AI in Education: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पढ़ाई और इन चुनौतीपूर्ण परीक्षाओं में एक्सीलेंस पाने के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है.
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NEET JEE Prepration: इंजीनियरिंग और मेडिकल के फील्ड में भविष्य बनाने के इच्छुक स्टूडेंट्स के लिए होने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) और राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी AI का उपयोग जरूरी भूमिका निभा रहा है. इन परीक्षाओं का सिलेबस बड़ा है और इनको क्रेक करने के लिए टफ कॉम्पिटिशन भी है.ऐसे में इनकी तैयारी में एआई एक गेम-चेंजिंग टूल के रूप में उभरा है.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पढ़ाई और इन चुनौतीपूर्ण परीक्षाओं में एक्सीलेंस पाने के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है. एआई का फायदा उठाकर, स्टूडेंट्स ज्यादा बेहतर तरीके से सीख सकते हैं. वे अपनी तैयारी को सुव्यवस्थित कर सफलता की संभावनाओं को बढ़ा सकते हैं. यहां लेख इस बात पर प्रकाश डालता है कि जेईई और नीट जैसी प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के लिए एआई का प्रभावी ढंग से उपयोग कैसे किया जा सकता है. कैसे स्टूडेंट्स एआई का फायद उठा सकते हैं इसके बारे में हमने मोशन एजुकेशन के संस्थापक और सीईओ नितिन विजय से बात की.
पर्सनलाइज्ड लर्निंग एक्सपीरियंस
एआई ड्रिवन प्लेटफॉर्म पर्सनलाइज्ड लर्निंग पर्सनलाइज्ड लर्निंग एक्सपीरियंस्ड प्रदान करते हैं. ये प्लेटफॉर्म अडेप्टिव असेसमेन्ट के माध्यम से स्टूडेंट्स की ताकत और कमजोरियों का विश्लेषण करते हैं और कस्टमाइज्ड स्टडी प्लान प्रदान करते हैं. एआई स्टूडेंट्स के वीक टॉपिक पहचानकर उन पर फोकस करने में मदद करता है. एआई संबंधित स्टडी मटेरियल की रिकमंड कर स्टूडेंट्स की तैयारी को आसान बनता है.
इंटेलिजेंट ट्यूटरिंग
एआई-बेस्ड सिस्टम वर्चुअल मेंटर देते हैं जो रियल-टाइम हेल्प और गाइडेंस प्रदान करते हैं. ये स्टूडेंट्स के सवालों को समझने और सटीक और व्यापक प्रतिक्रिया प्रदान करने के लिए नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (एनएलपी) का उपयोग करते हैं. गाइडेंस इंटेलिजेंट ट्यूटरिंग सिस्टम जटिल कॉन्सेप्ट को समझा सकते हैं. स्टेप बाई स्टेप समाधान प्रदान कर सकते हैं और इंटरैक्टिव प्रॉब्लम सॉल्विंग सेशन का अनुकरण भी कर सकते हैं. यह तैयारी के दौरान सुनिश्चित करता है कि हर फेज में पर्सनलाइज्ड अटेंशन मिले.
स्मार्ट प्रैक्टिस
एआई-ड्रिवन प्रक्टिस प्लेटफॉर्म ट्रेडिशनल क्वेश्चन बैंक से आगे के लेवल पर ले जाते हैं. ये प्लेटफॉर्म डिफिकल्टी लेवल, पिछले प्रदर्शन और व्यक्तिगत प्रगति के आधार पर प्रेक्टिस सेट को ऑर्गेनाइज करने के लिए मशीन लर्निंग एल्गोरिदम का उपयोग करते हैं. यह अलग-अलग तरह के सवाल बनाकर सिलेबस का व्यापक कवरेज सुनिश्चित करता है. इससे स्टूडेंट्स को अलग अलग सब्जेक्ट की समझ मजबूत करने में हेल्प मिलती है. ये प्लेटफॉर्म क्विक प्रतिक्रिया प्रदान कर स्टूडेंट्स को अपनी गलतियां तुरंत सुधारने में भी सक्षम बनाते हैं.
स्टूडेंट्स के प्रदर्शन का अनुमान
एआई एल्गोरिदम स्टूडेंट्स के प्रदर्शन का अनुमान लगाने के लिए बड़ी मात्रा में डेटा और हिस्टोरिकल पैटर्न एनालाइज करता है. टेस्ट से टाइम मैनजमेंट स्किल बढ़ती है और परीक्षा की तैयारियों का आकलन कर उन फील्ड पर फोकस करते हुए अपने स्टडी प्लान को उसी के मुताबिक समायोजित कर सकते हैं, जिन पर ज्यादा फोकस देने की जरूरत है.
इंटेलिजेंट रिवीजन
एआई-ड्रिवन रिवीजन टूल्स स्टूडेट्स के स्टडी पैटर्न को एनालाइज करते हैं, भूली हुए कॉन्सेप्ट की पहचान करते हैं और रिवीजन के लिए प्रासंगिक रिव्यू कंटेंट रिकमंड करते हैं. ये डिवाइस टारगेट संसाधन और प्रैक्टिस के सवाल देकर रिवीजन प्रक्रिया को अनुकूलित करते हैं.
मॉक टेस्ट भगाता है एग्जाम का फोबिया
एआई एल्गोरिदम मॉक टेस्ट के जरिए स्टूडेंट्स के प्रदर्शन का मूल्यांकन कर सकता है. परीक्षा जैसा माहौल बनाकर स्टूडेंट्स के मन से एग्जाम का डर निकाल देता है. टेस्ट से स्टूडेंट्स को प्रभावी टाइम मैनेजमेंट स्ट्रेटजी डिवेलप करने में भी मदद मिलती हैं.