Farmers Income: मिशन का मकसद सुगंधित तेलों और अन्य सुगंधित उत्पादों को तैयार करने में उद्यमिता को बढ़ावा देना और जरूरी सुगंधित तेलों का आयात कम करना है. कलाईसेल्वी ने कहा कि ‘पर्पल यानी बैंगनी क्रांति’ के तहत लेमनग्रास (औषधीय पौधा) का निर्यात 600 गुना बढ़ गया है.
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Aroma Mission: वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) की महानिदेशक एन कलाईसेल्वी ने कहा कि सरकार के 'अरोमा मिशन' के कारण किसानों की आमदनी दोगुनी से अधिक हो गई है. कलाईसेल्वी ने सीएसआईआर (CSIR) के 82वें स्थापना दिवस समारोह की तैयारियों के बारे में बातचीत करते हुए कहा कि सीएसआईआर किसानों की आमदनी दोगुनी करने की दिशा में काम कर रहा है. अरोमा मिशन के तहत किसानों की आमदनी दो से ढाई गुना तक बढ़ी है. अरोमा मिशन को ‘बैंगनी क्रांति’ के नाम से भी जाना जाता है.
लेमनग्रास का निर्यात 600 गुना बढ़ गया
इस योजना को जम्मू-कश्मीर में क्रियान्वित किया गया. इसका उद्देश्य सुगंधित फसलों की खेती में लगे किसानों के लिये ग्रामीण रोजगार पैदा करना है. मिशन का मकसद सुगंधित तेलों और अन्य सुगंधित उत्पादों को तैयार करने में उद्यमिता को बढ़ावा देना और जरूरी सुगंधित तेलों का आयात कम करना है. कलाईसेल्वी ने कहा कि ‘पर्पल यानी बैंगनी क्रांति’ के तहत लेमनग्रास (औषधीय पौधा) का निर्यात 600 गुना बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि किसानों को न केवल बीज और पौधे उपलब्ध कराये गये हैं, बल्कि खेती की प्रक्रिया भी सिखाई गई है.
वैज्ञानिक प्रयोगशाला में बैठकर निगरानी नहीं कर रहे
सीएसआईआर की महानिदेशक ने कहा, 'केवल किसानों को ही नहीं, बल्कि उनके परिवारों को भी खेती के गुर सिखाये जा रहे हैं. हम पूरे परिवार का हाथ थामते हैं और वैज्ञानिक अब प्रयोगशाला में बैठकर निगरानी नहीं कर रहे हैं.' उन्होंने कहा, 'वैज्ञानिक अब किसानों तक पहुंच रहे हैं. वे धान के खेत या उस क्षेत्र में भी जाते हैं जहां फसल या पौधे उगाये जाते हैं और कटाई के बाद भी किसानों को जो भी मदद की आवश्यकता होती है, वैज्ञानिक उन्हें प्रदान करते हैं.'
क्या है बैंगनी क्रांति?
बैंगनी क्रांति यानी अरोमा मिशन, इसमें जम्मू-कश्मीर में लैवेंडर की खेती दिनों दिन तेजी से बढ़ रही है. लैवेंडर का बैंगनी कल कर फूल होता है, इसी कारण इसे बैंगनी क्रांति का नाम दिया गया. इसे पहले जम्मू-कश्मीर के छोटे-छोटे हिस्सों में उगाया जाता था. लेकिन भद्रवाह के भारत भूषण की कामयाबी के बाद इस खेती का स्वरूप ही बदल गया. जल शक्ति मंत्रालय में गार्ड की नौकरी करने वाले भारत भूषण ने सीएसआईआर के कहने पर जमीन के छोटे हिस्से पर बैंगनी फूलों की पैदावार की. पिछले कुछ सालों में उनकी लॉटरी लग गई. मीडिया से बात करते हुए भूषण ने पिछले दिनों बताया था कि शुरुआती दो सालों में मेरी कमाई दोगुनी हुई. लेकिन अब मैं जो कमा रहा हूं वह पिछले दस साल की कमाई का चार गुना है.