Jyotiraditya Scindia Social Score: गुना-शिवपुरी लोकसभा क्षेत्र ही नहीं बल्कि एमपी के ग्वालियर संभाग में ज्योतिरादित्य सिंधिया को लोग अब भी महाराज कहकर संबोधित करते हैं. हालांकि, वह खुद को जनता सेवक बताते हैं. कांग्रेस के बाद भाजपा के दिग्गज नेता बने सिंधिया के सामने इस बार हार का दाग मिटाने की भी चुनौती है. आइए, जानते हैं कि मध्य प्रदेश की राजनीति में इनकी लोकप्रियता का राज क्या है?
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Jyotiraditya Scindia BJP Profile: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए देश भर में भीषण गर्मी में जारी चुनाव प्रचार अभियानों के बीच 'ज़ी न्यूज़' ने सियासी मैदान में उतरे तमाम पार्टियों के उम्मीदवारों का सोशल स्कोर निकाला है. सोशल मीडिया मंचों पर राजनेताओं की पहुंच और प्रभाव के आधार पर ये लीडर सोशल स्कोर (LSS) तय किया गया है. आइए, मध्य प्रदेश की गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार ज्योतिरादित्य सिंधिया के सोशल स्कोर के बारे में जानते हैं.
राज और राजनीतिक परिवार के वारिस ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया
ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया सिंधिया राजघराने और रसूखदार राजनीतिक परिवार से आने वाले राजनेता हैं. लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा ने उन्हें उनके पारंपरिक लोकसभा क्षेत्र यानी मध्य प्रदेश की गुना-शिवपुरी सीट से मैदान में उतारा है. ज्योतिरादित्य सिंधिया फिलहाल मोदी सरकार की कैबिनेट में नागरिक उड्डयन मंत्री के रूप में कार्यरत हैं.
लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ते हुए उन्हें करारी हार मिली थी. इसके बाद कमलनाथ के साथ अंदरूनी विवाद के कारण उन्होंने कांग्रेस में छोड़ कर भाजपा का दामन थाम लिया था. भाजपा ने उन्हें मध्य प्रदेश से राज्यसभा सांसद और केंद्रीय मंत्री बना दिया था.
मुंबई, देहरादून, दिल्ली, हॉर्वर्ड और स्टैनफोर्ड से की मास्टर्स तक पढ़ाई
ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया का जन्म 1 जनवरी 1971 को मुंबई में हुआ था. इनके पिता का नाम माधवराव सिंधिया और माता का नाम माधवी राजे सिंधिया है. ज्योतिरादित्य की शुरुआती शिक्षा कैंपियन स्कूल, मुंबई और दून स्कूल, देहरादून से हुई है. ज्योतिरादित्य माधवराव सिंधिया ने उच्च शिक्षा के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज में अपना नामांकन कराया, लेकिन यहां मन न लगने के कारण पढ़ाई को अधूरा छोड़कर विदेश का रूख किया.
उन्होंने 1993 में हार्वर्ड विश्वविद्यालय के लिबरल आर्ट्स कॉलेज से अर्थशास्त्र में बीए की डिग्री के साथ स्नातक कर लिया था. इसके बाद 2001 में, उन्होंने स्टैनफोर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की डिग्री हासिल की.
पिता माधवराव सिंधिया के प्लेन हादसे में निधन के बाद राजनीति में एंट्री
ज्योतिरादित्य सिंधिया देश के ग्वालियर राजपरिवार के अंतिम महाराजा जीवाजीराव सिंधिया के पोते और राजीव गांधी की सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे माधवराव सिंधिया के बेटे हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी का नाम प्रियदर्शिनी राजे सिंधिया है. 30 सितंबर 2001 को, उत्तर प्रदेश में एक हवाई जहाज दुर्घटना में ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता और तत्कालीन सांसद माधवराव सिंधिया का निधन हो गया था. इसके बाद उनकी पारंपरिक गुना लोकसभा सीट खाली हो गई थी. इसलिए 18 दिसंबर 2001 को, ज्योतिरादित्य सिंधिया औपचारिक रूप से कांग्रेस में शामिल होकर सांसद बने. लोकसभा चुनाव 2019 की मोदी लहर में वह गुना सीट से भाजपा के कृष्ण पाल सिंह यादव से पहली बार हार गए.
ज्योतिरादित्य सिंधिया की राजनैतिक और सामाजिक यात्रा कैसी रही है
ज्योतिरादित्य सिंधिया 2007-2014 तक तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार के मंत्रिमंडल में विभिन्न मंत्रालयों के लिए स्वतंत्र प्रभार के साथ राज्य मंत्री भी रहे है. भाजपा में आने के बाद भी वह केंद्रीय मंत्री हैं. ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ और सिंधिया स्कूल, ग्वालियर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष भी हैं. उनके परदादा माधो राव सिंधिया ने ही साल 1897 में सिंधिया स्कूल की स्थापना की थी. ज्योतिरादित्य सिंधिया इंदौर के डेली कॉलेज के आजीवन संरक्षक हैं. इसके साथ ही वह ग्वालियर में चंबल क्षेत्र के सबसे प्रमुख इंजीनियरिंग कॉलेज में से एक माधव इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस के अध्यक्ष भी हैं.
डिस्क्लेमर: लीडर्स सोशल स्कोर (LSS) मशीन लर्निंग पर आधारित है. फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जुड़े 55 से ज्यादा पैरामीटर्स के आधार पर इसे निकाला गया है.