Meena Kumari Tragic Life: मीना की जिंदगी में प्यार के रूप में फिल्ममेकर कमाल अमरोही ने दस्तक दी. मीना पिता अली बक्श से डरती थीं इसलिए उन्होंने कमाल अमरोही से चोरी-छुपे 14 फरवरी 1952 को शादी कर ली. जैसे ही अली बक्श को मीना और कमाल अमरोही की शादी की बात पता चली उन्होंने बेटी मीना से कहा वो तलाक ले.
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Meena Kumari Untold Story: मीना कुमारी (Meena Kumari) जिनके बालों से चाहनेवाले ताबीज बनाया करते थे, जिन्हें कभी आंसुओं के लिए ग्लिसरीन की जरूरत नहीं पड़ी. अनगिनत फिल्मों में में नजर आने वालीं मीना कुमारी की जिंदगी उतार चढ़ाव भरी रही. जब वो पांच साल की थीं तो पिता काम करवाने के लिए उन्हें फिल्म स्टूडियो ले जाने लगे. डायरेक्टर विजय भट्ट ने उन्हें देखा और बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट मीना को 1939 की फिल्म लेदरफेस में ले लिया.मीना कुमारी को पहली फीस मिली 25 रुपए.उनके कमाए रुपयों से घर चलाने में मदद हो जाती थी. देखते ही देखी बेबी मीना चाइल्ड आर्टिस्ट से हीरोइन बन गई और कई फिल्मों में काम करने लगीं लेकिन लेकिन उन्हें पहचान मिली 1952 की फिल्म बैजू बावरा से.
कमाल अमरोही से की थी शादी
मीना की जिंदगी में प्यार के रूप में फिल्ममेकर कमाल अमरोही ने दस्तक दी. मीना पिता अली बक्श से डरती थीं इसलिए उन्होंने कमाल अमरोही से चोरी-छुपे 14 फरवरी 1952 को शादी कर ली. जैसे ही अली बक्श को मीना और कमाल अमरोही की शादी की बात पता चली उन्होंने बेटी मीना से कहा वो तलाक ले. कमाल ने मीना को दायरा फिल्म ऑफर की लेकिन पिता ने ये कहकर इनकार किया कि अगर मीना ने फिल्म की तो वो उन्हें घर से निकाल देंगे. 4 दिन बाद मीना जिद में महबूब खान की फिल्म अमर छोड़कर दायरा के सेट पहुंच गई. जब शूट कर आधी रात को घर पहुंची तो पिता ने दरवाजा नहीं खोला. मीना सीधे कमाल के घर पहुंच गईं.
नशे में डूब गईं मीना
शादी के बाद कमाल ने मीना को फिल्मों में काम करने की इजाजत, लेकिन कई पाबंदियों के साथ दी. शर्त थी कि उनके मेकअप रूम में कोई पुरुष की एंट्री कभी ना हो. वो शाम साढे 6 बजे के बाद घर से बाहर ना रहें. मीना इन पाबंदियों से परेशान हो गईं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कमाल मीना से मारपीट तक करते थे. नशे की लत उन्हें लिवर सिरोसिस जैसी खतरनाक बीमारी दे गई. मीना ने रिश्तों की अनबन और बीमारी को काम के आड़े नहीं दिया और कमाल अमरोही की फिल्म पाकीजा में काम करती रहीं. हालांकि इस दौरान वो ये जान चुकी थीं कि उनके पास अब ज्यादा समय नहीं है. पाकीजा 14 सालों में पूरी हुई जिसका प्रीमियर 3 फरवरी 1972 में मराठा मंदिर में हुआ. फिल्म देखकर मीना ने कहा, मैं मान गई हूं कि मेरे पति एक बेहतरीन फिल्मकार हैं. इसके एक महीने बाद ही 31 मार्च को मीना कुमारी का निधन हो गया. पति की ख्वाहिश पर मीना को रहमतबाद के कब्रिस्तान में दफनाया गया, जिसके ठीक बाजू में 11 फरवरी 1993 में कमाल अमरोही दफन हुए.