Vidhu Vinod Chopra: 2020 में फिल्म शिकारा के बाद निर्माता-निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा नई फिल्म के साथ लौट रहे हैं. कश्मीर की कहानी के बाद इस बार वह दिल्ली पहुंचे हैं. उनकी नई फिल्म 12वीं फेल का टीजर रिलीज हो गया है. यह नाकामी मिलने की सूरत में नई शुरुआत की प्रेरणा देता है. कहता है, जीरो से करो रीस्टार्ट! देखें...
Trending Photos
Vidhu Vinod Chopra Film: निर्माता-निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा की अगली फिल्म होगी, 12वीं फेल. फिल्म जी स्टूडियोज ने प्रोड्यूस की है. आज इसका टीजर रिलीज हुआ है. यह फिल्म यूपीएससी के उम्मीदवारों के जीवन और संघर्षों से रू-ब-रू कराती है. 12वीं फेल 27 अक्टूबर को हिंदी, तमिल, तेलुगु और मलयालम में सिनेमाघरों में रिलीज होगी. फिल्म के टीजर की शुरुआत दिल्ली में यूपीएससी कोचिंग और छात्रों के केंद्र मुखर्जी नगर की हलचल से होती है. यह बताता है कि कैसे ये छात्र परीक्षा में सफलता पाने और सरकारी अधिकारी बनने का संकल्प लिए इधर-उधर भागते हैं. वे बार-बार असफल होने पर ‘रीस्टार्ट’ करते है. टीजर में प्रसिद्ध यूपीएससी शिक्षक विकास दिव्यकीर्ति द्वारा छात्रों को प्रेरित करने की झलक भी दिखाई गई है.
जीवन और संघर्ष की सच्चाई
यह फिल्म अनुराग पाठक की बेस्टसेलर किताब से प्रेरित है. फिल्म में विक्रांत मैसी लीड रोल निभा रहे हैं. फिल्म को रीयल लोकेशनों और रीयल छात्रों के साथ शूट किया गया है. फिल्म में मेधा शंकर, अनंत जोशी, अंशुमान पुष्कर, हरीश खन्ना, संजय बिश्नोई, सुकुमार टुडू और सूरज नागर भी अहम भूमिकाओं में हैं. सच्ची कहानी पर आधारित यह फिल्म यूपीएससी छात्रों के जीवन और संघर्ष को बहुत करीब से दिखाते हुए सचाई सामने लाती है. अनुराग पाठक का यह उपन्यास आईपीएस अधिकारी मनोज कुमार शर्मा और आईआरएस अधिकारी श्रद्धा जोशी की कहानी है. यूपीएससी दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओंम में से है और इस कहानी में तमाम छात्रों की सच्ची कहानियां हैं. यह फिल्म यूपीएससी छात्रों के जीवन, उनके धैर्य और दृढ़ संकल्प की तस्वीर सामने लाती है.
ईमानदारी की आवाज
यह फिल्म शूटिंग के समय से ही चर्चा में रही है. खास तौर पर इसकी चर्चा इसलिए थी कि यह हिंदी मीडियम में यूपीएससी की तैयारी के केंद्र कहे जाने वाले दिल्ली के मुखर्जी नगर में शूट हो रही थी. टीजर पर निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा ने कहा कि यह फिल्म हमारे संविधान की रक्षा करने वाले ईमानदार अधिकारियों और उनके नक्शेकदम पर चलने की इच्छा रखने वाले अनगिनत छात्रों की आवाज है. अगर यह फिल्म चुनिंदा लोगों को भी ईमानदारी से आगे बढ़ने के प्रयासों के लिए लिए प्रेरित करती है, तो मैं इसे सफल मानूंगा.