India Lok Sabha Election: अगर आपको कहीं पढ़ने को मिले कि भारत में हिटलर चुनाव लड़ रहा है. आपकी आंखें खुली रह जाएंगी. सवाल उठेगा कि ये कौन सा हिटलर है? हालांकि ऐसा हुआ है. इसमें पूरी सच्चाई है. एडोल्फ हिटलर नाम के एक शख्स ने कुछ साल पहले चुनाव लड़ा था. जब उसे गिरफ्तार किया गया तब तो लोगों की हंसी छूट गई. पढ़िए पूरा किस्सा.
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Chunavi Kisse: हो सकता है आप नाम पढ़कर चौंक गए हों. यह भी हो सकता है कि आपको लगा हो कि कुछ गलत पढ़ा जा रहा है या गलत लिखा गया है. जी नहीं, आपने बिल्कुल सही पढ़ा है. यह दिलचस्प किस्सा अपने ही देश का है. 2008 की बात है. मेघालय में चुनाव हो रहे थे.
हिटलर ने किया आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन
एक उम्मीदवार का नाम 'एडॉल्फ लू हिटलर मराक' था. उनके नाम के काफी चर्चे थे. एक दिन उनसे चूक हो गई. उन्होंने जाने-अनजाने आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन कर दिया. हां, आपने कुछ दिन पहले भी सुना या पढ़ा होगा कि लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ ही देशभर में आचार संहिता लागू हो गई है. इसके साथ ही लोकतंत्र का उत्सव भी शुरू हो गया है. हिटलर मराक ने गलती की तो उस इलाके के एसपी यानी पुलिस अधीक्षक ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.
यहां तक ठीक था लेकिन जब एसपी का नाम अखबारों में आया तब लोगों के चेहरों पर मुस्कुराहट बिखर गई. दरअसल, एसपी साहब का नाम 'जॉन एफ केनेडी' था. अगले दिन अखबारों की हेडलाइन थी- 'एडॉल्फ लू हिटलर को जॉन एफ कैनेडी ने किया गिरफ्तार'. यह जानकर आपके चेहरे पर फिर से मुस्कान आ जाएगी कि उस चुनाव में हिटलर जीत गया था.
मेघालय के हिटलर की कहानी
2013 की एक रिपोर्ट के मुताबिक नाजी तानाशाह का नाम होने के कारण वह थोड़ा विवादों में भी रहे थे. हालांकि मेघालय के हिटलर ने तीन बार विधानसभा चुनाव जीता था. तब उनकी उम्र 54 साल थी और उनके तीन बच्चे थे. उनके पिता ब्रिटिश आर्मी में काम करते थे. बताते हैं कि ब्रिटेन के दुश्मन के प्रति इतना आकर्षण हो गया कि उन्होंने बेटे का नाम एडोल्फ हिटलर रख दिया. हालांकि अंतर रखने के लिए उन्होंने बीच में 'लू' जोड़ दिया यानी नाम हुआ Adolf Lu Hitler. इस कारण जब हिटलर चुनाव लड़ते तो कहते कि मैं अलग हूं.
चुनाव के इस पर्व में ऐसे ही कई दिलचस्प किस्से निकलकर आ रहे हैं. पढ़ते रहिए 'किस्सा कुर्सी का'. (फोटो- lexica AI)