Indrani Mukerjea Sheena Bora Case: 2012 में शीना बोरा की हत्या हो गई थी, लेकिन उनकी हत्या का खुलासा 2015 में हुआ था. शीना बोरा इंद्राणी मुखर्जी की बेटी थी.
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Indrani Mukerjea Series Streams: बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने नेटफ्लिक्स की डॉक्यूसीरीज 'बरीड ट्रुथ- द इंद्राणी मुखर्जी स्टोरी' की रिलीज का रास्ता साफ कर दिया है. हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगाने की मांग करने वाली सीबीआई (CBI) की याचिका खारिज कर दी. इसके साथ ही एक बार फिर से देशभर में सीना बोरा मर्डर केस सुर्खियों में है. डॉक्यूमेंट्री सीरीज में हत्या की आरोपी इंद्राणी मुखर्जी और शीना बोरा मर्डर केस में सीबीआई द्वारा बताए गए पांच गवाहों को शामिल किया गया है. गौरतलब है कि इंद्राणी मुखर्जी अपनी बेटी शीना की हत्या की मुख्य आरोपी हैं.
डॉक्यूमेंट्री से खुलेंगे गहरे राज?
साजिशों से भरी इस डॉक्यू-सीरीज में इंद्राणी मुखर्जी और उनकी फैमिली की कहानी है. जो किसी हाईप्रोफाइल फैमिली की जटिल चीजों पर रोशनी डालती है. इस सीरीज का निर्देशन शाना लेवी और उराज बहल ने किया है. कहा जा रहा है कि इस सीरीज में कई ऐसे राज खुल सकते हैं, जिससे लोग अभी तक अनजान हैं.
क्या है पूरा मामला
शीना बोरा हत्याकांड, मुंबई की भीड़भाड़ और हलचल भरे शहर में ग्लैमर, कामयाबी की गलाकाट स्पर्धा और अपना नाम खराब होने से बचाने के लिए धोखे, विश्वासघात और हत्या की एक भयावह सच्ची कहानी है जो 2012 में दुनिया के सामने आई. मुंबई मेट्रो वन के लिए काम करने वाली महत्वाकांक्षी 25 साल की शीना बोरा 24 अप्रैल, 2012 को बिना किसी सुराग और सूचना के गायब हो गई. दोबारा फिर उसे कभी नहीं देखा गया.
कई सालों तक मामले की जांच करने के बाद, मुंबई पुलिस ने अगस्त 2015 में शीना बोरा की मां इंद्राणी मुखर्जी, उनके दूसरे पति पीटर मुखर्जी को ड्राइवर श्यामवर राय के साथ गिरफ्तार किया. इन सभी पर अपहरण, हत्या और शीना बोरा के शव को ठिकाने लगाने का आरोप था. ये गिरफ्तारी एक सीक्रेट इनपुट मिलने के बाद और इंद्राणी मुखर्जी पर महीनों तक नजर रखने के बाद हुई थी.
How Sheena Bora Was Murdered: शीना बोरा की हत्या कैसे हुई?
अप्रैल 2012 में इंद्राणी, उसके तत्कालीन ड्राइवर श्यामवर राय और पूर्व पति संजीव खन्ना ने कथित तौर पर शीना बोरा की कार में गला घोंटकर हत्या कर दी थी. पूछताछ के दौरान, खन्ना और राय ने गुनाह कबूल कर लिया था. हालांकि, इंद्राणी मुखर्जी ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों का जोरदार खंडन करते हुए दावा किया कि शीना जीवित और स्वस्थ और अमेरिका में रह रही थी.
ड्राइवर श्यामवर राय से पूछताछ में कथित तौर पर शीना के मर्डर का पूरा प्लॉट सामने आया. जिसमें खुद इंद्राणी और उसके पूर्व पति संजीव खन्ना शामिल थे. राय के बयान के मुताबिक, हत्या की योजना बहुत सावधानीपूर्वक बनाई गई थी. गलती के लिए कहीं कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी गई थी. इंद्राणी ने अपराध से एक दिन पहले शव को ठिकाने लगाने के लिए जगह की रेकी की थी.
24 अप्रैल, 2012 की शाम को राहुल मुखर्जी द्वारा छोड़ने के बाद खन्ना ने बांद्रा की एक गली में शीना का कथित तौर पर गला घोंट दिया था. वहीं जांचकर्ताओं का दावा है कि मर्डर के बाद शीना की लाश को वर्ली स्थित इंद्राणी के घर ले जाया गया. जहां इसे पहले एक बैग में छुपाया गया और फिर कार की डिक्की में रख दिया गया. राय ने दावा किया कि तीनों ने शव को जलाकर ठिकाने लगाने के लिए महाराष्ट्र के गागोडे गांव की ओर निकले थे.
कत्ल की वजह क्या थी?
मुकदमे की लंबी सुनवाई के दौरान मुखर्जी फैमिली के कई डार्क सीक्रेट सामने आए. जिससे पता चला कि शीना बोरा कथित तौर पर अपने सौतेले भाई राहुल, यानी पीटर मुखर्जी की पहली पत्नी के छोटे बेटे के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में थी. इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने दावा किया था कि पैसों के लेन-देन यानी फाइनेंशियल डिस्प्यूट और राहुल के साथ शीना के रिश्ता इस हत्या का मोटिव था.
सीबीआई ने कहा कि इंद्राणी को ये दोनों बातें पसंद नहीं थीं. इस कथित साजिश में पीटर मुखर्जी भी शामिल थे. बेटी की हत्या के आरोप में मुंबई की भायखला जेल में बंद रहने के दौरान इंद्राणी मुखर्जी 'अनब्रोकन: द अनटोल्ड स्टोरी' नामक एक संस्मरण के साथ दुनिया के सामने आईं. जिसमें उन्होंने कहा कि शीना बोरा उनके लिए बेटी नहीं बल्कि बहन के जैसी थी.
मामले में इंद्राणी की गिरफ्तारी अगस्त 2015 में हुई थी. उन्हें मई 2022 में जमानत दे दी गई. इस मामले में अन्य आरोपी राय, खन्ना और पीटर मुखर्जी भी जमानत पर हैं. सीबीआई के मुताबिक, ट्रायल कोर्ट के सामने 237 गवाहों में से 89 से पूछताछ की जा चुकी है.
'द इंद्राणी मुखर्जी स्टोरी: द बरीड ट्रुथ' का प्रीमियर 29 फरवरी को स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर होने वाला था लेकिन सीबीआई ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका लगाकर इसे रोकने की मांग की थी. अतिरिक्त सालिसिटर जनरल देवांग व्यास ने CBI की ओर से पेश होते हुए कहा कि ये सीरीज न्याय और निष्पक्ष सुनवाई पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है. सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा सीरीज में ऐसा कुछ भी नहीं है जो अभियोजन या मुकदमे के खिलाफ जाता हो. हमने इसे कई पहलुओं से देखने और समझने की कोशिश की, लेकिन ईमानदारी से कहें तो हमें कुछ नहीं मिला. इसलिए याचिका खारिज हो गई.