Investment: वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) में पैसा लगाने वाले निवेशकों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए मानदंडों में संशोधन किया जाएगा. छोटे और मध्यम रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (एसएम-आरईआईटी) की सुविधा के लिए एक नया नियामक ढांचा भी स्थापित किया जाएगा.
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SEBI Update: सेबी की ओर से अब कई अहम फैसले किए गए हैं. इनके जरिए अब सेबी की ओर से कई मंजूरी भी दी गई है. बाजार नियामक सेबी ने शनिवार को सूचकांक प्रदाताओं के लिए एक नियामक ढांचा पेश करने को मंजूरी दी. इसके साथ ही शेयर बाजारों के जरिए धन जुटाने में गैर-लाभकारी संगठनों (एनपीओ) को लचीलापन देने का फैसला भी किया गया. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के बोर्ड ने आयोजित बैठक के दौरान ये फैसले किए.
सेबी का आया अपडेट
वहीं निवेशकों के हितों के लिए भी सेबी की ओर से समय-समय पर कई कदम उठाए जाते रहे हैं. इसके अलावा वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ) में पैसा लगाने वाले निवेशकों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए मानदंडों में संशोधन किया जाएगा. छोटे और मध्यम रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (एसएम-आरईआईटी) की सुविधा के लिए एक नया नियामक ढांचा भी स्थापित किया जाएगा.
बाजार को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने में मदद
सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच ने एसएम-आरईआईटी के बारे में कहा कि इसका मकसद बाजार को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने में मदद करना है, ताकि अधिक संख्या में खुदरा निवेशकों को आरईआईटी इकाइयों में आंशिक स्वामित्व मिल सके. बुच ने बोर्ड बैठक के बाद कहा कि सेबी ऐसे और उत्पाद बनाने पर विचार करने को तैयार है. एक बयान में नियामक ने कहा कि सामाजिक शेयर बाजारों के जरिए एनपीओ के धन जुटाने में लचीलापन लाया जाएगा.
न्यूनतम निर्गम की सीमा को घटाया गया
इस संबंध में सामाजिक शेयर बाजार पर ‘जीरो कूपन जीरो प्रिंसिपल’ (जेडसीजेडपी) बॉन्ड जारी करने वाले एनपीओ के लिए न्यूनतम निर्गम की सीमा को एक करोड़ रुपये से घटाकर 50 लाख रुपये कर दिया जाएगा. इसके अलावा प्रतिभूति बाजार में वित्तीय मानकों के प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाने के लिए सूचकांक प्रदाताओं के लिए एक नियामक ढांचा पेश किया जाएगा. (इनपुट: भाषा)