Sunday Planning: मेडिकल स्टोर पर कंडोम मांगने में होती है झिझक, इस ओटीटी पर ये 3 फिल्में देख लें फटाफट
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Sunday Planning: मेडिकल स्टोर पर कंडोम मांगने में होती है झिझक, इस ओटीटी पर ये 3 फिल्में देख लें फटाफट

Condom: भारत की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है. हम इस साल अधिकृत रूप से दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाले देश हो जाएंगे. वहीं सरकारी आंकड़े बताते हैं कि 2020-2021 में गर्भनिरोधक के रूप में भारत में कंडोम की सेल गिरी है. परंतु हाल के समय में आई फिल्में लोगों को इसके इस्तेमाल के प्रति जागरूक बनाने की कोशिश कर रही हैं.

 

Sunday Planning: मेडिकल स्टोर पर कंडोम मांगने में होती है झिझक, इस ओटीटी पर ये 3 फिल्में देख लें फटाफट

Rakul Preet Singh And Nusrratt Bharuccha: मेडिकल स्टोर से कंडोम न मांग पाना एक राष्ट्रीय समस्या है. लकी होते हैं वो, जो इसे इस्तेमाल करते हैं. यह डायलॉग है फिल्म हेलमेट का. हाल के समय में इस समस्या पर फोकस करने वाली हेलमेट अकेली फिल्म नहीं है. कल ही फिल्म रिलीज हुई है, छतरीवाली. इससे पहले आई थी, जनहित में जारी. छतरीवाली बताती है कि भारत में दस में से एक पुरुष ही कंडोम का उपयोग करता है. वहीं जनहित में जारी कहती है कि इंडिया में हर साल डेढ़ करोड़ से ज्यादा अबॉर्शन होते हैं. तीनों फिल्में किसी न किसी तरह से लोगों को जागरूक बनाने की कोशिश करती है. इनकी खास बात यही है कि इनका फोकस पूरी तरह कंडोम के इस्तेमाल को लेकर झिझक खत्म करना. अध्ययन बताते हैं कि भारत में गर्भनिरोधक के रूप में कंडोम को लेकर अभी तक बहुत-सी भ्रांतियां हैं. ऐसे में ये फिल्में लोगों को कंडोम पर बातचीत करने के लिए न केवल प्रेरित करती हैं, बल्कि झिझक को दूर भी करती हैं.

हेलमेट (2021): निर्देशक सतराम रमानी की इस फिल्म में यूपी के एक शहर में रहने वाला लकी और उसके दोस्त जल्दी-जल्दी पैसा कमाना चाहते हैं. लेकिन हर काम में नाकाम होते हैं. ऐसे में वे ई-कॉमर्स कंपनी के माल ढोने वाले ट्रक को लूटते हैं. ट्रक में उन्हें इलेक्ट्रिक सामान तो नहीं मिलता बल्कि कंडोम के सैकड़ों बड़े-बड़े बक्से मिलते हैं. वे अपने शहर में ये कंडोम बेचने निकल पड़ते हैं और कंपनी का नाम हेलमेट रखते हैं. फिल्म में अपारशक्ति खुराना, प्रनूतन बहल, अभिषेक बनर्जी, शारिब हाशमी और सानंद वर्मा की मुख्य भूमिकाएं थीं.

जनहित में जारी (2022) : यह कहानी मध्य प्रदेश के एक छोटे से शहर में रहने वाली मनोकामना त्रिपाठी की है. वह नौकरी ढूंढती है और कहीं नौकरी नहीं मिलती. आखिर एक कंडोम फेक्ट्री में उसे मार्केटिंग की नौकरी लगती है. लेकिन सवाल यह है कि मनोकामना कैसे बाजार में जाकर दुकानों पर कंडोम बेचे. वह नया रास्ता ढूंढती है, जिससे कंडोम बेच भी सके और लोगों को जागरूक भी बना सकें. मगर इस बीच उसकी शादी होती है और शादी के बाद एक नया ड्रामा खड़ा होता है. फिल्म में नुसरत भरूचा, अनुद सिंह ढाका, विजय राज और पारितोष त्रिपाठी की अहम भूमिका है. निर्देशक हैं जय बसंतु सिंह.

छतरीवाली (2023) : छतरीवाली कल ही रिलीज हुई है. इसकी कहानी भले ही जनहित में जारी से कुछ मिलती है क्योंकि यहां भी हीरोइन को नौकरी की तलाश है और कंडोम कंपनी में ही उसे नौकरी मिलती है, मगर कुछ बदलाव भी हैं. यहां हीरोइन कंडोम बनाने वाली कंपनी में क्वालिटी टेस्टर के रूप में जॉइन करती है. साथ ही वह टीचर है और बच्चों को सेक्स एजुकेशन देने की वकालत करती है. फिल्म में रकुल प्रीत सिंह, सुमित व्यास, सतीश कौशिक और राजेश तैलंग मुख्य भूमिकाओं में हैं. फिल्म का निर्देशन है, तेजस प्रभा विजय देओस्कर का.

हेलमेट, जनहित में जारी और छतरीवाली, ये तीनों फिल्में आप जी5 पर देख सकते हैं.

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