Lok Sabha Election: सपा के अभेद किले में सीएम योगी की बुलडोजर रैली, मैनपुरी में डिंपल यादव के सामने बड़ी चुनौती
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Lok Sabha Election: सपा के अभेद किले में सीएम योगी की बुलडोजर रैली, मैनपुरी में डिंपल यादव के सामने बड़ी चुनौती

Mainpuri Lok Sabha Election: राजनीति में हर दल और हर नेता अपने गढ़ को बचाने और दूसरे के किले को ढहाने के लिए नए-नए विचार और Ideas लेकर आ रहा है. उत्तर प्रदेश में जिस बुलडोजर को माफियाओं के गढ़ ढहने का पर्यायवाची माना जाता है. उस बुलडोजर के जरिये CM योगी के रोड शो में बीजेपी ने मुलायम परिवार के अभेद किले को ढहाने की मंशा जताई है.

Lok Sabha Election: सपा के अभेद किले में सीएम योगी की बुलडोजर रैली, मैनपुरी में डिंपल यादव के सामने बड़ी चुनौती

Mainpuri Lok Sabha Election: राजनीति में हर दल और हर नेता अपने गढ़ को बचाने और दूसरे के किले को ढहाने के लिए नए-नए विचार और Ideas लेकर आ रहा है. उत्तर प्रदेश में जिस बुलडोजर को माफियाओं के गढ़ ढहने का पर्यायवाची माना जाता है. उस बुलडोजर के जरिये CM योगी के रोड शो में बीजेपी ने मुलायम परिवार के अभेद किले को ढहाने की मंशा जताई है.

मैनपुरी में मुख्यमंत्री योगी का रोड शो

गुरुवार को उत्तर प्रदेश की हॉट सीट मैनपुरी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन किलोमीटर लंबा रोड शो किया. रोड शो के रास्ते में जगह-जगह बुलडोजर खड़े हुए थे. सभी बुलडोजरों को फूलों से सजाया गया था. जिन पर चढ़कर बीजेपी कार्यकर्ता CM योगी पर फूल बरसा रहे थे. राजनीतिक पंडितों के मुताबिक मैनपुरी के रोड शो में बुलडोजरों के जरिये बीजेपी ने ये मैसेज दिया कि उत्तर प्रदेश में जिस तरह अपराधियों और माफियाओं का सफाया हुआ है. उसी तरह मैनपुरी में समाजवादी पार्टी के अभेद किले को भी ध्वस्त करके कमल खिलेगा. मैनपुरी में CM योगी के तेवर भी यही दिखा रहे थे.

मैनपुरी में 7 मई को मतदान

मैनपुरी में 7 मई को मतदान हैं. ये सीट मुलायम परिवार का मजबूत किला है और इसलिए उत्तर प्रदेश की Hot Seat भी है. रोड शो में बुलडोजर और CM योगी का भाषण... दोनों से ये समझ में आ रहा था कि मैनपुरी में मुलायम परिवार के गढ़ पर कब्जा करने के लिए बीजेपी ने पूरा जोर लगाया हुआ है.

बीजेपी ने जयवीर सिंह को मैदान में उतारा

इस सीट से अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव सांसद हैं और दोबारा चुनाव लड़ रही हैं. डिंपल को चुनौती देने के लिए बीजेपी ने जयवीर सिंह को मैदान में उतारा है जो योगी सरकार में मंत्री हैं. मैनपुरी सीट पर परंपरागत रूप से मुलायम परिवार का ही कब्जा रहा है. इसे मुलायम परिवार का अभेद किला भी कहा जाता है. वर्ष 1996 से ये सीट मुलायम परिवार के पास है.

1996 में पहली बार मुलायम सिंह यादव ने जीती थी मैनपुरी सीट

1996 में मुलायम सिंह यादव ने पहली बार मैनपुरी की सीट जीती. इसके बाद 2004, 2009, 2014 और 2019 में भी मुलायम सिंह यादव मैनपुरी सीट से जीते थे. 2022 में मुलायम सिंह यादव की मृत्यु के बाद हुए उपचुनाव में डिंपल यादव ने मैनपुरी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और 2 लाख 88 हजार वोटों से जीत हासिल की. इसके अलावा मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से अखिलेश यादव विधायक हैं और जसवंत नगर से मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव विधायक हैं.

मुलायम परिवार का मजबूत गढ़

मैनपुरी सीट को मुलायम परिवार का मजबूत गढ़ साबित करने वाला एक Fact ये भी है कि पिछले पांच लोकसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी ने इस सीट पर हर बार 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट हासिल किये हैं. जबकि दो बार 60 प्रतिशत से ज्यादा वोट समाजवादी पार्टी को मिले हैं. मैनपुरी में समाजवादी पार्टी और मुलायम परिवार की मजबूती का सबसे बड़ा कारण इस सीट का जातीय समीकरण है जिसमें यादव वोटर्स किंगमेकर बनते हैं.

वोटर्स की कुल संख्या करीब 14 लाख

मैनपुरी लोकसभा सीट पर वोटर्स की कुल संख्या करीब 14 लाख है सबसे ज्यादा करीब साढ़े चार लाख यादव वोटर्स है. दूसरे नंबर पर शाक्य वोटर्स की संख्या करीब सवा तीन लाख है. ब्राह्मण वोटर्स की संख्या करीब 1 लाख 10 हजार है. दलित वोटर्स करीब एक लाख 20 हजार हैं. लोध वोटर्स की संख्या दो लाख के आसपास है. और मुस्लिम वोटर्स की संख्या भी करीब 55 हजार है. मैनपुरी में यादव वोटर्स के साथ-साथ दलित, लोधी और मुस्लिम.. समाजवादी पार्टी का कोर वोट बैंक रहे हैं. बीजेपी लोध, ब्राह्मण और नॉन यादव OBC को साधकर मैनपुरी सीट पर पहली बार जीत हासिल करना चाहती है.

मैनपुरी से डिंपल यादव चुनाव मैदान में

एक बार फिर अपनी पारिवारिक विरासत को बचाने के लिए मैनपुरी से डिंपल यादव चुनाव मैदान में है.  बीजेपी पूरा जोर लगा रही है. लेकिन डिंपल यादव कॉन्फिडेंट नजर आ रही हैं. कॉन्फिडेंस की एक वजह ये भी है कि पिछले तीन दशकों में चाहे किसी की भी लहर रही हो. लेकिन उस लहर का असर मैनपुरी सीट पर नहीं हुआ है. और समाजवादी पार्टी हमेशा जीतती रही है. 2019 की मोदी लहर में भी मुलायम सिंह यादव इस सीट को बचाने में कामयाब रहे थे. लेकिन इस बार मुलायम सिंह की विरासत का मुकाबला बीजेपी की गारंटी से है.

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