IAS Success Story: IIT से इंजीनियरिंग और जर्मनी में इंटर्नशिप, लेकिन नहीं आया मजा फिर दिया UPSC और बन गईं आईएएस
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IAS Success Story: IIT से इंजीनियरिंग और जर्मनी में इंटर्नशिप, लेकिन नहीं आया मजा फिर दिया UPSC और बन गईं आईएएस

IAS Officer Garima Agrawal Success Story: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में बैठने से पहले, गरिमा ने आईआईटी हैदराबाद से ग्रेजुएसन किया. इसके बाद उन्होंने जर्मनी में इंटर्नशिप की. गरिमा ने अपने पहले अटेंप्ट में यूपीएससी सीएसई परीक्षा में 240वीं रैंक हासिल की.

IAS Success Story: IIT से इंजीनियरिंग और जर्मनी में इंटर्नशिप, लेकिन नहीं आया मजा फिर दिया UPSC और बन गईं आईएएस

IAS Garima Agrawal Success story: भारतीय प्रशासनिक सेवा विभाग को देश की नौकरशाही में सबसे प्रभावशाली विभाग माना जाता है. इस विभाग के तहत कैंडिडेट्स को अलग अलग मंत्रालयों और विभागों में काम करने का मौका मिलता है. जिला स्तर पर वे अलग अलग प्राधिकरणों में जिला मजिस्ट्रेट और आयुक्त के पद पर काबिज हैं. और इसी वजह से संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा हर साल आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) में लाखों कैंडिडेट्स अपना भाग्य आजमाते हैं और यह सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है.

हालांकि, सफलता हर किसी को नहीं मिलती है, लेकिन कुछ होनहार कैंडिडेट्स ऐसे भी होते हैं जो अपने पहले ही अटेंप्ट में यूपीएससी की परीक्षा पास कर लेते हैं. IAS अधिकारी गरिमा अग्रवाल भी ऐसे की कैंडिडेट्स में से एक हैं.

मध्यप्रदेश के खरगोन की गरिमा ने पहले ही अटेंप्ट में यूपीएससी पास कर आईपीएस रैंक हासिल कर सफलता हासिल की थी, लेकिन उनका एक अलग टारगेट था. इसलिए उन्होंने दोबारा तैयारी की और दूसरे अटेंप्ट में आईएएस बनने का सपना पूरा किया. आज हम आपको उनकी सक्सेस स्टोरी के बारे में बता रहे हैं.

गरिमा ने अपनी स्कूली शिक्षा खरगोन के सरस्वती विद्या मंदिर से की है. वह बचपन से ही होशियार थीं. उनकी बड़ी बहन, प्रीति अग्रवाल ने भी 2013 में भारतीय डाक सेवा परीक्षा पास की. गरिमा ने स्कूल लाइफ से लेकर यूपीएससी सिविल सेवा तक हर फील्ड में सफलता हासिल की.

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में बैठने से पहले, गरिमा ने आईआईटी हैदराबाद से ग्रेजुएसन किया. इसके बाद उन्होंने जर्मनी में इंटर्नशिप की. गरिमा ने अपने पहले अटेंप्ट में यूपीएससी सीएसई परीक्षा में 240वीं रैंक हासिल की. हालांकि, वह संतुष्ट नहीं हुई और फिर से तैयारी शुरू कर दी. अपने दूसरे अटेंप्ट में, उन्होंने 40 वीं रैंक हासिल की और साल 2018 में आईएएस अधिकारी बनने के अपने सपने को पूरा किया. उन्होंने मसूरी में अपनी ट्रेनिंग 2019-2020 में पूरी की.

गरिमा ने अपना सक्सेस मंत्र बताते हुए यूपीएससी सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे कैंडिडेट्स को कई टिप्स दिए. गरिमा के मुताबिक UPSC प्री एग्जाम, मेन्स और इंटरव्यू की तैयारी एक साथ की जानी चाहिए.

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