Ritesh Pandey Socal Score: उत्तर प्रदेश की अंबेडकरनगर लोकसभा सीट से भाजपा ने बसपा छोड़कर पार्टी में आए रितेश पांडेय को अपना उम्मीदवार बनाया है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर रितेश पांडेय के 93 हजार से ज्यादा फॉलोवर्स हैं.
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Ritesh Pandey Ambedkar Nagar: देश में 18वीं लोकसभा के लिए हो रहे आम चुनाव को लेकर तमाम राजनीतिक दलों के नेता प्रचार अभियान में बिजी हैं. वोटर्स को लुभाने के लिए नेता सोशल मीडिया का भी खूब इस्तेमाल कर रहे हैं. इसी बीच 'ज़ी न्यूज़' ने चुनावी मैदान में उतरे पॉलिटिकल लीडर्स का लीडर सोशल स्कोर (LSS) निकाला है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर विभिन्न दलों के उम्मीदवारों की सक्रियता और प्रभाव को देखते हुए इसे निर्धारित किया गया है.
इस खबर में हम उत्तर प्रदेश की अंबेडकरनगर लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार रितेश पांडेय की बात कर रहे हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर उनके 93 हजार से ज्यादा फॉलोवर्स हैं. वहीं, माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर 55.8 हजार यूजर्स उन्हें फॉलो करते हैं.
लखनऊ के मशहूर राजनैतिक घराने से ताल्लुक
43 साल के रितेश पांडेय उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक तेजतर्रार युवा नेता की छवि रखते हैं. उनका ताल्लुक लखनऊ के राजनैतिक घराने से है. रितेश पांडेय के पिता राकेश पांडेय अंबेडकर नगर से पूर्व सांसद रह चुके हैं. इसलिए उनके लिए यह सीट और भी मायने रखती है. फिलहाल राकेश पांडेय जलालपुर विधानसभा सीट से सपा के विधायक हैं. वहीं, उनके चाचा पवन पांडेय भी कई वर्षों से राजनीति में सक्रिय हैं.
साल 2012 में की थी राजनीतिक सफर की शुरुआत
राजनीति में आने से पहले रितेश पांडेय एक आर्ट फर्म चलाया करते थे. अपने पिता की इच्छा पूरा करने के लिए उन्होंने साल 2012 में अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की. पिता राकेश पांडेय के आग्रह करने पर बसपा ने जलालपुर विधानसभा सीट से रितेश पांडेय को टिकट दे दिया. हालांकि, इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा. हार के बावजूद रितेश पांडेय जनता के बीच लोकप्रियता हासिल करने में सफल रहे.
विधानसभा चुनाव 2017 में लिया 2012 की हार का बदला
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 में रितेश पांडेय फिर बसपा के टिकट पर जलालपुर से मैदान में उतरे. इस बार उन्होंने भाजपा प्रत्याशी राजेश सिंह को बड़े अंतर से हराकर राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि हासिल की. राजेश सिंह सपा के कद्दावर नेता शेरबहादुर सिंह के बेटे हैं. उन्होंने 2012 विधानसभा चुनाव में रितेश पांडेय को हराया था. रितेश पांडेय की जीत से बसपा प्रमुख मायावती ने निजी तौर पर खुशी जाहिर की.
भाजपा नेता के खिलाफ जीती अंबेडकर नगर संसदीय सीट
लोकसभा चुनाव 2019 में रितेश पांडेय विधायक रहते हुए बसपा की टिकट पर अंबेडकरनगर सीट से मैदान में उतरे. इस चुनाव में लगभग एकतरफा मुकाबले में रितेश पांडेय ने 96 हजार मतों के अंतर से अपने नाम जीत दर्ज की. उनके मुकाबले यूपी के सहकारिता मंत्री और भाजपा प्रत्याशी मुकुट बिहारी वर्मा को 4 लाख 66 हजार 71 वोट के साथ संतोष करना पड़ा. रितेश पांडेय का नाम देश के सफल सांसदों में भी शामिल है. मायावती ने उन्हें लोकसभा में बसपा संसदीय दल का नेता भी बनाया था.
रितेश पांडेय के बसपा से जुदा होने पर मायावती ने दी प्रतिक्रिया
फिलहाल रितेश पांडेय ने बसपा से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया और दोबारा ब्राह्मण बहुल अंबेडकरनगर सीट से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. रितेश पांडेय का आरोप है कि बसपा उन्हें साइडलाइन कर रही थी. रितेश पांडे की राजनैतिक हैसियत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके बसपा छोड़ने पर पार्टी प्रमुख मायावती की प्रतिक्रिया सामने आई थी.
लंदन में पढ़ाई और प्यार, रितेश पांडेय की ब्रिटिश लड़की से शादी
रितेश पांडेय ने यूरोपियन बिजनेस स्कूल लंदन से एमबीए की डिग्री हासिल की है. पढ़ाई के दौरान लंदन में ही उनके जीवन में आईं कैथरीना साइकोलॉजी की रिसर्चर हैं. कैथरीना के पिता इंग्लैंड में डॉक्टर हैं. रितेश और कैथरीना ने कई सालों की जान-पहचान और परिवार की मंजूरी के बाद अपने रिश्ते को आगे बढ़ाते हुए साल 2020 में शादी कर ली.
ताजा चुनावी हलफनामे के मुताबिक रितेश पांडेय और उनकी पत्नी दोनों करोड़पति हैं. रितेश पांडेय राजनीति के अलावा पेट्रोलियम पदार्थों का व्यवसाय, ठेकेदारी का काम और एक प्राइवेट स्कूल का संचालन करते हैं.
डिस्क्लेमर: लीडर्स सोशल स्कोर (LSS) मशीन लर्निंग पर आधारित है. फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जुड़े 55 से ज्यादा पैरामीटर्स के आधार पर इसे निकाला गया है.