Anil Kapoor: अनिल कपूर के लिए फिल्मों में शुरुआती दिन काफी स्ट्रगल के थे. हीरो बनने से पहले उन्हें छोटे-छोटे रोल मिलते रहे. बतौर लीड एक्टर डेब्यू के लिए उन्हें साउथ जाना पड़ा. फिर बॉलीवुड में भाई ने हीरो बनाया भी, तो हीरोइन साथ काम करने को राजी नहीं थी. तब अनिल कपूर ने खुद उसे मनाने का जिम्मा उठाया.
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Anil Kapoor Film: अनिल कपूर बॉलीवुड के सदाबहार हीरो हैं. आज भी वह अपने दम पर किसी फिल्म को हिट बना सकते हैं. वह 66 साल के हो चुके हैं, लेकिन उन्हें देखकर कोई नहीं कह सकता कि उनकी इतनी उम्र होगी. किसी यंग हीरो से वह आज भी कम नहीं और उनकी एक्टिंग तो कमाल की है. लेकिन यह बात कम लोग जानते हैं कि अनिल के लिए फिल्म इंडस्ट्री में पहचान बनाना आसान नहीं था. करियर के शुरुआती दिनों में उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा. जबकि उनके पिता तथा भाई फिल्म प्रोड्यूसर थे. शुरुआती दिनों में तो हालत यह थी कि कोई भी हीरोइन उनके साथ काम करने के लिए तैयार नहीं थी.
हीरोइन ने कहा, ना
अनिल कपूर ने सोलो हीरो के रूप में अपना फिल्मी करियर 1980 में आई तेलुगु फिल्म ‘वामसा वृक्षम’ से किया था. लेकिन उसी बरस उन्हें बॉलीवुड में बड़ा ब्रेक मिला अपने भाई बोनी कपूर द्वारा निर्मित फिल्म वो सात दिन से. निर्देशक थे, सत्तीराजून लक्ष्मीनारायण उर्फ बापू. इस फिल्म में अनिल कपूर, पद्मिनी कोल्हापुरे तथा नसीरुद्दीन शाह की मुख्य भूमिकाएं थी. लेकिन अनिल कपूर के लिए अपनी ही होम प्रोडक्शन की फिल्म में रोल पाना आसान नहीं था. जब बोनी कपूर ने अनिल कपूर के अपोजिट पद्मिनी कोल्हापुरे को लेना चाहा तो एक्ट्रेस ने साफ इंकार कर दिया क्योंकि वह प्रेम रोग से सुपरस्टार बन चुकी थीं तथा हिंदी फिल्मों में सपोर्टिंग रोल करने वाले एक्टर के साथ काम नहीं करना चाहती थी. यहां तक कि नसीरुद्दीन शाह ने भी अनिल कपूर के साथ काम करने से मना कर दिया. वह जमे जमाए एक्टर थे और वो सात दिन में रोल बड़ा नहीं था.
सिलसिला टिफिन का
अनिल तथा बोनी कपूर दोनों ही चाहते थे कि पद्मिनी तथा नसीरुद्दीन वो सात दिन में काम करें. उन्हें भरोसा था कि इनका सहारा मिलने पर अनिल कपूर की नैया पार हो जाएगी. लेकिन दोनों ही तैयार नहीं हो रहे थे. तब बोनी कपूर ने नसीरुद्दीन शाह को उनकी फीस से ज्यादा पैसे देने का वादा करके साइन किया. पद्मिनी कोल्हापुरे को मनाने का जिम्मा अनिल कपूर ने लिया. अनिल कपूर रोज पद्मिनी के घर टिफिन पहुंचाने लगे. पद्मिनी के मना करने पर भी. अनिल का कहना था वह उनके साथ फिल्म साइन कर लें वरना वह इसी तरह से उनके घर ताजा-गर्मागर्म खाने का टिफिन पहुंचाएंगे. आखिरकार पद्मिनी को अनिल की बात माननी ही पड़ी. वो सात दिन सुपरहिट हुई जो तमिल फिल्म अंधा 7 नटकल का रीमेक थी. इसी फिल्म को आधार बना कर चलकर संजय लीला भंसाली ने हम दिल दे चुके सनम बनाई.
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