IAS Sneha Agarwal: स्नेहा अग्रवाल ने आईएएस बनने का फैसला इसलिए किया, क्योंकि वह ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के जीवन की स्थितियों में सकारात्मक बदलाव लाना चाहती थीं.
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IAS Sneha Agarwal Success Story: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा को क्लियर करना कोई आसान काम नहीं है. परीक्षा पास करने के लिए उम्मीदवारों को सालों-साल कई घंटों तक लगातार परीक्षा की तैयारी करनी पड़ती है. यूपीएससी परीक्षा भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय वन सेवा (IFS), और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) जैसे विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए आयोजित की जाती है. बता दें बहुत कम उम्मीदवार ही इस प्रतियोगी परीक्षा को पास करने में सफल हो पाते हैं. विभिन्न सफल उम्मीदवारों की कहानियां उम्मीदवारों को यूपीएससी की तैयारी के दौरान कड़ी मेहनत जारी रखने के लिए प्रेरित करती रही हैं.
आज, हम एक असाधारण छात्रा की कहानी साझा करेंगे, जिसने एमबीबीएस की डिग्री के बाद सभी रूढ़ियों को तोड़ने और सरकारी सेवाओं में शामिल होने का कदम उठाने का फैसला किया था. स्नेहा अग्रवाल का जन्म और पालन-पोषण हरियाणा के यमुनानगर में हुआ है. उन्होंने 2004 में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) प्री-मेडिकल टेस्ट में टॉप किया था. उन्होंने साल 2009 में एम्स, नई दिल्ली से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी. ग्रेजुएशन के बाद स्नेहा ने आईएएस बनने का फैसला किया, क्योंकि वह ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के जीवन की स्थितियों में सकारात्मक बदलाव लाना चाहती थीं. वह इन क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, रक्षा और स्वच्छता पर ध्यान केंद्रित करना चाहती थीं. इसलिए स्नेहा अग्रवाल ने आईएएस की तैयारी शुरू कर दी.
स्नेहा ने अपने पहले अटेंप्ट में परीक्षा पास करने में असफल रही थीं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और साल 2010 में अपने दूसरे अटेंप्ट में सफलता हासिल कर ही ली. उन्होंने अपने दूसरे अटेंप्ट में ऑल इंडिया 305 रैंक हासिल की थी. हालांकि, वह अपनी इस रैंक से खुश नहीं थीं, इसलिए उन्होंने दोबारा परीक्षा देने का मन बनाया और इस बार अपने तीसरे प्रयास में उन्होंने न सिर्फ परीक्षा पास की बल्कि ऑल इंडिया पहली रैंक भी हासिल की, जिसके बाद उन्हें आईएएस ऑफिसर का पद सौंपा गया. विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डॉ. स्नेहा अग्रवाल वर्तमान में पंजाब के लुधियाना नगर निगम में कमिश्नर के पद पर तैनात हैं.