NEET Success Story: मधुर के पिता ने जब एग्जाम दिया था तब उनकी प्रदेश में 400वीं रैंक आई थी. इनके बाद उन्होंने झासी से MBBS की पढ़ाई की और डॉक्टर बन गए.
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Father and Son Success Story: आज हम आपको बाप बेटे की एक ऐसी स्टोरी बता रहे हैं जिसे जानकर आप भी कहेंगे वाह! 2019 में नीट का एग्जाम पास करने वाले मधुर कटियार की कानपुर में चौथी रैंक आई थी. मधुर की ओबीसी कैटगरी में 93वीं रैंक आई थी. मधुर की ऑल इंडिया रैंक की बात करें तो यह 443वीं रैंक आई है. पढ़ाई पर पूरा फोकस रहे इसलिए मधुर ने सोशल मीडिया से दूरी बनाकर रखी. उन्होंने फेसबुक पर भी अपना अकाउंट नहीं बनाया.
अब मधुर के पिता की बात करते हैं. मधुर के पिता अवधेश कटियार ने भी नीट का एग्जाम पास किया था. उन्होंने 1991 में नीट की परीक्षा पास की थी. जब उन्होंने एग्जाम दिया था तब उनकी प्रदेश में 400वीं रैंक आई थी. इनके बाद उन्होंने झासी से MBBS की पढ़ाई की और डॉक्टर बन गए. डॉ. अवधेश अकबरपुर जिला चिकित्सालय में फिजिशियन के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं और मधुर की मां नीलम कटियार हाउस वाइफ हैं.
पिता के परीक्षा पास करने के 28 साल बाद बेटे ने भी परीक्षा पास करके पिता का नाम रोशन किया. मधुर की छोटी बहन गौरी की भी मेडिकल की पढ़ाई में रुचि है. बड़े पापा जीसी कटियार उप कृषि निदेशक पद पर झांसी में तैनात हैं. मधुर का पूरा परिवार विनायकपुर में रहता है. जब बेटे का रिजल्ट आया तो पिता ने कहा था कि बेटे का बचपन से ही डॉक्टर बनने का सपना था. इसके लिए वह हमेशा गंभीर रहा. कभी उसे पढ़ने के लिए नहीं कहना पड़ा. ध्यान लगाकर हमेशा पढ़ाई पर फोकस किया. फेसबुक पर आज तक अकाउंट नहीं बनाया. मोबाइल भी सामान्य ही प्रयोग करते हैं. मधुर बताते हैं कि वह एमबीबीएस की पढ़ाई के साथ गंभीर बीमारियों पर शोध भी करेंगे.
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