UPSC Success Story: आईएएस शुभ्रा सक्सेना ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर की बेहरतीन जॉब छोड़कर सिविल सेवा में जाने का फैसला लिया. उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा के दूसरे प्रयास में ही ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल कर आईएएस का पद हासिल कर लिया.
Trending Photos
IAS Shubhra Saxena: आईएएस शुभ्रा सक्सेना का नाम देश के उन युवाओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है, जो सिविल सेवा में जाने का सपना देखते हैं. एक सफल सॉफ्टवेयर इंजीनियर होने के बावजूद उन्होंने समाज सेवा के लिए अपना करियर बदला और यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में टॉप किया. उनकी कहानी हमें बताती है कि दृढ़ संकल्प और मेहनत से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है.
शुरुआती जीवन और शिक्षा
शुभ्रा सक्सेना का जन्म उत्तर प्रदेश के बरेली में हुआ था. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा झारखंड के डीएवी स्कूल (रांची जोन) से पूरी की. इसके बाद उन्होंने 2002 में आईआईटी रुड़की से सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की.
कॉर्पोरेट जगत से सिविल सेवा की ओर
आईआईटी रुड़की से ग्रेजुएट होने के बाद शुभ्रा सक्सेना ने एक सफल सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में अपना करियर शुरू किया. लेकिन कुछ समय बाद उन्हें लगा कि उन्हें कुछ और करना है. समाज सेवा के प्रति उनका झुकाव बढ़ता गया और उन्होंने सिविल सेवा का रास्ता चुन लिया.
यूपीएससी परीक्षा में सफलता
शुभ्रा सक्सेना ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी और पूरी तरह से पढ़ाई में लग गईं. उन्होंने दिन में औसतन 8 घंटे पढ़ाई की और परीक्षा के दौरान यह समय 10-12 घंटे तक बढ़ गया. अपनी मेहनत और लगन के बल पर उन्होंने अपने दूसरे प्रयास में ही यूपीएससी सिविल सेवा 2008 परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल की.
सिविल सेवा में योगदान
यूपीएससी परीक्षा पास करने के बाद शुभ्रा सक्सेना 2009 बैच की आईएएस अधिकारी बनीं. उन्हें उत्तर प्रदेश कैडर मिला. उन्होंने विभिन्न जिलों जैसे - रायबरेली, हरदोई, शाहजहांपुर, बुलंदशहर, रामपुर, अमरोहा, श्रावस्ती में जिलाधिकारी के रूप में कार्य किया. इसके अलावा उन्होंने कई महत्वपूर्ण पदों जैसे - आगरा डेवलपमेंट अथॉरिटी की वाइस चेयरमैन, डिपार्टमेंट ऑफ मेडिकल एजुकेशन, लखनऊ में स्पेशल सेक्रेटरी पर रहकर प्रशासनिक सेवाएं दीं. वर्तमान में वह इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया में डायरेक्टर के पद पर कार्यरत हैं.