IIT Delhi क्या खो रही है अपनी चमक? पिछले 5 सालों में 22% छात्रों को नहीं मिली नौकरी
Advertisement
trendingNow12219858

IIT Delhi क्या खो रही है अपनी चमक? पिछले 5 सालों में 22% छात्रों को नहीं मिली नौकरी

IIT Delhi: आरटीआई अधिनियम की जानकारी से पता चला है कि आईआईटी दिल्ली के करीब 22 प्रतिशत छात्रों को पिछले 5 सालों में कोई प्लेसमेंट ऑफर नहीं मिला है. साथ ही प्लेसमेंट के दौरान मिलने वाली एवरेज और मीडियन सैलरी में भी गिरावट आई है.

IIT Delhi क्या खो रही है अपनी चमक? पिछले 5 सालों में 22% छात्रों को नहीं मिली नौकरी

IIT Delhi Placement: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी दिल्ली (IIT Delhi) ने सूचना के अधिकार अधिनियम के सवालों के जवाब में 2019-2023 के दौरान अपने छात्रों के लिए नौकरी प्लेसमेंट पर परेशान करने वाला डेटा साझा किया है. इंस्टीट्यूट ने कहा कि इन पांच वर्षों के दौरान प्लेसमेंट चाहने वाले लगभग 22 प्रतिशत छात्रों को नौकरी नहीं मिल पाई. इस खुलासे से इस प्रतिष्ठित इंस्टीट्यूट के ग्रेजुएट्स के लिए रोजगार की संभावनाओं पर चर्चा छिड़ गई है.

इंस्टीट्यूट ने कहा कि इस वर्ष के लिए नौकरी की नियुक्तियां जारी हैं, लेकिन भर्ती पर इंस्टीट्यूट ने सटीक डिटेल देने से इनकार कर दिया है. हालांकि, एक्सपर्ट 2024 के लिए लगभग 40 प्रतिशत की रोजगार दर की भविष्यवाणी कर रहे हैं, जो पिछले वर्षों की प्रगति का प्रतिनिधित्व करते हुए यह भी दर्शाता है कि बड़ी संख्या में छात्र अभी भी नौकरी खोजने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

आरटीआई अधिनियम की जानकारी से पता चलता है कि आईआईटी दिल्ली में एवरेज और मीडियन सैलरी पिछले चार वर्षों से एक समान बनी हुई है. वर्ष 2021-22 में कंपनी की औसत लागत (CTC) 23.8 लाख रुपये और ग्रॉस सैलरी 19.9 लाख रुपये थी. वहीं, वर्ष 2022-23 में एवरेज सैलरी घटकर 21.9 लाख रुपये (CTC) और 18.6 लाख रुपये (Gross) हो गया, जबकि मीडियन सैलरी 19.5 लाख रुपये (CTC) और 17.4 लाख रुपये (Gross) हो गई है.

संबंधित वर्षों के प्लेसमेंट आंकड़े बेरोजगारी की स्थिति की जानकारी देते हैं. वर्ष 2021-22 में, आईआईटी दिल्ली की करियर सर्विस में रजिस्ट्रेशन सभी 1,105 छात्रों को सफलतापूर्वक नौकरी मिल गई थी. वहीं, 2022-23 में इनरोल 1,513 छात्रों में से संख्या थोड़ी बढ़कर 1,270 हो गई. हालांकि, 2021-22 में अभी भी 366 और 2022-23 में 243 सीटें खाली थीं.

आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र और ग्लोबल आईआईटी एलुमनी सपोर्ट ग्रुप के संस्थापक धीरज सिंह ने पिछले पांच वर्षों में आईआईटी दिल्ली में अनचाहे छात्रों की उच्च संख्या पर चिंता व्यक्त की. आरटीआई आवेदन दायर करने वाले सिंह ने चालू वर्ष में गैर-स्थानापन्न छात्रों की संख्या दोगुनी होकर 40 प्रतिशत होने पर आश्चर्य व्यक्त किया और इस गंभीर स्थिति की ओर इशारा किया. उन्होंने जोर देकर कहा कि आईआईटी दिल्ली के अधिकारियों और शिक्षा मंत्रालय को इस मामले को सुलझाना चाहिए और नौकरी संकट पर नियंत्रण पाना चाहिए.

सिंह ने विस्थापित छात्रों की स्थिति के बारे में बताया और बताया कि कैसे बेरोजगारी उनके भावनात्मक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है और उच्च स्तर के तनाव, चिंता और निराशा का कारण बनती है. उन्होंने आईआईटी दिल्ली से इन छात्रों का समर्थन करने और उन्हें नियमित सत्र के बाहर प्लेसमेंट लेने का दूसरा मौका देने का आग्रह किया.

Trending news