IAS Vijay Wardhan: लगातार रिजेक्शन ने उन्हें हतोत्साहित नहीं किया बल्कि उन्हें अपनी गलतियों से सीखने में मदद मिली. हर असफल प्रयास के बाद वह और ज्यादा मोटिवेट होते गए.
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IAS Officer: सिविल सेवा परीक्षा सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है और यूपीएससी पास करने वाले उम्मीदवारों की सभी स्टोरीज हमेशा प्रेरणादायक होती हैं. आईएएस अधिकारी विजय वर्धन की यात्रा भी ऐसी ही है और यह कहावत बिल्कुल फिट बैठती है, “असफलता सफलता के विपरीत नहीं है; यह सफलता का एक हिस्सा है". जबकि कुछ लोग एक या दो प्रयासों के बाद हार मान लेते हैं, हरियाणा के विजय वर्धन ने हार नहीं मानी. वह प्रतियोगी परीक्षाओं में कई बार असफल हुए, फिर भी उन्हें निराशा हुए. आखिरकार, उन्होंने 35 अलग-अलग परीक्षाओं में असफल होने के बाद यूपीएससी में सफलता हासिल की.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, लगातार रिजेक्शन ने उन्हें हतोत्साहित नहीं किया बल्कि उन्हें अपनी गलतियों से सीखने में मदद मिली. हर असफल प्रयास के बाद वह और ज्यादा मोटिवेट होते गए. शुरुआत में उन्हें यूपीएससी सीएसई में आईपीएस अधिकारी के रूप में चुना गया था लेकिन अब वह आईएएस अधिकारी बनने के लिए प्रशिक्षण ले रहे हैं. हरियाणा के सिरसा के रहने वाले वर्धन ने अपनी स्कूली शिक्षा अपने गृहनगर में की. स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने हिसार से इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बी.टेक. किया.
इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त करने के बाद विजय वर्धन यूपीएससी की पढ़ाई के लिए दिल्ली चले गए. उन्होंने अपनी तैयारी के तहत हरियाणा पीसीएस, यूपीपीएससी, एसएससी और सीजीएल समेत 30 प्रतियोगी परीक्षाओं का प्रयास किया, लेकिन एक में भी सफल नहीं हुए. वह निराश हुए लेकिन हार नहीं मानी. 2014 में वर्धन ने पहली बार यूपीएससी की परीक्षा दी और सफल नहीं हो सके. उन्होंने एक के बाद एक लगातार चार प्रयास किए लेकिन हर बार असफल रहे.
आखिरकार, 2018 में उनकी कड़ी मेहनत रंग लाई. वह 104 ऑल इंडिया रैंक(एआईआर) के साथ यूपीएससी को क्रैक करने में सफल रहे और आईपीएस बन गए. हालांकि, विजय वर्धन अपनी आईपीएस स्थिति से खुश नहीं थे, और उन्होंने फिर से यूपीएससी परीक्षा दी और 2021 में आईएएस बन गए.
हाल ही में एक मीडिया बातचीत में, आईएएस विजय वर्धन ने सिविल सेवा के उम्मीदवारों के लिए कुछ जरूरी टिप्स शेयर किए. उन्होंने कहा कि आप स्वयं अपने बेस्ट टीचर हैं. इसलिए निर्णय लेते समय हमेशा अपनी क्षमता पर विश्वास रखना चाहिए. उन्होंने विशेष रूप से वरिष्ठ आवेदकों को सलाह दी, “आप वही प्रक्रिया नहीं दोहरा सकते जिसका आप पालन कर रहे हैं. आपको कुछ बदलाव करने की ज़रूरत है."