Sri Lanka Crisis: तंगहाली से उबरेगा श्रीलंका? राहत पैकेज के ल‍िए IMF से बातचीत करेंगे राष्ट्रपति
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Sri Lanka Crisis: तंगहाली से उबरेगा श्रीलंका? राहत पैकेज के ल‍िए IMF से बातचीत करेंगे राष्ट्रपति

Sri Lanka Crisis: श्रीलंका का सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन क्षेत्र पहली बार 2019 में तब प्रभावित हुआ था जब वहां के चर्च और होटलों पर इस्लामी चरमपंथियों ने हमला किया था. इसके बाद कोरोना महामारी ने श्रीलंका के पर्यटन क्षेत्र को तगड़ झटका दिया था.

Sri Lanka Crisis: तंगहाली से उबरेगा श्रीलंका? राहत पैकेज के ल‍िए IMF से बातचीत करेंगे राष्ट्रपति

Sri Lanka Crisis: तंगहाली से गुजर रहे श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) की टीम के साथ राहत पैकेज पर बातचीत शुरू की. आईएमएफ (IMF) की टीम श्रीलंका के मौजूदा आर्थिक संकट का आकलन करने कोलंबो पहुंचा हुआ है. इस महत्वपूर्ण बातचीत का उद्देश्य राहत पैकेज को अंतिम रूप देना और नकदी संकट से जूझ रहे देश के लिए कर्मचारी-स्तर के करार को पूरा करना है.

आर्थिक संकट के बीच यह मुलाकात बेहद खास
तीन महीने में दूसरी बार आईएमएफ की टीम श्रीलंका आई है. यह टीम ऐसे समय में यहां आई है, जबकि श्रीलंका वाशिंगटन स्थित वैश्विक ऋणदाता के साथ पांच अरब डॉलर के करार को अंतिम रूप देना चाहता है. श्रीलंका के मौजूदा आर्थिक संकट के मद्देनजर यह कार्यक्रम खासा महत्व रखता है. राष्ट्रपति कार्यालय ने बयान में कहा कि पहले दौर की वार्ता आज शुरू हुई. इसमें आईएमएफ के प्रतिनिधिमंडल ने देश के मौजूदा आर्थिक संकट का आकलन किया.

26 अगस्त को शुरू होगी दूसरे दौर की बातचीत
अधिकारियों ने बताया कि दूसरे दौर की बातचीत 26 अगस्त को शुरू होगी. इसमें प्रतिनिधिमंडल श्रीलंका के केंद्रीय बैंक के गवर्नर नंदलाल वीरसिंघे के साथ तकनीकी स्तर की वार्ता करेगा. इससे पहले जुलाई में श्रीलंका के बेकाबू हालात के बीच आर्थिक संकट को लेकर सरकार का विरोध और उग्र हो गया था. हजारों प्रदर्शनकार‍ियों ने संसद भवन पर कब्‍जा कर लि‍या था.

क्या हुआ श्रीलंका की अर्थव्यवस्था को?
श्रीलंका का सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन क्षेत्र पहली बार 2019 में तब प्रभावित हुआ था जब वहां के चर्च और होटलों पर इस्लामी चरमपंथियों ने हमला किया था. इसके बाद कोरोना महामारी ने श्रीलंका के पर्यटन क्षेत्र को तगड़ झटका दिया था. सरकारी कर कटौती से इसके खजाने में और कमी आई. श्रीलंका में दवाओं से लेकर खाने और ईंधन तक सब कुछ आयात करने के लिए आवश्यक विदेशी मुद्रा शून्य हो गई.

कैसे प्रभावित हुई श्रीलंका की जनता?
श्रीलंकाई लोगों ने महीनों तक दवा और खाने की कमी और ब्लैकआउट का सामना किया. जबकि रूस और अन्य लोगों से रियायती तेल के लिए अनुरोध के बावजूद ईंधन स्टेशनों में पेट्रोल और डीजल नदारद हो गए. जिसका नतीजा यह हुआ कि श्रीलंका में महंगाई सातवें आसमान पर पहुंच गई. महंगाई के मामले में श्रीलंका जिम्बाब्वे के बाद दूसरे स्थान पर है. संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि श्रीलंका एक गंभीर मानवीय संकट का सामना कर रहा है. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक खाने की कमी के कारण तीन-चौथाई से अधिक श्रीलंका की आबादी ने अपने खुराक में कटौती कर दी थी.

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