आयुर्वेद को बढ़ावा देने 17 साल के छात्र ने की ये शानदार पहल, मिलिए दिल्ली के विनय कुमार से
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आयुर्वेद को बढ़ावा देने 17 साल के छात्र ने की ये शानदार पहल, मिलिए दिल्ली के विनय कुमार से

Motivational Story: इस पद्धति को इस मॉडर्न युग में काफी नजरअंदाज किया गया, लेकिन कोरोना महामारी के दौरान फिर एक बार लोगों को इसकी अहमियत समझते देर न लगी. इसी कड़ी में 12वीं कक्षा के छात्र विनय कुमार मौर्य ने एक नई पहल की शुरुआत की.  

आयुर्वेद को बढ़ावा देने 17 साल के छात्र ने की ये शानदार पहल, मिलिए दिल्ली के विनय कुमार से

Motivational Story: आयुर्वेद दुनिया की सबसे प्राचीन चिकित्सा प्रणालियों में से है. भारतीयों के लिए तो में आयुर्वेद काफी महत्व रखता है. आयुर्वेद के माध्यम से कई असाध्य रोगों का इलाज किया जाता है. कई बार जहां आधुनिक चिकित्सा प्रणाली भी मात खा जाती है, वहीं आयुर्वेद की जीवन बचाता है. इसी महत्व को देखते हुए दिल्ली के 17 वर्षीय विनय कुमार मौर्य ने इंडिया होम आयुर्वेद नाम से एक कार्यक्रम शुरू किया है. इसके जरिए विनय ने अपने क्षेत्र में 1,500 से ज्यादा लोगों को भारतीय आयुर्वेद के बारे में शिक्षित किया है. 

कोविड-19 के दौरान 
जी हां, विनय ने इस छोटी सी उम्र में आयुर्वेद का महत्व समझा और इसे बहुत गंभीरता से लिया. मौर्य ने लोगों को आयुर्वेद प्रणाली का ज्यादा से ज्यादा अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया. कोविड-19 के दौरान खराब रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण कई लोगों की जानें गईं, तब विनय ने आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए लॉकडाउन के दौरान ही इस पहल की शुरुआत की. 

वेबसाइट भी की शुरू
इसके लिए सबसे पहले तो विनय ने एक दर्जन से ज्यादा स्कूलों से डेटा इकट्ठा किया. इसके बाद कैसे हम अपने स्तर पर समाज में भारतीय आयुर्वेद के महत्व को बढ़ा सकते हैं, यह जानकारी देते हुए एक योजना प्रस्तावित की. इतना ही  'इंडिया होम आयुर्वेद' नाम से एक वेबसाइट भी शुरू की.

यहां विभिन्न आयुर्वेदिक उत्पादों के बारे में जानकारी दी गई हैं, जो उनके इलाके में आसानी से उपलब्ध हैं. इसके अलावा विनय ने अपना यूट्यूब चैनल 'टेक्नोलॉजी वर्ल्ड एजुकेशन चैनल' लॉन्च करने का फैसला किया, ताकि स्टूडेंट्स को टेक्नीकल सब्जेक्ट्स  और सिद्धांतों पर एजुकेशनल वीडियो के जरिए जानकारी दी जा सके. 

बेहतरीन प्रयास के लिए किया जा चुका है सम्मानित
शुरुआत में ऑफलाइन और ऑनलाइन कोर्सेज की कोई फीस नहीं थी, लेकिन अब सोशल वर्क के लिए उनके प्लेटफॉर्म से जुड़ने वाले शिक्षकों को सैलरी देने के लिए पैसे लिए जाते हैं. विनय ने यह सुनिश्चित किया कि छात्रों को सीखने का बेहतर माहौल मिल सके. जानकारी के मुताबिक इस समय 200 से ज्यादा छात्र उनके यू-ट्यूब चैनल की मदद से फ्री पढ़ रहे हैं.

विनय के इन बेहतरीन प्रयासों से प्रभावित होकर, एक ग्रुप भी उनसे जुड़ गया और उनके एजुकेशन प्लेटफॉर्म को आगे बढ़ाने में उनकी मदद कर रहा है. उन्हें राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस और राष्ट्रीय वैज्ञानिक अनुसंधान परिषद द्वारा राज्य बाल वैज्ञानिक की उपाधि से सम्मानित भी किया गया. इतना ही नहीं उनके इस प्रयास के लिए विनय को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2023 के लिए भी नामांकित किया गया था.

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