Arvind Kejriwal: न मीटिंग, न कैबिनेट, न वीडियो कॉन्फ्रेंस... क्या जेल से सरकार चला सकते हैं सीएम अरविंद केजरीवाल?
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Arvind Kejriwal: न मीटिंग, न कैबिनेट, न वीडियो कॉन्फ्रेंस... क्या जेल से सरकार चला सकते हैं सीएम अरविंद केजरीवाल?

Arvind Kejriwal Arrest: लोकसभा चुनाव के बीच राजधानी दिल्ली में एक नया संकट पैदा होता जा रहा है. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ईडी की हिरासत में हैं और उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है. आम आदमी पार्टी ने जिस तरह से प्रदर्शन शुरू किया है उससे साफ है कि जेल जाने पर भी केजरीवाल इस्तीफा नहीं देंगे. भाजपा इस्तीफा मांग रही है. ऐसे में सवाल है कि आगे क्या होगा?

Arvind Kejriwal: न मीटिंग, न कैबिनेट, न वीडियो कॉन्फ्रेंस... क्या जेल से सरकार चला सकते हैं सीएम अरविंद केजरीवाल?

Delhi News: दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल जेल से ही सरकार चलाने पर अड़े हुए हैं. अगर ऐसा ही चला तो क्या दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लग सकता है. इस तरह के सवाल राजधानी में पूछे जा रहे हैं. तर्क दिया जा रहा है कि चुने हुए मुख्यमंत्री के पास कई तरह की जिम्मेदारियां होती हैं जिसे कस्टडी में रहते हुए निभाना व्यावहारिक नहीं है. फिलहाल ईडी की हिरासत में होते हुए केजरीवाल सरकारी आदेश जारी कर रहे हैं. आम आदमी पार्टी कह रही है कि न तो आरोपपत्र आए हैं और न ही फैसला तो सीएम को अपनी जिम्मेदारियों को निभाने से रोका नहीं जा सकता. ऐसे में कानून और संविधान के विशेषज्ञों ने कई महत्वपूर्ण सवालों के जवाब दिए हैं. 

  1. हिरासत से आदेश: जेल में बंद कैदी को घरवालों और अपने वकील से मिलने का अधिकार मिलता है. हालांकि किसी मुख्यमंत्री (Arvind Kejriwal News Today) के लिए जेल में अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए किसी तरह की सहूलियत मिलना मुश्किल है. हाल में जब हेमंत सोरेन छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री थे और उन्हें गिरफ्तार किया जाना था तो उन्होंने पहले राजभवन जाकर इस्तीफा दिया था. अब सीएम केजरीवाल कस्टडी से आदेश जारी कर रहे हैं.
  2. कानून और संविधान विशेषज्ञ विराग गुप्ता और निशांत गौतम ने 'भास्कर' को बताया कि सरकारी आदेश की एक प्रक्रिया होती है. संबंधित विभाग का मंत्री सिफारिश करता है. कैबिनेट की सलाह पर मुख्यमंत्री दस्तखत करते हैं और आदेश जारी होता है. हिरासत या जेल में होने पर सीएम का इस तरह से जिम्मेदारियों को निभाना मुश्किल है. एक्सपर्ट साफ कह रहे हैं कि दिल्ली के सीएम ने हिरासत में जो दो आदेश दिए हैं उसका कोई कानूनी औचित्य नहीं है. 
  3. मंत्रियों से सीएम की रूटीन मुलाकात: एक्सपर्ट का कहना है कि सीएम मंत्रियों और अधिकारियों से नियमित रूप से नहीं मिल सकते हैं. जांच एजेंसी हिरासत में इसकी मंजूरी नहीं दे सकती. अगर वह जेल जाते हैं तो भी यह संभव नहीं होगा. जेल मैन्युअल इसकी इजाजत नहीं देते हैं. जेल में मुख्यमंत्री मंत्रियों और अधिकारियों से मुलाकात कर सकते हैं लेकिन लिखित आदेश नहीं दे सकते. 
  4. कैबिनेट की बैठक: एक बात स्पष्ट है कि सीएम हों या आम कैदी, सबके लिए प्रावधान एक समान हैं. ऐसे में विधायकों से मिलना, अधिकारियों के साथ मीटिंग और विभागों के काम देखने में मुश्किल आएगी. हां, सीएम के जेल में रहने पर सरकार का सबसे वरिष्ठ मंत्री कैबिनेट की मीटिंग कर सकता है. सीएम जेल से कैबिनेट मीटिंग में शामिल नहीं हो सकते हैं और न ही जेल में मीटिंग बुला सकते हैं. 
  5. जेल से कितनी मंजूरी: जानकार कहते हैं कि जेल से सरकार चलाने के लिए न तो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा मिलेगी और न कैबिनेट की मीटिंग में भाग लेने की मंजूरी होगी.
  6. बड़ी बात यह है कि जेल मैन्युअल में अगर इसकी इजाजत नहीं है तो अदालत भी सीएम अरविंद केजरीवाल को परमिशन नहीं दे सकती. अभी के नियमों को देखें तो आरोपी को पेशी के लिए ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा मिलती है.

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