम, कौन पड़ा टिकट खिड़की पर भारी?
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Dharmendra, Amitabh, Govinda ने अलग-अलग दशक में एक ही नाम की फिल्म में किया काम, कौन पड़ा टिकट खिड़की पर भारी?

Bollywood Trivia: बॉलीवुड में कई बार एक ही टाइटल से दो  या दो से ज्यादा बार फिल्म बन चुकी है लेकिन हर बार ही एक ही टाइटल की फिल्म हिट निकले ये कम ही देखने को मिलता है. लेकिन एक बॉलीवुड मूवी इसका अपवाद है.

 

Dharmendra, Amitabh, Govinda ने अलग-अलग दशक में एक ही नाम की फिल्म में किया काम, कौन पड़ा टिकट खिड़की पर भारी?

Bollywood Movie Aankhein: बॉलीवुड में एक ही नाम से अलग-अलग फिल्म बनना कोई बड़ी बात नहीं है. लेकिन एक टाइटल ऐसा है जिस पर अलग-अलग दशक में तीन फिल्म बन चुकी हैं और हर बार उस दशक के सुपरस्टार फिल्म में लीड रोल निभाते दिखे. लिहाजा फिल्म हर बार ही कमाल कर गई. वो टाइटल है- आखें. 

इस शीर्षक से अब तक तीन फिल्में बन चुकी हैं और खास बात ये है कि तीनों ही बार फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर कमाल कर दिया है. ये कब-कब रिलीज हुई और किसने कितनी कमाई कर टिकट खिड़की पर झंडा गाड़ा. चलिए बताते हैं विस्तार से आपको. 

60 के दशक में आई धर्मेंद्र की आंखें
सबसे पहले आंखें रिलीज हुई थी 1968 में जिसमे धर्मेंद्र और माला सिन्हा की जोड़ी थी. इस फिल्म को डायरेक्ट किया था रामानंद सागर ने. एक एक डिटेक्टिव जोनर की फिल्म थी जिसे लोगों को खूब पसंद किया. और इसके गाने भी हर किसी की जुबां पर छा गए. रिपोर्ट्स की माने तो तब फिल्म ने साढ़े 6 करोड़ की कमाई की थी जबकि इसे काफी कम बजट में बनाया गया था.

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गोविंदा-चंकी पांडे की आंखें
90 के दशक में जब गोविंदा का स्टारडम चरम पर था तो आंखें नाम से एक फिल्म आई. जिसमे चंकी पांडे, कादर खान थे. ये फिल्म जबरदस्त हिट रही थी और लोगों को ये कहानी खूब भाई. इस फिल्म से साउथ निर्देशक भी काफी इम्प्रेस हुए लिहाजा तेलुगू में भी इसे बनाया गया. कहा जाता है कि लगग 2 करोड़ मे बनी फिल्म ने 25 करोड़ की कमाई कर डाली थी.

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साल 2002 में अमिताभ लेकर आए आंखें
साल 2002 यानि नई सदी नया दशक. आंखें नाम से तीसरी बार फिल्म बनी और रिलीज हुई जिसने भी टिकट खिड़की पर धमाका कर दिया. 17 करोड़ में बनी फिल्म ने देखते ही देखते 63 करोड़ कमा डाले. खास बात ये कि फिल्म में अमिताभ नेगेटिव रोल में थे जो बदला लेने के लिए बैंक में अंधों से चोरी कराते हैं ताकि कोई उन्हें पकड़ ही ना पाए. 

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