UPSC IAS Success Story: अरनव मिश्रा के परीवार में अधिकांश लोग अधिकारी रैंक के हैं. अरनव उन अभ्यर्थियों के लिए मिशाल हैं जो एक साथ 2 परीक्षाओं की तैयारी करते हैं.
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IAS Success Story Arnav Mishra: कहते हैं सब्र का फल मीठा होता है. मेहनत अपना रंग दिखाती है. आज हम आपको एक ऐसे ही शख्स के बारे में बता रहे हैं जो अब अफसर बन गए हैं. हम बात कर रहे हैं अरनव मिश्रा की. अरनव ने यूपीएससी का एग्जाम दिया था इसके अलावा पीसीएस का भी एग्जाम दिया था. यूपीएससी में उनका नाम पहली लिस्ट में नहीं आया लेकिन जब दूसरी लिस्ट आई तो वह IAS अफसर बन गए. UPSC का रिजल्ट आने के 9 दिन बाद आया पीसीएस का रिजल्ट और इसमें अरनव की 16वीं रैंक आई और एसडीएम बन गए.
आईआईटी जोधपुर से इंजीनियरिंग करने के बाद अरनव ने कुछ समय नौकरी भी की. इसके बाद उन्होंने प्रशासनिक सेवा में जाने के उद्देश्य से सिविल सेवा परीक्षा देने की तैयारी की. भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) की अधिकारी उनकी बड़ी बहन आरुषि मिश्रा उनकी प्रेरणा स्रोत रहीं. अर्णव ने बताया कि कड़ी मेहनत, लगन और परिवार के माहौल की मदद से उन्होंने अपना टारगेट हासिल किया है.
अरनव अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता के अलावा बड़ी बहन और बहनोई के कुशल मार्गदर्शन, परिवार के सहयोग और शिक्षकों को देते हैं. गौरतलब है कि इसके पहले अरनव की बड़ी बहन आरुषि मिश्रा ने भी भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय वन सेवा और उत्तर प्रदेश लोक सेवा में भी जिले का नाम रोशन किया था. आरुषि और उसके पति चर्चित गौड़ भी उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी हैं. आरुषि ने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2019 में 229 वी रैंक हासिल की थी.
अरनव मिश्रा के परीवार में अधिकांश लोग अधिकारी रैंक के हैं. अरनव उन अभ्यर्थियों के लिए मिशाल हैं जो एक साथ 2 परीक्षाओं की तैयारी करते हैं. अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने साबित कर दिया कि कोई भी काम कठिन नहीं है.