Budget 2023: 'इनकम टैक्स स्लैब' बजट का ऐसा टॉपिक रहता है, जिस हर किसी की नजर टिकी रहती है. इस बार 1 फरवरी 2023 को पेश होने वाले आम बजट से पहले नौकरी पेशा वर्ग इनकम टैक्स के स्लैब में बदलाव की उम्मीद कर रहा है.
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Budget Session 2023: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारण आज आम बजट पेश करने जा रही हैं. 'इनकम टैक्स स्लैब' बजट का ऐसा टॉपिक रहता है, जिस हर किसी की नजर टिकी रहती है. इस बार 1 फरवरी 2023 को पेश होने वाले आम बजट से पहले नौकरी पेशा वर्ग इनकम टैक्स के स्लैब में बदलाव की उम्मीद कर रहा है.
आजादी से पहले ही शुरू हो गया था टैक्स
आजादी के बाद से लेकर अब तक टैक्स हर सरकार लेती आ रही है. बताया जाता है कि आजादी से 82 साल पहले ही आमदनी पर टैक्स की व्यवस्था लागू कर दी गई थी.
1949-50 के बजट में तय हुईं इनकम टैक्स की दरें
आजादी के बाद भारत में पहली बार 1949-50 के बजट में इनकम टैक्स की दरें तय की गई. इससे पहले 10 हजार तक की सालाना आमदनी पर 4 पैसे टैक्स चुकाना पड़ता था. बाद में इसे घटाकर 10,000 रुपये तक की आमदनी पर 3 पैसे कर दिया गया. वहीं 10 हजार से ज्यादा कमाने वालों को टैक्स के रूप में 1.9 आना देना होता था.
1,500 रुपये तक की आय थी टैक्स फ्री
1949-50 के बजट में इनकम टैक्स की दरें तय होने के बाद 1,500 रुपये तक की आय पर किसी तरह का इनकम टैक्स नहीं देना होता था. इस बजट में 1,501 रुपये से 5,000 रुपये तक की आय पर 4.69 फीसदी इनकम टैक्स का प्रावधान था. वहीं 5,001 रुपये से 10,000 रुपये तक की आय पर 10.94 फीसदी टैक्स चुकाना होता था.
सबसे ज्यादा 31.25 प्रतिशत टैक्स
इसके ऊपर 10,001 रुपये से लेकर 15,000 रुपये तक की आय वालों को 21.88 प्रतिशत के हिसाब से आयकर चुकाना पड़ता था. 15,001 रुपये से अधिक आय वालों के लिए इनकम टैक्स का स्लैब 31.25 प्रतिशत था. उसके बाद साल दर साल टैक्स के नियमों में बदलाव किए गए.
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