UPSC Success Story: पति से चल रहा था तलाक का मामला, यूपीएससी रिजल्ट आया तो 7 साल के बच्चे की मां बन गईं अफसर
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UPSC Success Story: पति से चल रहा था तलाक का मामला, यूपीएससी रिजल्ट आया तो 7 साल के बच्चे की मां बन गईं अफसर

IAS Shivangi Goyal Success Story: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2021 में 177वीं रैंक हासिल करने वाली गोयल ने अपने परिवार पर ध्यान देते हुए सेल्फ स्टडी और सख्त रुटीन से अपना लक्ष्य हासिल किया.

UPSC Success Story: पति से चल रहा था तलाक का मामला, यूपीएससी रिजल्ट आया तो 7 साल के बच्चे की मां बन गईं अफसर

Shivangi Goyal IAS: यूपी के हापुड़ के पिलखुवा की रहने वाली शिवांगी गोयल ने यूपीएससी में 177वीं रैंक हासिल कर अपने परिवार और पूरे जिले का नाम रोशन किया है. लेकिन शादी और 7 साल के बच्चे के साथ उनकी सफलता की जर्नी बहुत कठिन रही. 

सभी बाधाओं के खिलाफ स्कोर करते हुए शिवांगी की सफलता की जर्नी दुनिया भर में कई महिलाओं के सामने आने वाली स्थिति के समान थी, घरेलू दुर्व्यवहार और उनके ससुराल वालों द्वारा उत्पीड़न की घटनाओं से भरी हुई थी. शिवांगी ने यूपीएससी परीक्षा ऐसे समय पास जब उनका पति के साथ तलाक का मामला चल रहा था.

एक रिपोर्ट के मुताबिक, शिवांगी गोयल ने खुलासा किया कि वह शादी से पहले भी एक आईएएस अधिकारी बनना चाहती थीं, लेकिन दो अटेंप्ट में असफल रहीं. वह बताती हैं कि शादी के बाद उनके ससुराल में उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया और घरेलू हिंसा का शिकार हुईं. प्रताड़ना से तंग आकर आखिरकार वह अपनी बेटी को लेकर मायके लौट आईं और तलाक का मामला फिलहाल कोर्ट में है.

वापस लौटने पर उन्होंने कहा, उनके पिता ने उन्हें फिर से कुछ करने के लिए प्रोत्साहित किया और तब उन्होंने फिर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करने और एक और अटेंप्ट करने के बारे में सोचा. शिवांगी ने कहा कि वह बचपन से ही इस दिन का सपना देख रही थीं और आखिरकार वह दिन आ ही गया.

शिवांगी अपनी सफलता का क्रेडिट अपने माता-पिता और अपनी बेटी रैना को देती हैं, उनकी उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि एक महिला जो चाहे हासिल कर सकती है और गलत के खिलाफ बोलने से डरना नहीं चाहिए.

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2021 में 177वीं रैंक हासिल करने वाली गोयल ने अपने परिवार पर ध्यान देते हुए सेल्फ स्टडी और सख्त रुटीन से अपना लक्ष्य हासिल किया. उनकी कहानी यह बताती है कि घरेलू शोषण के शिकार लोगों को अपनी जमीन पर खड़ा होना चाहिए और उत्पीड़न से मुक्त होना चाहिए.

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