Balaji Wafers Success Story: आज की सक्सेस स्टोरी में हम उन तीन भाइयों की कहानी लेकर आज हैं, जो गुजरात के जामनगर के एक छोटे से गांव में रहते थे. जिन्हें देखकर कभी किसी ने नहीं सोचा होगा कि ये तीनों भाई मिलकर एक दिन 3,000 करोड़ का बिजनेस एंपायर खड़ा कर देंगे.
1. तीनों भाई "चंदू भाई, भीखूभाई और मेघजी भाई विरानी" के पिता एक बेहद ही गरीब किसान थे. लेकिन गरीबी से हार ना मानते हुए तीनों भाइयों ने शहर जाकर बिजनेस कर परिवार की आर्थिक स्थिति को ठीक करने का फैसला लिया.
2. हालांकि, बिजनेस को शुरू करने के लिए तीनों भाइयों को पैसे की जरूरत थी, जो उनके या उनके पिता के पास नहीं थे. लेकिन पिता बेटों की मदद करना चाहते थे, जिसके लिए उन्होंने अपनी इकलौती जमीन बेच डाली और तीनों भाइयों के बिजनेस करने के लिए 20,000 रुपये दे दिए.
3. इसके बाद सबसे पहले "चंदू भाई" ने अपने दोनों भाइयों के साथ मिलकर कृषि उपकरणों (Farm Equipments) की दुकान खोली. लेकिन वे इस बिजनेस में सफलता हासिल नहीं कर पाए और साथ ही उन्हें नुकसान भी झेलना पड़ा.
4. हालांकि, उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और इसके बाद उन्होंने दोबारा अपना नया बिजनेस शुरू किया. इस बार उन्होंने अपनी पत्नी के बनाए वेफर्स और सैंडविच सिनेमाघरों के सामने बेचने शुरू किए.
5. यह सिलसिला धीरे-धीरे 15 सालों तक चलता रहा. इस दौरान उन्हें यह भी पता लगा चुका था कि ग्राहकों को उनके घर के बने वेफर्स काफी पसंद आ रहे हैं. ऐसे में उन्होंने साल 1989 में सेमी ऑटोमेटिक वेफर्स प्लांट सेट-अप किया.
6. तीनों भाइयों ने मिलकर बालाजी वेफर्स (Balaji Wafers) के बैनर तले सस्ती कीमत पर अच्छी क्वालिटी के प्रोडक्ट बेचने शुरू कर दिए. हालांकि, शुरुआत में तीनों भाइयों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा, लेकिन आज की डेट में तीनों भाइयों का मार्केट में काफी दबदबा है. आज शायद ही पूरे देश में कोई ऐसा व्यक्ति होगा, जो Balaji Wafers के बारे में ना जानता हो.
7. आज के समय में बालाजी वेफर्स ने देश के कई हिस्सों में अपने प्लांट लगाए हुए हैं और रोजाना कई टनों का प्रोडक्शन भी करते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स और विकिपीडिया के मुताबिक, साल 2020 तक बालाजी वेफर्स का सालाना बिजनेस लगभग 3 हजार करोड़ रुपये का था.
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