मात्र 17 दिन की तैयारी में ही क्रैक कर डाली UPSC परीक्षा, हासिल की 55वीं रैंक और बन गए IPS
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मात्र 17 दिन की तैयारी में ही क्रैक कर डाली UPSC परीक्षा, हासिल की 55वीं रैंक और बन गए IPS

IPS Akshat Kaushal Success Story: अक्षत कौशल साल 2017 में यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में 55वीं रैंक हासिल कर IPS ऑफिसर बन गए थे.

मात्र 17 दिन की तैयारी में ही क्रैक कर डाली UPSC परीक्षा, हासिल की 55वीं रैंक और बन गए IPS

IPS Akshat Kaushal Success Story: हर साल यूपीएससी की तरफ से सिविल सेवा परीक्षा का आयोजन किया जाता है. इस परीक्षा के लिए करीब 10 लाख अभ्यर्थी आवेदन करते हैं, लेकिन उन 10 लाख में मात्र 10 या 15 अभ्यर्थी ही ऐसे होते हैं, जो कोई इतिहास रच जाए. यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी अभ्यर्थी कई सालों तक करते हैं, लेकिन इसके बावजूद वे इस परीक्षा को क्रैक नहीं कर पाते. लेकिन आज हम आपको उन्हीं 10-15 अभ्यर्थियों में से एक ऐसे अभ्यर्थी की सफलता भरी कहानी सुनाएंगे, जिन्होंने महज 17 दिन की तैयारी में ही यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा पास कर डाली थी. 

दरअसल हम बात कर रहे हैं आईपीएस ऑफिसर अक्षत कौशल की. अक्षत साल 2017 में यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में 55वीं रैंक हासिल कर IPS ऑफिसर बन गए थे. हालांकि, बता दें कि उन्होंने यह सफलता अपने 5वें प्रयास में हासिल की थी. दरअसल, वे इससे पहले 4 बार असफल होने के कारण यूपीएससी की राह छोड़ चुके थे. लेकिन यूपीएससी की परीक्षा के महज 17 दिन पहले जब वे अपने दोस्तों से मिले, तो वे बातचीत के दौरान यूपीएससी की परीक्षा देने को लेकर काफी मोटिवेट हो गए और उन्होंने परीक्षा देने का निर्णय कर लिया. उम्होंने महज 17 दिन की तैयारी के बाद ही अपना 5वां अटेंप्ट दिया और परीक्षा पास भी कर डाली. 

UPSC सिविल सेवा परीक्षा के लिए अक्षत कौशल द्वारा दी गई सलाह  

1. अक्षत कहते हैं कि छात्रों को परीक्षा की तैयारी शुरू करने से पहले परीक्षा पैटर्न और सिलेबस को अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए.

2. इसके अलावा वे कहते हैं अभ्यर्थियों के किसी भी को लेकर ज्यादा ओवर कॉन्फिडेंट नहीं होना चाहिए, ये परीक्षा में आपको असफलता का चहरा ही दिखाएगा.

3. अभ्यर्थी परीक्षा की तैयारी के दौरान अपने सीनियर्स व यूपीएससी की तैयारी कर रहे अपने दोस्तों की सलाह जरूर लें. सीनियर्स का एक्सपीरियंस परीक्षा पास कराने में काफी मददगार साबित हो सकता है.

4. इसके अतिरिक्त अभ्यर्थी को लगता है कि वो सौ प्रतिशत देने के बावजूद सफलता हासिल नहीं कर पा रहा, तो वो कुछ समय के लिए थोड़ा ब्रेक लें और फिर एक नई स्ट्रेटेजी के साथ दोबारा परीक्षा की तैयारी में जुट जाएं.

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