QS World University Ranking: रिसर्च पेपर के मामले में दुनिया में दूसरे नंबर पर चीन, जानिए क्या है भारत की पॉजिशन
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QS World University Ranking: रिसर्च पेपर के मामले में दुनिया में दूसरे नंबर पर चीन, जानिए क्या है भारत की पॉजिशन

QS Rankings by Subject 2024: एशिया के संदर्भ में देखें तो भारत ने यूनिवर्सिटीज की संख्या (69) के मामले में दूसरा स्थान हासिल किया, केवल चीन (101) से पीछे. कुल रैंकिंग एंट्रीज में भारत चौथे स्थान पर रहा

QS World University Ranking: रिसर्च पेपर के मामले में दुनिया में दूसरे नंबर पर चीन, जानिए क्या है भारत की पॉजिशन

QS University Rankings: बिजनेस एंड मैनेजमेंट स्टडीज के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM) अहमदाबाद दुनिया के टॉप 25 संस्थानों में शुमार हो गया है. वहीं, IIM बेंगलुरु और IIM कलकत्ता टॉप 50 में शामिल हैं. यह जानकारी क्वाक्वारेली साइमंड्स (QS) विश्वविद्यालय रैंकिंग बाई सब्जेक्ट द्वारा जारी की गई. लंदन बेस्ड हायर एजुकेशन एनालिस्ट फर्म QS द्वारा घोषित रैंकिंग में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय भारत में टॉप पॉजिशन पाने वाला विश्वविद्यालय है. इस यूनिवर्सिटी को डेवलपमेंट स्टडीज में ग्लोबल लेवल पर 20वां स्थान मिला है.

क्या है भारत की पॉजिशन?

क्यूएस के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट बेन सॉटर ने कहा, "वॉल्यूम के हिसाब से देखें तो भारत अब रिसर्च का दुनिया का चौथा सबसे बड़ा प्रॉड्यूसर है, इस अवधि में 1.3 मिलियन एकेडमिक पेपर तैयार किए गए हैं, जो चीन के 4.5 मिलियन, संयुक्त राज्य अमेरिका के 4.4 मिलियन और यूनाइटेड किंगडम के 1.4 मिलियन से थोड़ा कम है."

क्या कहा QS के वीपी ने?

सॉटर ने कहा, "रिसर्च प्रोडक्टिविटी में बढ़ोतरी के मामले में, भारत मौजूदा रफ्तार से ब्रिटेन को पछाड़ने की राह पर है. हालांकि, रिसर्च के इंपेक्ट को मेजर करने के लिए रेफरेंस की संख्या देखी जाती है, और इस आंकड़े के मुताबिक, 2017-2022 की अवधि में ग्लोबल लेवल पर भारत का नौवां स्थान है. यह निश्चित रूप से एक प्रभावशाली उपलब्धि है, लेकिन भविष्य में हाई क्वालिटी, इंपेक्टफुल रिसर्च को प्राथमिकता देना और एकेडमिक कम्युनिटी में इसका प्रसार करना ही सबसे जरूरी कदम है."

"इस चैलेंज का एक और उदाहरण भारत का ग्लोबल लेवल की प्रमुख मैग्जीन्स में रेफरेंस पाने का परफोर्मेंस  है, जैसा कि CiteScore मेट्रिक्स द्वारा परिभाषित किया गया है. 2017 और 2021 के बीच, भारत के केवल 15 प्रतिशत रिसर्च को ही इन टॉप मैग्जीन में साइटेड किया गया था. यह रिसर्च मात्रा में उसके नजदीकी कंपटीटर्स, यूनाइटेड किंगडम और जर्मनी के साथ एकदम विपरीत है, जिन्होंने क्रमशः 
टॉप मैग्जीन में 38 और 33 फीसदी रेफरेंस प्रतिशत की रिपोर्ट की."

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कौन किस जगह?

एशिया के संदर्भ में देखें तो भारत ने यूनिवर्सिटीज की संख्या (69) के मामले में दूसरा स्थान हासिल किया, केवल चीन (101) से पीछे. कुल रैंकिंग एंट्रीज में भारत चौथे स्थान पर रहा (454), चीन (1,041), जापान (510) और दक्षिण कोरिया (499). टॉप 200 एंट्रीज की संख्या के मामले में भारत रीजन लेवल पर पांचवें स्थान पर है और टॉप 100 एंट्रीज की संख्या के मामले में छठे स्थान पर है.

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