IIMC: भारतीय जनसंचार संस्थान को 'डीम्ड यूनिवर्सिटी' का दर्जा मिल चुका है. अब देश में पत्रकारिता के इस टॉप संस्थान से पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स को और भी कई लाभ मिलेंगे सकेंगे. आइए यहां जानते हैं इसके बारे में...
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IIMC Deemed University: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की ओर से भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC) को 'डीम्ड यूनिवर्सिटी' का दर्जा दिया जा चुका है. यूजीसी के इस फैसले को लेकर संस्थान में खुशी का माहौल है. आईआईएमसी (IIMC) देश के युवाओं को पत्रकारिता के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान करती है. इसके साथ ही इस संस्थान का उद्देश्य मीडिया और जनसंचार के क्षेत्र में सार्थक शोध करना है. आईआईएमसी देश में पत्रकारिता के क्षेत्र में करियर बनाने वाले युवाओं की पहली पसंद है.
देशभर में आईआईएमसी के परिसर
आपको बता दें कि नई दिल्ली और जम्मू (जम्मू और कश्मीर), अमरावती (महाराष्ट्र), आइजोल (मिजोरम), कोट्टायम (केरल) और ढेंकनाल (ओडिशा) समेत देशभर में आईआईएमसी के कुल पांच कैंपस हैं.
डॉक्टरेट समेत अन्य डिग्रियां देने के लिए अधिकृत
इसकी जानकारी भारतीय भारतीय जनसंचार संस्थान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने ऑफिशियल एक्स अकाउंट पर शेयर करके दी है. भारतीय जनसंचार संस्थान की स्थापना 17 अगस्त 1965 को भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत की गई थी. जानकारी के मुताबिक डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा हासिल के बाद अब आईआईएमसी डॉक्टरेट समेत अन्य डिग्रियां भी प्रदान करने के लिए पात्र है.
इस मौके पर आईआईएमसी की ओर से शिक्षा मंत्रालय को आभार व्यक्त किया गया है. आईआईएमसी ने एक्स पर लिखा गया, "आईआईएमसी को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा देने का विचार कोई नया नहीं है. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 2016 में इस योजना को मंजूरी दी थी."
A big thanks to the Ministry of Education for declaring IIMC New Delhi and its five regional centres as a Deemed to be University.
IIMC is committed to giving its best to promote education, training, and research in mass communication.EduMinOfIndia ianuragthakur dpradhanbjp
— Indian Institute of Mass Communication (@IIMC_India) January 31, 2024
यूजीसी से डीम्ड यूनिवर्सिटी का स्टेटस मिलने के फायदे
अब IIMC से ग्रेजुएशन, मास्टर्स और डॉक्टरेट डिग्री प्रदान की जा सकती हैं. डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा मिलने के साथ ही संस्थान नए प्रोगाम ऑफर करने, नए कोर्स स्ट्रक्चर डिजाइन करने, एग्जाम करवाने, किसी और संस्थान के काम का मैनेजमेंट आदि के लिए ये एनसीईआरटी स्वतंत्र है. इस आसान शब्दों में कहा जाए तो अब इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ कम्युनिकेशन ऑटोनॉमस मोड में काम कर सकता है.