Tomato Price Today: आजादपुर सब्जी मंडी के थोक विक्रेता संजय भगत ने कहा, ‘हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन और भारी बारिश के कारण सब्जियों के ट्रांसपोर्टेशन में परेशानी हो रही है. उत्पादकों से सब्जियों को लाने में छह-आठ घंटे ज्यादा लग रहे हैं.
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Tomato Retail Price: टमाटर के लगातार बढ़ते रेट सरकार और जनता दोनों के लिए समस्या बनते जा रहे हैं. टमाटर की कीमत में महीने भर से जारी तेजी के बीच थोक व्यापारियों ने आने वाले दिनों में भाव 300 रुपये प्रति किलो तक पहुंचने की आशंका जताई है. थोक कारोबारियों ने आवक कम होने से टमाटर के दाम बढ़ने की बात कही है. उनका कहना है कि इसका असर खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी के रूप में देखने को मिल सकता है.
थोक रेट बढ़कर 220 रुपये प्रति किलो पर पहुंचा
दिल्ली की आजादपुर टमाटर एसोसिएशन के अध्यक्ष और कृषि उपज विपणन समिति (APMC) के सदस्य अशोक कौशिक ने कहा, ‘पिछले तीन दिनों में टमाटर की आवक कम हो गई है क्योंकि भारी बारिश के कारण उत्पादक क्षेत्रों में फसल खराब हो गई है.’ उन्होंने कहा कि थोक बाजार में टमाटर के रेट 160 रुपये प्रति किलो से बढ़कर 220 रुपये प्रति किलो हो गए हैं, जिसके कारण खुदरा कीमतें भी बढ़ सकती हैं. उन्होंने कहा कि थोक विक्रेताओं को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि टमाटर, शिमला मिर्च और अन्य मौसमी सब्जियों की बिक्री में भारी गिरावट आई है.
एक महीने से ज्यादा समय से चढ़े हैं रेट
प्रमुख उत्पादक क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण आपूर्ति बाधित होने से टमाटर की कीमत एक महीने से ज्यादा समय से चढ़ी हुई है. आजादपुर सब्जी मंडी के थोक विक्रेता संजय भगत ने कहा, ‘हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन और भारी बारिश के कारण सब्जियों के ट्रांसपोर्टेशन में परेशानी हो रही है. उत्पादकों से सब्जियों को लाने में छह-आठ घंटे ज्यादा लग रहे हैं. इस स्थिति में टमाटर की कीमत करीब 300 रुपये प्रति किलो तक पहुंच सकती है.’
उन्होंने कहा कि टमाटर और अन्य सब्जियां जो हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र से आती हैं, उनकी गुणवत्ता में गिरावट आई है. हिमाचल प्रदेश में जुलाई में भारी बारिश होने से फसलों को नुकसान हुआ है. इस बीच, मदर डेयरी अपने 'सफल स्टोर' के जरिये टमाटर की बिक्री 259 रुपये प्रति किलो पर कर रही है. केंद्र सरकार 14 जुलाई से ही रियायती दर पर टमाटर की बिक्री कर रही है. इससे राष्ट्रीय राजधानी में खुदरा कीमतें नरम पड़नी शुरू हो गई थीं लेकिन आपूर्ति में कमी आने से कीमतें दोबारा बढ़ने लगी हैं.