Mission Majnu Review: सिद्धार्थ-रश्मिका के फैन्स के लिए कामयाब है मिशन, देखने के लिए संभालें पोजिशन
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Mission Majnu Review: सिद्धार्थ-रश्मिका के फैन्स के लिए कामयाब है मिशन, देखने के लिए संभालें पोजिशन

Siddarth Malhotra Movie: बीच में शेरशाह को छोड़ दें तो कपूर्स एंड संस (2016) के बाद सिद्धार्थ मल्होत्रा तारीफों को तरस गए हैं. पिछले साल भी उनकी फिल्म थैंक गॉड फ्लॉप रही. एक बार फिर वह ओटीटी पर लौटे हैं मिशन मजनू के साथ. अगर आप फैन हैं तो यह फिल्म आपको पसंद आ सकती है.

 

Mission Majnu Review: सिद्धार्थ-रश्मिका के फैन्स के लिए कामयाब है मिशन, देखने के लिए संभालें पोजिशन

Rashmika Mandana Movie: स्पाई थ्रिलर हाल के वर्षों में बॉलीवुड में काफी लोकप्रिय हैं. ओटीटी पर भी ऐसी फिल्मों को हमेशा दर्शक मिलते हैं. पाकिस्तान के विरुद्ध वार फिल्म शेरशाह से ओटीटी पर चर्चा पाने वाले सिद्धार्थ मल्होत्रा अब नेटफ्लिक्स पर स्पाई फिल्म लेकर आए हैं, मिशन मनजू. फिल्म 1970 के दशक में स्थित है. जब भारत अपना पहला परमाणु परीक्षण कर चुका था और पाकिस्तानी हुक्मरानों का कहना था कि देशवासियों को चाहे भूखे मर जाना पड़े मगर वे परमाणु ताकत बन कर मानेंगे. नतीजा यह कि उन्होंने अपने विदेश में बसे परमाणु वैज्ञानिक ए.क्यू. खान को उसके परिवार समेत वापस बुलाया और चोरी-छुपे परमाणु कार्यक्रम शुरू किया. भारत के जासूसों ने कैसे पाकिस्तान के इरादों को ध्वस्त किया, यही फिल्म में बताया गया है.

जोखिम में जान
पाकिस्तान के विरुद्ध खुफिया कहानियों की थीम इधर लगातार आती रही हैं. थोड़े समय पहले ही जी5 पर वेबसीरीज थी, मुखबिर. उसमें भी भारत विरुद्ध पाकिस्तान की गतिविधियों का राज जानना और उसके मुताबिक जवाबी कार्रवाई दिखाई गई थी. इस फिल्म में भी रॉ के लिए काम करने वाले अमनदीप सिंह (सिद्धार्थ मल्होत्रा) की कोशिशें रंग लाती हैं और वह जान जोखिम में डाल कर यह पता लगाता है कि पाकिस्तान ने कहां खुफिया परमाणु संयंत्र लगाया गया है. उन दिनों आज की तरह सैटेलाइटों का जाल आसमान में नहीं बिछा था और इसलिए यह काम बेहद कठिन और जोखिम भरा था. फिल्म का मूल आइडिया रोचक है, लेकिन फिल्म हिस्सों में रोमांच पैदा कर पाती है.

मिशन और इमोशन
सिद्धार्थ जैसे स्टार की वजह से फिल्म में एक पूरा रोमांटिक बल्कि पारिवारिक ट्रेक शामिल किया गया है. पाकिस्तान में तारिक नाम के दर्जी बन कर रहे अमनदीप को एक नेत्रहीन लड़की नसरीन (रश्मिका मंदाना) से प्यार हो जाता है और दोनों शादी कर लते हैं. इधर उनका परिवार बढ़ने वाला है और उधर, तारिक पाकिस्तान की खुफिया जानकारी निकालने में लग जाता है. उसके इस मिशन को भारत में बैठे हेंडलर शर्मा (जाकिर हुसैन) द्वारा मिशन मजनू नाम दिया जाता है. इस मिशन में तारिक की मदद रॉ के दो अन्य एजेंट करते हैं, होटल चलाने वाला असलम उस्मानिया (शारिब हाशमी) और बरसों से मौलवी बनकर रहे रमन सिंह (कुमुद मिश्रा). तारिक के साथ उसके पिता का भी एक इमोशनल ट्रेक जोड़ा गया है. उसके पिता ने देश के राज पाकिस्तान को बेचे थे, अमनदीप इस कलंक के बावजूद भारत के लिए जासूसी करता है और बताता है कि उस अलग मिट्टी का इंसान है.

स्क्रिप्ट में गुंजाइश बाकी
फिल्म का मूल मुद्दा पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम की खुफियागिरी और उसे हर हाल में परमाणु बम बनाने से रोकना है. फिल्म में यह बात बार-बार बाधित होती है क्योंकि बीच-बीच में तारिक-नसरीन और उसके परिवार के सदस्य आते जाते हैं. गाने आते हैं. कहानी की रफ्तार धीमी होती है. फिल्म की स्क्रिप्ट में कसावट की गुंजाइश बाकी रहती है. हालांकि यह सच है कि निर्देशक ने एक्टरों से अच्छा परफॉर्म कराया है. सिद्धार्थ ने इमोशनल दृश्यों पर उन्होंने मेहनत की है. जबक कुमुद मिश्रा और शारिब हाशमी अपनी भूमिकाओं में असर छोड़ते हैं. रश्मिका मंदाना के किरदार में विविधता नहीं है और उन्हें अपनी एक्टिंग दिखाने का खास मौका भी नहीं मिला. शांतनु बागची की बतौर निर्देशक यह पहली फिल्म है. पर्याप्त संसाधनों तथा एक्टरों के साथ वे इसे बेहतर बना सकते थे.

असल से दूर नकल
फिल्म में इंदिरा गांधी, जुल्फिकार अली भुट्टो, मोरारजी देसाई और जनरल जिया उल हक जैसे रीयल लाइफ लीडर दिखाए गए हैं, परंतु इन्हें ठीक ढंग से पेश नहीं किया जा सका. ये किरदार इन शख्सीयतों की नकल की तरह लगते हैं, असली के कहीं नजदीक नहीं पहुंचते. यह बात फिल्म को कमजोर करती है. गीत-संगीत और संवाद औसत हैं. इसी तरह फिल्म कुछ जगहों पर तथ्यों को सामने रखती हुई अचानक कहानी की दुनिया में पहुंच जाती है. अतः यह साफ नहीं हो पाता है कि निर्देशक अंततः क्या दिखाना चाहता है. बावजूद इन बातों के अगर आप स्पाई फिल्मों के शौकीन हैं और सिद्धार्थ मल्होत्रा-रश्मिका मंदाना जैसे एक्टरों के फैन हैं तो यह फिल्म देख सकते हैं. आपको यह फिल्म एंटरटेन करेगी.

निर्देशकः शांतनु बागची
सितारेः सिद्धार्थ मल्होत्रा, रश्मिका मंदाना, कुमुद मिश्रा, शारिब हाशमी, परमीत सेठी, जाकिर हुसैन, रजित कपूर
रेटिंग **1/2

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