Bhiwandi Murder: मुंबई के भिवंडी इलाके में डेढ़ साल पहले पर्ल वर्कशॉप में करने वाले शख्स की हत्या हुई थी. पुलिस ने केस तो दर्ज कर लिया लेकिन कातिल तक पहुंचने के लिए कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था, हालांकि तफ्तीश के दायरे को जब आगे बढ़ाया गया तो पेपर का एक छोटा टुकड़ा मिला और पुलिस कातिल तक पहुंच गई.
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Bhiwandi Murder News: कहते हैं कि अपराधी कितना ही शातिर क्यों ना हो सुराग छोड़ ही जाता है. मुंबई पुलिस ने एक ऐसे ही मामले को सुलझाया है जो पुलिस के लिए पहेली बनी हुई थी. भिवंडी की निजामपुरा पुलिस ने पर्ल वर्कशॉप में काम करने वाले शख्स की हत्या का राजफाश कर दिया है. हत्याकांड पुलिस के लिए किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं थी. नाटकीय मोड़, और ढेर सारे ट्विस्ट और टर्न के बाद आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है. पुलिसिया तफ्तीश में पहले सलमान नाम के एक शख्स को हिरासत में लिया गया. उससे पूछताछ के बाद पता चला कि उसका दोस्त तस्लीम अंसारी मास्टरमाइंड था. हत्याकांड में बिलाल अंसारी नाम का एक और शख्स शामिल था. पुलिस जांच में पता चला कि मृतक शाह की पत्नी से तस्लीम का अवैध संबंध था. जब शाह को जानकारी मिली तो उसने तस्लीम को थप्पड़ जड़ दिया. तस्लीम इस बात से नाराज होकर शाह के मर्डर की साजिश रची थी.
क्या था मामला
निजामपुरा पुलिस के मुताबिक मामला 20 जनवरी 2022 का है. कंट्रोल रूम को मौका-ए-वारदात से गुदर रहे है एक राहगीर से जानकारी मिली कि पुल के नीचे एक बोरे में किसी शख्स की लाश है जिससे खून रिस रहा है. जानकारी के बाद पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और जब बैग को खोला गया तो एक शख्स का शव उसमें मिला. मृतक की उम्र चालीस साल के आसपास रही होगी. शव पर कई जगहों पर चोट के निशान थे. शुरुआती तफ्तीश के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. डॉक्टरी कार्रवाई पूरी होने के बाद अज्ञात लोगों के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया. पुलिस के सामने कई तरह की मुश्किल थी. मसलन मृतक की पहचान का कोई आधार नहीं था और ना ही मोबाइल फोन था लेकिन उसकी पॉकेट से पेपर का एक छोटा सा टुकड़ा बरामद हुआ. पेपर का वो टुकड़ा मेडिकल प्रेसक्रिप्शन था. इसके अलावा पुलिस ने मृतक के शरीर पर सुनहले और लाल रंग के धब्बे देखे उन धब्बों के जरिए इस नतीजे पर पहुंचा गया कि हो सकता है कि वो किसी पर्ल वर्कशॉप में काम करता रहा होगा.
करीब डेढ़ साल बाद राजफाश
इतनी जानकारी के बाद हत्यारे की पकड़ के लिए कई टीमें लगाई गईं. करीब एक साल की सघन जांच के बाद पुलिस दवाई की उस दुकान पर पहुंची जहां से उस शख्स ने दवा ली थी. फॉर्मेसी की मदद से डॉक्टर की पहचान हुई. लेकिन डॉक्टर ने कहा कि उसे मरीज का चेहरा नहीं याद आ रहा है. सबसे बड़ी बात कि डॉक्टर की दुकान के आसपास सीसीटीवी कैमरे भी नहीं थे. पुलिस को लगा कि अब किसी तरह का सुराग वहां से नहीं मिलने वाला है यह सोच वापस लौटने लगे उसी वक्त एक मरीज डॉक्टर के पास पहुंची. पुलिस ने उससे कुछ पूछा तो उसने बताया कि एक महिला अपने पति के बारे में पूछ रही थी जो पर्ल वर्कशॉप में काम करता था . इस जानकारी के बाद पुलिस उस महिला तक पहुंची. लेकिन उसने मृतक से किसी तरह के पहचान से इनकार कर दिया. हालांकि पुलिस ने हिम्मत नहीं छोड़ी उसके बड़े बेटे को बुलाकर पहचान कराई गई उसके बाद मृत शख्स के बारे में जानकारी मिली.