Deputy Chief Minister Powers and Rights: डिप्टी सीएम एक राजनीतिक पद है जिसमें एक सीएम द्वारा नियुक्त किए जाने वाले डिप्टी सीएम की संख्या की कोई सीमा नहीं है.
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Role of Deputy CM: राज्यों में डिप्टी चीफ मिनिस्टर बनाए गए हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जब डिप्टी सीएम नहीं होते थे तो उनका काम कौन करता था, मतलब हम बात कर रहे हैं कि डिप्टी सीएम का काम क्या है और देश भर में कितने राज्यों में कितने डिप्टी सीएम मौजूद हैं.
डिप्टी सीएम की संख्या की जब बात आती है तो 5 डिप्टी सीएम के साथ आंध्र प्रदेश लिस्ट में सबसे ऊपर आता है. इसके बाद उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मेघालय और नागालैंड में दो-दो डिप्टी सीएम हैं. इस तरह देश के 14 राज्यों में कुल 26 डिप्टी सीएम हैं.
डिप्टी सीएम की पावर
डिप्टी सीएम की पावर की बात करें तो किसी भी राज्य के उपमुख्यमंत्री की पावर एक कैबिनेट मंत्री के बराबर की होती है. एक डिप्टी सीएम के पास जो विभाग हो वह उसके सभी फैसले ले सकता है. एक डिप्टी सीएम को वही सैलरी, भत्ता और सुविधाएं मिलती हैं जो एक कैबिनेट मंत्री को मिलती हैं. राज्य में मुख्यमंत्री के बाद उपमुख्यमंत्री दूसरे नंबर पर होता है.
डिप्टी सीएम के पास मुख्यमंत्री की तुलना में अपेक्षाकृत छोटे विभाग होते हैं और उप मुख्यमंत्री का वास्तविक महत्व उनके पास मौजूद पोर्टफोलियो पर आधारित होता है.
डिप्टी सीएम के पास कोई स्पेशल फाइनेंशियल पावर नहीं होती हैं. उनके पास दूसरे कैबिनेट मंत्रियों के बराबर ही फाइनेंशियल पावर होती हैं. अपने पोर्टफोलियो के लिए भी डिप्टी सीएम को आवंटित बजट से ज्यादा किसी भी खर्च के लिए मुख्यमंत्री की मंजूरी लेनी पड़ती है. डिप्टी सीएम के पास सीएम के लिए निर्धारित फाइलों को देखने का कोई अधिकार नहीं है और डिप्टी सीएम को आवंटित विभाग डिप्टी सीएम के माध्यम से सीएम को भेजे जाते हैं.
डिप्टी सीएम एक राजनीतिक पद है जिसमें एक सीएम द्वारा नियुक्त किए जाने वाले डिप्टी सीएम की संख्या की कोई सीमा नहीं है. यह पॉलिटिकल पार्टी पर होता है कि वह कितने डिप्टी सीएम बनाना चाहती है.