Meow Meow Drug Bust In Delhi: दिल्ली से मेफेड्रोन ड्रग की सबसे बड़ी खेप (लगभग 970 किलो) पकड़ी गई है. इसे बोलचाल में म्याऊं म्याऊं, बाउंस, बबल्स, एमकैट, व्हाइट मैजिक और ड्रोन जैसे नामों से पुकारा जाता है.
Trending Photos
Meow Meow Drug News: दिल्ली की पार्टियों में आजकल 'म्याऊं म्याऊं' चल रहा है. आप पूछेंगे कि यह 'म्याऊं म्याऊं' क्या चीज है. यह वो सफेद नशा है जिसकी गिरफ्त में आकर दिल्ली झूम रही है. बाउंस, बबल्स, व्हाइट मैजिक, ड्रोन, एमकैट... इस 'म्याऊं म्याऊं' के कई नाम है. असली नाम मेफेड्रेान है. दिल्ली से 'म्याऊं म्याऊं' नाम के पार्टी ड्रग की बड़ी खेप बरामद हुई है. पुणे पुलिस की मदद से लगभग 970 किलोग्राम ड्रग्स पकड़ी गई. मार्केट में इतने माल की कीमत करीब 1,800 करोड़ रुपये बताई जाती है. दिल्ली में 'म्याऊं म्याऊं' ड्रग की यह सबसे बड़ी रिकवरी है. कोटला मुबारकपुर के एक गोदाम से करीब 300 किलो ड्रग्स और ग्रेटर कैलाश की एक दुकान से 670 किलो से ज्यादा ड्रग्स बरामद हुई. दोनों जगहें हाल ही में किराए पर ली गई थीं. पुणे पुलिस के मुताबिक, ड्रग्स को दिल्ली की एक कूरियर कंपनी की मदद से लंदन भेजने की तैयारी थी. हैरानी इस बात की है कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल या क्राइम ब्रांच को भनक तक नहीं थी कि इतना बड़ा धंधा चल रहा है.
साउथ दिल्ली से करीब एक टन मेफेड्रोन की बरामदगी कई सवाल खड़े करती है. दिल्ली के पार्टी सर्किट में 'म्याऊं म्याऊं' की इतनी पूछ है, पुलिस को पता नहीं था. दिल्ली पुलिस की नाक के नीचे इतने बड़े पैमाने पर ड्रग्स का रैकेट चल रहा था, उन्हें भनक तक नहीं लगी. पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने बताया कि पुणे और दिल्ली में अलग-अलग जगहों से लगभग 1,700 किलो मेफेड्रोन (Meow meow) बरामद की गई है. इसकी मार्केट वैल्यू तीन हजार करोड़ रुपये है. मामले में अब तक कुल पांच लोगों को अरेस्ट किया जा चुका है.
मेफेड्रोन एक तरह का एम्फेटामाइन ड्रग है. यह ऐसे ड्रग्स होते हैं जो सेंट्रल नर्वस सिस्टम (CNS) को स्टिमुलेट करते हैं. आसान भाषा में कहें तो आपके दिमाग से आपके शरीर को भेजे जाने वाले संदेशों की रफ्तार तेज करते हैं. मेफेड्रोन (Meow meow) को सिंथेटिक तरीके से बनाया जाता है. यह बेहद ताकतवर CNS स्टिमुलेंट है. इसके नशे और असर की तुलना कोकेन और एक्सटेसी से होती है.
करीब एक दशक पहले तक, मेफेड्रोन का नाम NDPS एक्ट के तहत प्रतिबंधित नशीले पदार्थों की सूची में नहीं था. जब बड़े पैमाने पर मेफेड्रोन की बरामदगी होने लगी, बड़े शहरों में Meow meow की डिमांड तेज हुई, तब जाकर 2015 में इसे NDPS की लिस्ट में डाला गया.
मेफेड्रोन का नशा बेहद खतरनाक होता है. यह क्रिस्टल या पाउडर फॉर्म में आता है जिसे लोग सूंघ, निगल या इंजेक्ट कर सकते हैं. Meow meow लेने के साथ ही 'ट्रिप' शुरू हो जाती है, नशा करीब दो घंटे तक रहता है. व्यक्ति एक तरह के यूफोरिया में चला जाता है, खुश महसूस करता है, धड़कनें तेज हो जाती है, भ्रम होने लगता है. डिप्रेशन, मूड में बदलाव, मरोड़, नींद में कमी, टेंपरेरी मेमोरी लॉस हो सकता है. हार्ट अटैक या स्ट्रोक की आशंका भी रहती है.
इसके नशे में 'बैड ट्रिप्स' खूब होती हैं. कुछ साल पहले, Meow Meow के नशे में UK के एक युवक ने अपनी मां पर चाकू से कई वार किए थे. फिर उसी चाकू से अपना गुप्तांग काट डाला था.
तीन साल में दोगुनी हो गई कीमत!
नारकोटिक्स मामलों की जांच करने वालों के मुताबिक, पिछले तीन-चार सालों में 'म्याऊं म्याऊं' की कीमत कई गुना बढ़ी है. अवैध बाजार में एक ग्राम मेफेड्रोन (Meow meow) की कीमत 2021 में 9,000 रुपये से बढ़कर 2022 में 15,000 रुपये और फिलहाल 20,000 रुपये (2 करोड़ रुपये प्रति किलो) के करीब हो गई है. यह कीमतें सबसे प्योर मेफेड्रोन की हैं, क्वालिटी के हिसाब से दाम बदल जाते हैं.