Small Savings Schemes: नए साल से पहले सरकार स्मॉल सेविंग्स स्कीम की ब्याज दरों में संशोधन करेगी. माना जा रहा है कि इस बार सरकार पीपीएफ समेत कई छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें बढ़ा सकती है.
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Small Savings Schemes Interest Rates: नया साल आने में बस कुछ दिन बाकी हैं. इस बार न्यू ईयर पर सरकार मिडिल क्लास को बड़ा तोहफा दे सकती है. जनवरी महीने में सरकार स्मॉल सेविंग्स स्कीम की ब्याज दरों में संशोधन करेगी. माना जा रहा है कि इस बार सरकार पीपीएफ समेत कई छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें बढ़ा सकती है.
29 दिसंबर को होने वाली मीटिंग में सरकार जनवरी-मार्च 2024 के लिए ब्याज दरें तय कर सकती है. इसमें पब्लिक प्रोविडेंट फंड से लेकर नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट, किसान विकास पत्र, सुकन्या समृद्धि अकाउंट पर सरकार ब्याज दरों में बदलाव कर सकती है.
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम पर अभी सबसे ज्यादा है ब्याज
एक्सपर्ट की मानें तो इस बार सरकार सिक्योरिटीज यील्ड के रुझान को देखते हुए दरों में इजाफा कर सकते है. अभी पब्लिक प्रोविडेंट फंड स्कीम पर सरकार 7.1 फीसदी की दर से ब्याज दे रहा है. वहीं, सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम पर ब्याज की दर 8.2 फीसदी है. सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम पर ब्याज की दर सबसे ज्यादा है.
हर तिमाही होती है ब्याज दरों की समीक्षा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार स्मॉल सेविंग स्कीम की दरों पर फैसला लेने से पहले लिक्विडिटी और महंगाई दोनों ही फैक्टर पर नजर रखती है. छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों की समीक्षा हर तिमाही की जाती है.
आइए चेक करिए अभी किस स्कीम पर कितना ब्याज मिल रहा है-
स्मॉल सेविंग्स स्कीम का नाम | ब्याज दर |
सेविंग डिपॉजिट | 4% |
1-साल की एफडी | 6.9% |
2-साल की एफडी | 7% |
3-साल की एफडी | 7% |
5-साल की एफडी | 7.5% |
5-वर्षीय रिकरिंग डिपॉजिट | 6.7% |
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) | 7.7% |
किसान विकास पत्र | 7.5 % (115 महीने में मैच्योर होगा) |
पब्लिक प्रोविडेंट फंड | 7.1% |
सुकन्या समृद्धि अकाउंट | 8% |
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम | 8.2% |
मंथली इनकम स्कीम | 7.4% |
1 अक्टूबर को किया गया था बदलाव
वित्त मंत्रालय ने आखिरी बार 1 अक्टूबर, 2023 को ब्याज दरें जारी की थी. यह ब्याज दरें 31 दिसंबर 2023 तक के लिए थी. अक्टूबर महीने में सरकार ने केवल 5 साल की आरडी पर ब्याज दर को 6.5 फीसदी से बढ़ाकर 6.7 फीसदी किया गया था. इसके अलावा किसी भी स्कीम की ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया था. यानी कि अन्य स्कीमों पर ब्याज की दर जस की तस ही रखी थी. अब देखना ये होगा कि अगली तिमाही के लिए सरकार ब्याज दरों में कितना बदलाव करती है.