IAS Bhavishya Malika: देसाई ने अपनी स्कूली शिक्षा अजमेर और कोटा में की. फिर उन्होंने IIT-JEE परीक्षा पास की और IIT कानपुर से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की.
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UPSC, Bhavishya Desai: जब UPSC CSE 2021 का रिजल्ट घोषित हुआ तो राजस्थान के भविष्य देसाई ने अपने पहले ही अटेंप्ट में ऑल इंडिया रैंक 29 के साथ यूपीएससी क्लियर कर लिया. भविष्य की कहानी एक भारतीय सिविल सेवक की प्रतिष्ठित नौकरी के पक्ष में हाई पैकेज वाले कॉर्पोरेट भविष्य को अस्वीकार करने की कहानी है. देसाई ने 55 लाख रुपये के सैलरी पैकेज के साथ एक शेयर मार्केट फर्म में एक आकर्षक नौकरी छोड़ दी.
अजमेर शहर के रहने वाले देसाई की नजर कॉलेज में ही यूपीएससी पर टिकी थी. इतनी ज्यादा सैलरी वाली नौकरी छोड़ना एक बड़ा जोखिम है, लेकिन भावी नौकरशाह ने कोई कसर नहीं छोड़ी.
उनकी पढ़ाई शासन गहन और अत्यधिक अनुशासित था, जिसने गारंटी दी कि उन्होंने पहले प्रयास में भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक में सफलता प्राप्त की. देसाई ने सुनिश्चित किया कि कोई विक्षेप न हो. उन्होंने स्मार्टफोन और सोशल मीडिया दूरी बनाई. दो साल तक वह तैयारी के अलावा हर चीज से दूर एक कमरे के अंदर रहे.
देसाई ने अपनी स्कूली शिक्षा अजमेर और कोटा में की. फिर उन्होंने IIT-JEE परीक्षा पास की और IIT कानपुर से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की. अपने कॉलेज के सालों के दौरान सिविल सेवा परीक्षा में जाने का विचार उनके दिमाग में बैठ गया था. उन्होंने गुरुग्राम स्थित एक ट्रेडिंग फर्म द्वारा 55 लाख रुपये के पैकेज के प्रस्ताव को ठुकरा दिया.
देसाई भारत के वर्तमान विदेश मंत्री एस जयशंकर को देखते हैं और उनसे प्रेरित हैं, जो एक सम्मानित पूर्व सिविल सेवक हैं. 100 से कम ऑल इंडिया रैंक के साथ यूपीएससी क्लियर करते हुए देसाई ने भारतीय विदेश सेवा में शामिल होने के लिए अर्हता प्राप्त करने के लिए निर्धारित लक्ष्य हासिल किया.
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