Analysis: हरियाणा की हार से बैकफुट पर कांग्रेस, गंवा दी अपनी इतनी बड़ी ताकत!
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Analysis: हरियाणा की हार से बैकफुट पर कांग्रेस, गंवा दी अपनी इतनी बड़ी ताकत!

Congress Future: हरियाणा विधानसभा चुनाव की हार और जम्मू-कश्मीर में निराशाजनक प्रदर्शन ने कांग्रेस के उम्मीदों पर 'ब्रेक' लगा दिया है. महाराष्ट्र और झारखंड जैसे राज्यों में सहयोगियों के साथ सीटों का तालमेल करने में कांग्रेस की स्थिति अब कमजोर हो सकती है.

Analysis: हरियाणा की हार से बैकफुट पर कांग्रेस, गंवा दी अपनी इतनी बड़ी ताकत!

Future of I.N.D.I.A Alliance: लोकसभा चुनाव में 99 सीटें जीतने के बाद से ही कांग्रेस पार्टी जोश में थी. लेकिन, अब कांग्रेस की उम्मीदों पर हरियाणा की हार और जम्मू-कश्मीर में निराशाजनक प्रदर्शन ने 'ब्रेक' लगा दिया है. इसके साथ ही निकट भविष्य में अपने सहयोगियों के साथ मोलभाव के उसके आधार को भी कमजोर कर दिया और कांग्रेस एक बार फिर बैकफुट पर आ गई है. राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि हरियाणा की हार के बाद महाराष्ट्र और झारखंड जैसे राज्यों में सहयोगियों के साथ सीटों का तालमेल करने में कांग्रेस की स्थिति अब कमजोर हो सकती है. इन दोनों राज्यों में नवंबर में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है.

महाराष्ट्र-झारखंड चुनाव से पहले कांग्रेस को झटका

यह बात अलग है कि कांग्रेस ने ‘षड़यंत्र’ का आरोप लगाते हुए कि हरियाणा के जनादेश को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है. हरियाणा में कांग्रेस की अप्रत्याशित हार उसके रणनीतिकारों के लिए हैरान करने वाली है, क्योंकि वे जीत तय मानकर चल रहे थे और आशा कर रहे थे कि हरियाणा में जीत के बाद महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की स्थिति बेहतर होगी. वहीं, अपने सहयोगियों के सामने भी उनकी स्थिति पहले से मजबूत हो जाएगी.

उत्तर प्रदेश में सपा की प्रेशर पॉलिटिक्स शुरू

हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार ने यूपी के राजनीतिक समीकरण को बदल दिया है. उपचुनावों में सीट शेयरिंग को लेकर यूपी में अग्रेसिव दिख रही कांग्रेस को सपा ने झटका देना शुरू कर दिया है. बिना गठबंधन फाइनल किए ही करहल सीट पर अपना कैंडिडेट घोषित किया. सूत्रों के अनुसार, बदले समीकरण में अब सपा केवल कांग्रेस को एक ही सीट देने पर विचार कर रही है. गठबंधन को लेकर अब समाजवादी पार्टी फ्रंट फुट पर है और कांग्रेस को सिर्फ फूलपुर सीट का ही प्रस्ताव दे सकती है.

उद्धव गुट वाली शिवसेना भी तरेरने लगी आंख

हरियाणा में कांग्रेस की हार के मद्देनजर महाराष्ट्र में उसकी सहयोगी शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा के खिलाफ सीधे मुकाबले में देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कमजोर पड़ जाती है. महाराष्ट्र में कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के बीच सीट बंटवारे को लेकर इन दिनों बातचीत जारी है. शिवसेना (यूबीटी) सीट बंटवारे में अपनी बड़ी भूमिका के साथ महा विकास आघाड़ी (एमवीए) की तरफ से मुख्यमंत्री का चेहरा भी पहले घोषित करने पर जोर दे रही है.

वहीं, लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में एमवीए के सबसे बड़े घटक के रूप में उभरने के बाद से कांग्रेस विधानसभा चुनाव में भी सीट बंटवारे में अपनी बड़ी हिस्सेदारी की उम्मीद लगाए हुए थी. झारखंड विधानसभा चुनाव में झामुमो के साथ और उत्तर प्रदेश के विधानसभा उप चुनावों में समाजवादी पार्टी के साथ सीट बंटवारे में भी कांग्रेस की स्थिति कमजोर हो सकती है. हरियाणा के नतीजे ने पार्टी की अंदरुनी गुटबाजी को भी कांग्रेस की एक कमजोर कड़ी के रूप में सामने ला दिया है.

तो क्या आने वाले चुनावों में कांग्रेस करेगी वापसी

हरियाणा में कांग्रेस की हार को महाराष्ट्र और झारखंड में उसकी संभावनाओं के लिए झटका माना जा रहा है, हालांकि पार्टी का कहना है कि किसी एक चुनाव परिणाम की तुलना दूसरे से नहीं की जा सकती. पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा, 'लोकसभा चुनाव में आपने देखा कि हरियाणा में हमारा कैसा अच्छा प्रदर्शन रहा. कभी भी किसी एक नतीजे की तुलना दूसरे नतीजे से नहीं करनी चाहिए. कोई यह सोचता है कि हमारे हाथ से जीत छीन सकता है तो आने वाले चुनावों में उसे जवाब मिलेगा.'

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