IAS Success Stories Without Coaching: उनकी 12वीं की पढ़ाई किशनगज के बाल मंदिर से हुई और उसके बाद सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए आईआईटी दिल्ली में एडमिशन लिया.
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IAS Anil Basak Success Story: कई लोगों को यह जानकर आश्चर्य होता है कि गांव के लोग इस परीक्षा को कैसे पास कर लेते हैं, जहां अच्छी एजुकेशन नहीं है, अच्छी सुविधाएं नहीं हैं, कोई अच्छी नौकरी आदि नहीं है. यह केवल उनके दृढ़ विश्वास और खुद पर विश्वास के कारण है. वे अच्छा करने के लिए इतने प्रेरित होते हैं कि वे अपने जीवन में चमत्कार करते हैं. ऐसा ही मामला है यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2021 के सफल उम्मीदवार आईएएस अनिल बसाक का. वह एक गांव के कपड़ा बेचने वाले के बेटे हैं जिन्होंने सिविल सेवा परीक्षा पास कर आईएएस बन गए. चलिए जानते हैं उनकी सक्सेस स्टोरी के बारे में.
IAS Anil Basak: Early Life, Schooling and Struggles
अनिल का जन्म बिहार के किशनगंज में हुआ था. वह जिस परिवार में पैदा हुए थे, वह गरीबी रेखा से नीचे की कैटेगरी से थे. उनके ऊपर ठीक से छत भी नहीं थी. उनके पिता का नाम बिनोद बसाक और माता का नाम मंजू देवी है. उनका जन्म 2 अगस्त 1995 को हुआ था. अनिल ने किशनगंज के ओरिएंटल पब्लिक स्कूल से पढ़ाई की और औरिया पब्लिक स्कूल से 10 वीं कक्षा या हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की.
उनकी 12वीं की पढ़ाई किशनगज के बाल मंदिर से हुई और उसके बाद सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए आईआईटी दिल्ली में एडमिशन लिया. अनिल के पिता राजस्थान में एक बिजनेसमैन के यहां हेल्पर का काम करते थे. वह अपने गांव लौट आए और घर-घर जाकर कपड़े बेचने लगे. उसके बाद उन्होंने अपने गांव में कपड़े बेचना शुरू किया और अभी भी उसी स्थान पर अपनी एक छोटी सी दुकान में ऐसा करना जारी रखा. यह एक प्रकार का सूक्ष्म उद्योग है जिसे उन्होंने शुरू किया था.
अनिल अपने परिवार के 10वीं पास करने वाले दूसरे सदस्य हैं. उनके पिता केवल चौथी कक्षा तक ही पढ़े थे. हालांकि उन्होंने अपने 4 बच्चों को पढ़ाया. अनिल के बड़े भाई ने बिहार में पावर कॉर्पोरेशन में नौकरी हासिल की और अनिल इन सबके बीच आईएएस अधिकारी बन गए.
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